अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर अमेरिकी सेना के नियंत्रण के खिलाफ भारत का साथ मिलने के बाद तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी नई दिल्ली पहुंचे हैं. मुत्ताकी के भारत पहुंचने पर पड़ोसी देश पाकिस्तान में तो हड़कंप मचा ही हुआ है. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान को भारत का वफादार और पाकिस्तान का दुश्मन बताया है.
आमिर खान मुत्ताकी शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे. साथ ही ताजमल और देवबंद के दारुल उलूम मदरसे का भी दौरा करेंगे. मुत्ताकी के भारत दौरे के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की तालिबान प्रतिबंध समिति ने प्रतिबंध में छूट दी है.
रूस से सीधे दिल्ली पहुंचे तालिबानी विदेश मंत्री मुत्ताकी, जयशंकर से मिलेंगे
तालिबानी मंत्री मुत्ताकी का भारत दौरा पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है. तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की मुलाकात विदेश मंत्री एस जयशंकर से होने वाली है. मॉस्को की यात्रा से सीधे मुत्ताकी दिल्ली पहुंचे हैं. मॉस्को में भारत, रूस, चीन समेत 11 देशों ने अपने संयुक्त बयान में बगराम एयरबेस पर अमेरिकी कब्जे के दावे को खारिज करके तालिबान के साथ प्रतिबद्धता जताई है.
मुत्ताकी और जयशंकर के बीच ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पहली बार फोन पर बातचीत हुई थी. पहलगाम नरसंहार के बाद अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने हमले की निंदा की थी.
सूत्रों के मुताबिक, मुत्ताकी अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवल से भी मुलाकात कर सकते हैं.
मुत्ताकी की भारत यात्रा खुद में एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक उपलब्धि है और दोनों पक्षों के बीच संबंधों में नई शुरुआत का प्रतीक है. भारत और अफगानिस्तान के बीच बातचीत का मुख्य केंद्र द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने पर रहेगा. नए ट्रेड कॉरिडोर खोलने और खाद्य पदार्थों, कपड़े और आवश्यक वस्तुओं के व्यापार को लेकर भी चर्चा की जा सकती है.
किन-किन मुद्दों पर होगी बात
एस जयशंकर से बातचीत के दौरान चाबहार पोर्ट पर अमेरिकी प्रतिबंधों का मुद्दा भी उठेगा. हाल ही में अमेरिका ने चाबहार पोर्ट पर लगी छूट को वापस ले लिया है, जिसे अफगानिस्तान अपने व्यापारिक हितों के लिए खतरा मानता है. काबुल का मानना है कि नई दिल्ली वॉशिंगटन पर इस कॉरिडोर को पुनः छूट देने के लिए दबाव बनाए.
इसके अलावा बगराम एयर बेस को लेकर भी बातचीत की जाएगी. हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि अमेरिकी सैनिक एक बार फिर से बगराम एयरबेस पर अधिकार हासिल करेंगे. लेकिन अमेरिका की इस घोषणा के खिलाफ तालिबान को भारत का साथ मिला है. भारत से कहा है कि ये फैसला क्षेत्रीय शांति को भड़काएगा. पिछले सप्ताह भारत, रूस समेत 11 देशों ने संयुक्त बयान में अमेरिका की घोषणा का विरोध जताया है.
चीन के ड्रीम प्रोजेक्ट सीपैक पर भी बात होगी. भारत लगातार सीपैक का कड़ा विरोध करता रहा है. यह कॉरिडोर पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) से होकर गुजरता है और यह भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है. चूंकि पाकिस्तान की इस प्रोजेक्ट में हिस्सेदारी है, जिसके कारण आतंकवाद को भी बढ़ावा मिलेगा, जो भारत के नजरिए से क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरा है. वहीं भारत के भी अफगानिस्तान में कई तरह के प्रोजेक्ट में हिस्सेदारी है, ऐसे में चीन के अफगानिस्तान में दखल के बाद भारत के प्रोजेक्ट को भी नुकसान पहुंच सकता है. काबुल में कुछ दिनों पहले चीनी विदेश मंत्री वांग यी पहुंचे थे. जहां चीन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान के बीच त्रिपक्षीय सम्मेलन में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के काबुल तक विस्तार और आर्थिक सहयोग को लेकर चर्चा की गई थी. दरअसल चीन अफगानिस्तान में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. तो भारत भी क्षेत्रीय हितों की रक्षा के लिए तालिबान सरकार के संपर्क में है.
हम अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंक के लिए नहीं होने देंगे: तालिबानी प्रवक्ता
तालिबानी विदेश मंत्री मुत्ताकी के नई दिल्ली में मौजूदगी के दौरान तालिबान के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने भारत को आश्वासन दिया है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा.
सुहैल शाहीन ने कहा, “अफगानिस्तान की नीति स्पष्ट है, हमारे देश की जमीन का इस्तेमाल भारत समेत किसी भी देश के खिलाफ आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होने दिया जाएगा. मुत्ताकी की यह यात्रा बहुत अहम है. दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय बातचीत होगी. मैं अपेक्षा करता हूं कि दोनों देशों में भरोसा बढ़ेगा और कई क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा होगी.”
भारत दे तालिबान को मान्यता: सुहैल शाहीन
सुहैल शाहीन ने भारत से मांग की है कि वह तालिबानी सरकार को मान्यता दे. तालिबान की सरकार साल 2021 में अशरफ गनी सरकार को हटाकर सत्ता में आई थी. तालिबानी मांग कर रहे हैं कि भारत सरकार उसे मान्यता दे. अब तक रूस पहला देश है जिसने तालिबान को मान्यता दी है, लेकिन तालिबान प्रशासन इस उम्मीद में है कि भारत भी उसे मान्यता दे.
हम तालिबान के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर कहा, “अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्ताकी का नयी दिल्ली आगमन पर हार्दिक स्वागत है. हम उनके साथ द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं.”
पाकिस्तान चिढ़ा, अफगानिस्तान को भारत का वफादार, पाकिस्तान का दुश्मन बताया
आमिर खान मुत्ताकी की भारत यात्रा से पाकिस्तान बौखला गया है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगान जनता के खिलाफ बयान देते हुए कहा, कि “चाहे अतीत हो, वर्तमान हो या भविष्य, अफगानी हमेशा से भारत के प्रति वफादार रहे हैं और पाकिस्तान के खिलाफ रहते हैं. अफगानों की यही स्थिति आगे भी बनी रहेगी.”