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दोहा अटैक पर मुस्लिम देश भड़के, इजरायल बोला निर्णय लेना होगा

इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता कराने वाले देश कतर में एयरस्ट्राइक के बाद अरब देशों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. मिडिल ईस्ट में एक बार फिर से तनाव बढ़ चुका है. कतर की राजधानी दोहा में एक इमारत को आईडीएफ (इजरायली रक्षा बल) ने टारगेट किया था. आईडीएफ का दावा है कि हमास नेतृत्व का खात्मा किया गया है. वहीं हमास ने कहा है कि हमला फेल रहा, हमारा शीर्ष नेतृत्व सुरक्षित है.

दोहा में हुए अटैक पर संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल की मंशा पर सवाल उठाए, तो वहीं इजरायल की ओर से कहा गया है कि यूरोप और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को ये निर्णय लेना होगा कि वो इजरायल के साथ हैं, या कट्टरपंशी इस्लामी आतंकवादियों के साथ हैं.

दोहा में किए गए हमले की पीएम नेतन्याहू ने ली जिम्मेदारी

कतर की राजधानी दोहा मंगलवार को एक के बाद एक तकरीबन 8 विस्फोटों से दहल गई. ये धमाके एक इमारत को लक्ष्य बनाकर किए गए थे. बताया जा रहा है कि इमारत में हमास नेतृत्व था, जो गाजा से निर्वासित होकर कतर की शरण में था. ये वही नेतृत्व है, जो इजरायल के साथ बातचीत करता है. इजरायल ने दावा किया है कि जिन लोगों को निशाना बनाया गया उनमें हमास के मुख्य वार्ताकार खलील अल-हय्या भी शामिल था.

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, “हमास के शीर्ष आंतकवादी सरगनाओं के खिलाफ आज की कार्रवाई पूरी तरह एक स्वतंत्र अभियान था. इजरायल ने इस अभियान की शुरुआत की, इसका संचालन किया और इजरायल इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता है.”

खलील अल-हय्या और हमास नेताओं की हत्या का प्रयास विफल 

हमास का दावा है कि इजरायली अटैक फेल रहा है. प्रमुख वार्ताकार खलील अल हय्या सुरक्षित हैं. लेकिन निचले दर्जे के पांच सदस्यों की मौत हुई है, हमास अधिकारी ने बताया कि हमले में अल-हय्या के बेटे हुमाम और उनके एक शीर्ष सहयोगी की मौत हो गई है. 

वहीं कतर के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि “हमले में देश की सुरक्षा बल का एक सदस्य मारा गया है और कई घायल हो गए हैं.”

कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल अंसारी ने कहा कि, “इस कायराना इजराइली हमले में दोहा में हमास के राजनीतिक ब्यूरो के कई सदस्यों के आवासीय भवनों को निशाना बनाया गया.”

गुस्से में अरब देश, सऊदी अरब ने गंभीर परिणामों की चेतावनी दी

इजरायल की एयरस्ट्राइक के बाद अरब देश भड़के हुए हैं. सऊद अरब समेत लगभग सभी अरब देशों ने इस हमले की निंदा की है. सऊदी विदेश मंत्रालय ने कहा कि, “हम क्रूर इजराइली आक्रमण और कतर के सहयोगी राष्ट्र की संप्रभुता के घोर उल्लंघन की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और कतर के लिए अपनी पूर्ण एकजुटता दिखाते हैं.”

सऊदी अरब ने इजरायल को अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों और सभी मानदंडों के घोर उल्लंघन के परिणामस्वरूप होने वाले गंभीर परिणामों की चेतावनी दी.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस हमले की निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, “सभी पक्षों को स्थायी युद्ध विराम हासिल करने के लिए काम करना चाहिए, न कि उसे नष्ट करने के लिए.”

यूरोप को चुनना होगा इजरायल या आतंकवादी, हमारी लड़ाई कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ: इजरायली रक्षा मंत्री

सोमवार को राजधानी येरुशलम में हुए आतंकी हमले के बाद इजरायल गुस्से में है. दो फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने येरुशलम में रामोट जंक्शन पर बसों में सवार यहूदियों की हत्या कर दी थी, हालांकि दोनों हमलावरों  को भी एक सशस्त्र नागरिक और पुलिस के पलटवार में ढेर कर दिया गया था. 

लेकिन इजरायल ने इस हमले को भयानक बताते हुए यूरोपीय और पश्चिमी देशों से कहा है कि “हम कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं. यूरोप और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, हर देश को अब एक स्पष्ट निर्णय लेना होगा: वे इजरायल के पक्ष में हैं? या जिहादियों के पक्ष में?”

बंधकों की वापसी की संभावना और अनिश्चित हुई: बंधकों का परिवार

दोहा में हुए हमले के बाद अपहृत लोगों के परिवारों ने कहा, “जो लोग कैद से वापस लौटे हैं, उन्होंने हमें बताया है कि बंधकों पर लिया जाने वाला बदला बहुत क्रूर होता है. अब उनकी सुरक्षित वापसी की संभावना पहले से कहीं ज़्यादा अनिश्चित हो गई है.”

परिजनों की ओर से जारी बयान में कहा गया, “48 बंधकों की जान किसी भी पल खतरे में पड़ सकती है. कुछ की हत्या हो सकती है और कुछ हमेशा के लिए गायब हो सकते हैं. अब समय आ गया है कि युद्ध को खत्म किया जाए.”

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