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भारत-रूस तेल व्यापार से नहीं नुकसान, यूक्रेन के बयान से चित अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सिपाहसलार बार-बार इस बात पर जोर डाल रहे हैं कि भारत, रूसी तेल खरीदकर युद्ध को भड़का रहा है. इस बीच यूक्रेन के राजदूत ने कुछ ऐसा कहा है, जिससे ट्रंप और उनके प्रशासन चिढ़ जाएगा. भारत में यूक्रेन के राजदूत ने कहा है कि भारत के रूसी तेल खरीदने से यूक्रेन को कोई नुकसान नहीं हो रहा है. भारत एक संप्रभु राष्ट्र है, इसे ऐसे ही स्वीकार किया जाना चाहिए.

भारत के रूस से तेल खरीदने से हमें दिक्कत नहीं: यूक्रेन राजदूत

अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है और आरोप लगाए हैं कि भारत, रूस से तेल खरीदकर आर्थिक तौर पर मदद कर रहा है. ट्रंप के आर्थिक सलाहकार पीटर नवारो ने तो यहां तक कह दिया है कि ये युद्ध मोदी का है. भारत पर दबाव बेकार जाने से बौखलाए नवारो ने भारत को अहंकारी बता दिया और कहा भारत के कारण यूक्रेनी मारे जा रहे हैं.

लेकिन नवारो के इस बयान के बीच यूक्रेन राजदूत ओलेक्सांद्र पोलिशचुक ने जो कुछ कहा, वो अमेरिका के लिए तमाचे से कम नहीं. यूक्रेनी राजदूत ने कहा, “रूस के साथ भारत के तेल व्यापार से यूक्रेन के भारत के साथ संबंधों को कोई बुनियादी नुकसान नहीं होगा. भारत के तेल खरीदने से हमें कोई दिक्कत नहीं है.”

नई दिल्ली अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा कर रहा: यूक्रेनी राजदूत

नई दिल्ली में यूक्रेनी राजदूत पोलिशचुक ने बताया, कि “यूक्रेन समझता है कि भारत एक संप्रभु देश है और रूसी तेल खरीद के मामले में उसे अपने ‘राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी होगी. कीव, मॉस्को से कच्चे तेल की खरीद को लेकर नई दिल्ली पर ‘दबाव’ नहीं डाल रहा है, इससे पैदा होने वाले किसी भी मुद्दे पर द्विपक्षीय चर्चा की जा सकती है और उसका समाधान किया जा सकता है.”

अमेरिका ने लगाया है भारत पर मुनाफा कमाने और युद्ध भड़काने का आरोप

अमेरिका ने सोचा तो था कि भारत पर टैरिफ का दबाव बनाकर झुका जा सकता है. लेकिन चाल उल्टी पड़ गई. अब जब अपने ही देश में ट्रंप और उनके आर्थिक सलाहकार पीटर नवारो घिर चुके हैं तो ऊलजलूल बातें करने लगे हैं. 

पीटर नवारो ने अपने ताजा बयान में कहा, “रूस-यूक्रेन युद्ध, मोदी का युद्ध है. मैं मोदी युद्ध इसलिए कह रहा, क्योंकि भारत रूस से डिस्काउंट में तेल खरीदकर रूसी युद्ध प्रयासों के लिए वित्तीय मदद कर रहा है. रूस उस पैसे का इस्तेमाल अपने युद्ध मशीन को फंड करने में करता है, और अधिक यूक्रेनी मारे जाते हैं.”

डेमोक्रेट सांसदों ने ट्रंप को घेरा, भारत से संबंध बिगाड़ने पर उठाए सवाल

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की विदेश नीति को एक्सपर्ट्स ही नहीं उनके देश के सांसद भी कोस रहे हैं. ट्रंप से कहा जा रहा है कि चीन के बजाए भारत पर दबाव डालकर एक अच्छे मित्र से संबंध खराब कर लिया. 

डेमोक्रेट सांसदों ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “रूसी तेल की सबसे बड़ी खरीद करने वाले चीन या अन्य देशों पर प्रतिबंध लगाने की बजाय, ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ के जरिए भारत को निशाना बनाया है, जिससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को नुकसान हो रहा है और भारत-अमेरिका संबंधों में भी खटास आ रही है.ऐसा लगता है जैसे यह यूक्रेन के समर्थन का मुद्दा ही नहीं है.”

सांसदों ने ये भी कहा कि “सभी देशों पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाने की बात करता, तो नीतिगत संदेश स्पष्ट होता, लेकिन केवल भारत को केंद्र में रखकर कार्रवाई करने से यह नीति “सबसे भ्रामक और पक्षपाती दिख रही है. क्योंकि रूसी ऊर्जा का सबसे बड़ा आयातक चीन बिना किसी दंडात्मक कार्रवाई के अब भी रियायती दामों पर तेल खरीद रहा है.”

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