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नागपुर हिंसा का बांग्लादेशी कनेक्शन, कब्र खोदकर निकालेगी उपद्रवियों को महाराष्ट्र पुलिस

17 मार्च को नागपुर में फैली हिंसा को लेकर साइबर सेल ने किया है बांग्लादेशी कनेक्शन का खुलासा. औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर शुरु हुई हिंसा को और भड़काने के लिए विदेश में रची गई साजिश. जांच में पता चला है कि नागपुर में जो हिंसा हुई, उसके बाद बांग्लादेश से सोशल मीडिया पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है.
बांग्लादेश से अफवाह उड़ाई जा रही है और लोगों को भड़काया जा रहा है. महाराष्ट्र पुलिस ने फेसबुक से ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट्स को फौरन ब्लॉक करने की मांग की है, जिनकी वजह से नागपुर में अफवाह उड़ाई गई, और गलत-गलत सूचनाएं प्रसारित की गईं.

बांग्लादेश से लोगों को भड़काया गया, पोस्ट में लिखी गईं अनाप-शनाप बातें

नागपुर में शुरु हुई हिंसा के दौरान एक के बाद एक कई आपत्तिजनक बातें सोशल मीडिया पर लिखी गईं, जिसे पढ़कर लोग भड़क गए. जांच में पता चला है कि लोगों को भड़काने वाले कई पोस्ट बांग्लादेशी यूजर्स की थीं. इसके अलावा भी भारतीय महिलाओं को लेकर आपत्तिजनकर बातें लिखीं गईं. हिंसा में लोगों की मौतों की बात कही गई, जो कि एक अफवाह थी.

साइबर सेल की जांच में पता चला है कि लोगों को भड़काने वाली अधिकतर पोस्ट बांग्लादेश से संचालित की गई थीं. एजेंसियों ने फेसबुक से फौरन ऐसे अकाउंट को ब्लॉक करने का अनुरोध किया है, जो अफवाह फैला रहे हैं और लोगों को भड़काने के लिए कुछ भी उल्टा सीधा और तथ्यहीन लिख रहे हैं. ऐसे पोस्ट सिर्फ नफरत फैलाने के लिए कही जा रही हैं.

हिंसा भड़काने वालों को कब्र से खोदकर निकालेंगे: सीएम देवेंद्र फडणवीस

विधानसभा में हिंसा को लेकर बोलते हुआ सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उन लोगों को चेतावनी दी, जो हिंसा में शामिल रहे, जिन्होंने अफवाह फैलाई और लोगों को भड़काया.

सीएम फडणवीस ने कहा, “नागपुर में स्थिति काबू में है. लेकिन नागपुर में साल 1992 के बाद से कभी दंगे नहीं हुए और यह हालिया घटनाएं जानबूझकर भड़काई गईं. जिन लोगों का इस हिंसा में हाथ है, उन्हें कब्र से भी खोदकर हम बाहर निकालेंगे.”

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि “कुछ लोगों ने जानबूझकर अफवाह फैलाने की कोशिश की कि आयत को जलाया गया, जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ. कोई ऐसी चादर नहीं जलाई गई, जिस पर आयत लिखी थी. जानबूझकर यह अफवाह फैलाई गई कि आयत जलाई गई है.”

मुख्य आरोपी फहीम समेत 5 पर देशद्रोह का केस

नागपुर पुलिस ने हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान सहित पांच अन्य लोगों पर देशद्रोह और सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.

फहीम खान ने औरंगजेब की कब्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का वीडियो संपादित करके (सोशल मीडिया पर) प्रसारित किया. उसने हिंसा के महिमामंडन के वीडियो भी शेयर किया था. नागपुर शहर पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों को पकड़ने और उनकी पहचान के लिए 18 विशेष जांच टीमें (एसआईटी) बनाई हैं. अब तक पुलिस ने 200 से ज्यादा लोगों की पहचान कर ली है. 

फिल्म छावा को बैन करने की मांग 

बरेलवी समुदाय के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने फिल्म ‘छावा’ पर बैन लगाने की मांग की है. गृहमंत्री अमित शाह को लिखे एक पत्र में फिल्म के निर्देशक, निर्माता और लेखक के खिलाफ फौरन कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.

मौलाना रजवी ने अपने पत्र में लिखा, “फिल्म ‘छावा’ की रिलीज के बाद से देश का माहौल खराब हो रहा है. ‘छावा’ में सम्राट औरंगजेब को हिंदू विरोधी दिखाकर हिंदू युवाओं को भड़काया गया है, जिसके कारण हिंदू संगठनों के नेता औरंगजेब के खिलाफ नफरत भरे भाषण दे रहे हैं.”

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