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नेपाल के GenZ की सेना को धमकी, अंतरिम सरकार बनाने पर फंसा पेंच

नेपाल में जेन ज़ी आंदोलनकारियों ने सेना को दी है सीधी चुनौती, पूर्व पीएम के पी शर्मा ओली के इस्तीफे और सरकार गिरने के बाद भी नेपाल में अराजकता खत्म होती नहीं दिख रही. आंदोलनकारियों ने नेपाल सेना के मुख्यालय को फूंक देने की धमकी दी है. नेपाल में रात भर सेना और राष्ट्रपति समेत अलग-अलग कई बैठकें चलती रहीं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि नेपाल में अंतरिम सरकार बनें, नहीं तो नेपाली सेना को भी गुस्सा भुगतना पड़ेगा. 

इन सबके बीच नेपाल आर्मी चीफ अशोक राज सिगडेल ने अपना चीन दौरा रद्द कर दिया है. शुक्रवार को ही जनरल सिगडेल को चीन रवाना होना था, लेकिन राष्ट्रपति के साथ बैठक के बाद जनरल सिगडेल ने चीन का दौरा टाल दिया है.

राजनेताओं के संबंधों से दूर रहे सेना, जेन ज़ी की चेतावनी

सेनाध्यक्ष को जेन ज़ी प्रतिनिधियों की ओर से कहा गया है कि भी अंतरिम सरकार में राष्ट्रपति पौडेल और किसी भी पुराने राजनैतिक दल की किसी भी रूप में कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए. युवाओं ने सेना को खुद राजनेताओं से दूर होकर न्यूट्रल होकर फैसले में शामिल होने के लिए कहा है. 

सेनाध्यक्ष के बार-बार शांति की अपील और समझाने के बाद भी युवाओं ने कहा है कि जल्द उनकी मांग मानी जाए

जेन ज़ी युवाओं ने कह दिया है कि संसद के विघटन और राष्ट्रपति सहित पुराने दलों को संसद से बाहर रखने की उनकी मांग माने जाने तक बातचीत आगे नहीं बढ़ेगी। ऐसे में अंतरिम सरकार के गठन को लेकर अभी और भी देरी होने के आसार लग रहे हैं।

सुशीला कार्की के नाम पर तैयार हुए जेन ज़ी, औपचारिक घोषणा नहीं

गुरुवार रात भर नेपाल में राजनीतिक उथल पुथल रही. शीतल निवास में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल की अगुवाई में बृहस्पतिवार की देर रात से हुई अहम बैठक में नेपाल की पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का नेतृत्व सौंपने पर सहमति बन गई है. यह फैसला राष्ट्रपति पौडेल द्वारा बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल, वरिष्ठ कानूनविद् ओमप्रकाश अर्याल, सुशीला कार्की समेत अन्य प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं.

कई नामों पर मंथन के बाद नेपाल सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बनाई गई. जेन-ज़ी समर्थकों के साथ कई राउंड की माथा पच्ची करने के बाद सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बनाई जा सकी. कार्की के अलावा काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह बालेन, नेपाल बिजली बोर्ड के पूर्व सीईओ कुलमन घिसिंग और धरान के मेयर हरका सपांग भी शामिल थे.

जेन ज़ी के बीच लोकप्रिय हैं कार्की, भारत से ही नजदीकी

सुशीला कार्की पिछले कई वर्षों से नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शन का चेहरा रही हैं. मुख्य न्यायाधीश रहते हुए कार्की ने नेपाल सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कई फैसले लिए थे. 

सुशीला कार्की को जेन ज़ी के एक गुट का समर्थन प्राप्त था, क्योंकि सरकार विरोधी फैसलों के कारण वो  नेपाल के जेन ज़ी के बीच लोकप्रिय हैं लेकिन एक दूसरा गुट कार्की के भारत का पक्षधर होने के कारण उन्हें पसंद नहीं करता है. कई युवाओं का मानना था कि काठमांडू के बालेन शाह को ही अंतरिम सरकार का मुखिया होना चाहिए. 

नेपाल में मची उथल पुथल के बीच आर्मी चीफ ने चीन का दौरा रद्द किया

सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल ने अपना पहला चीन का दौरा रद्द कर दिया है. शुक्रवार को ही जनरल सिगडेल 08 दिनों के लिए चीन जाने वाले थे. राष्ट्रपति पौडेल ने नेपाल के मौजूदा हालात को देखते हुए सेना प्रमुख से चीन की यात्रा पर न जाने का अनुरोध किया था. 

ऐसा इसलिए भी क्योंकि कहीं न कहीं इस अराजकता के पीछे चीन का भी नाम आ रहा है, ऐसे में अगर जनरल सिगडेल चीन जाते तो नेपाल-चीन के संबंधों और उथल पुथल को लेकर कई और सवाल उठते. 

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