नई दिल्ली और बीजिंग के बीच संबंध पटरी पर आने के बाद रविवार को भारत और चीन के लिए उड़ेगी पहली डायरेक्ट फ्लाइट. सीधी फ्लाइट को बीजिंग ने दोनों देशों के बीच दोस्ती की नई उड़ान बताते हुए कहा है कि चीन, भारत के साथ अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखने को तैयार है.
साल 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत-चीन के बीच बेहद तल्ख रिश्ते थे, लेकिन पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रूस में हुई मुलाकात के बाद रिश्तों में सुधार आया.
अगस्त के महीने में जब पीएम मोदी ने अपना चीन का दौरा किया तो उसमें शी जिनपिंग के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता ने संबंधों के सुधार को वैश्विक दृष्टिकोण से अहमियत दी गई थी. मोदी-जिनपिंग दोनों ने माना था कि भारत-चीन के बीच मित्रता वैश्विक स्थिरता और अमेरिका की दादागीरी को कम करने के लिए बेहद जरूरी हैं.
26 अक्टूबर को भारत टू चाइना डायरेक्ट फ्लाइट
पांच साल बाद एक बार फिर से भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरु हो रही है. 26 अक्टूबर (रविवार) से कोलकाता-गुआंगझोउ और 10 नवंबर से दिल्ली-गुआंगझोउ उड़ानें फिर शुरू होंगी. वहीं चीनी एयरलाइन चाइना ईस्टर्न ने घोषणा की है कि वह 9 नवंबर से शंघाई-दिल्ली उड़ानें फिर शुरू करेगी.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने दोनों देशों के बीच शुरु हो रही फ्लाइट पर प्रतिक्रिया दी है. जियाकुन ने कहा, कि “यह दोनों देशों के बीच हुए समझौते को लागू करने की नवीनतम प्रगति है. यह चीन और भारत के 2.8 अरब से अधिक लोगों के बीच मित्रतापूर्ण आदान-प्रदान को सुगम बनाने का सकारात्मक कदम है.”
एशिया और विश्व की शांति के लिए साथ आना जरूरी: बीजिंग
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, कि वह भारत के साथ मिलकर चीन-भारत संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टि से देखते हैं. द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास को बढ़ावा देने, दोनों देशों और उनकी जनता को बेहतर लाभ पहुंचाने तथा एशिया और विश्व में शांति और समृद्धि बनाए रखने में उचित योगदान देने को तैयार है.
इसी साल 31 अगस्त को त्येनजिन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सीधी उड़ानों की बहाली पर विचार चल रहा है. बाद में 2 अक्टूबर को भारत ने इसकी घोषणा की थी.

