बैलिस्टिक मिसाइल के टेस्ट और डीएमजेड के करीब युद्धाभ्यास कर पूरी दुनिया की नींद उड़ाने वाले उत्तर कोरिया ने परमाणु हमले से जुड़ी एक्सरसाइज कर सनसनी फैला दी है. नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के निर्देश पर किए गए इस युद्धाभ्यास से दुश्मन देशों को चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है.
उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, युद्धाभ्यास का उद्देश्य न्यूक्लियर फोर्स की विश्वसनीयता, श्रेष्ठता, शक्ति और विविध साधनों का प्रदर्शन करना है. इसके अलावा परमाणु हथियारों से जुड़ी फोर्स की गुणवत्ता और संख्या दोनों को मजबूत करना है. युद्धाभ्यास के दौरान उत्तर कोरिया ने परमाणु हमले का जवाब देने के लिए अपनी तरह की पहली संयुक्त सामरिक ड्रिल आयोजित की. इसके लिए उत्तर कोरिया ने 600 मिमी सुपर-लार्ज मल्टीपल रॉकेट सब यूनिट्स की भागीदारी के साथ सैन्य अभ्यास किया.
पिछले कुछ महीनों से उत्तर कोरिया अपनी सैन्य तैयारियों को मजबूत करने में जुटा है. ऐसे में न्यूक्लियर वॉर की तैयारियों से पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया और अमेरिका की भौहें तननी लाजमी हैं. उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों को धार इसलिए भी दे रहा है क्योंकि हाल ही में अमेरिका की एक परमाणु पनडुब्बी दक्षिण कोरिया के बुसान बंदरगाह पहुंची थी. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति योन सूक योल ने खुद इस पनडुब्बी का दौरा किया था.
कोरियाई प्रायद्वीप में इस लिए भी तनाव लगातार बढ़ रहा है कि क्योंकि उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया दोनों ने ही इस बात का ऐलान कर दिया है कि शांति प्रक्रिया के तहत अब एकीकरण संभव नहीं है. यहां तक की उत्तर कोरिया ने जापान के शांति प्रस्ताव को ठुकराया दिया है (Korea प्रायद्वीप में शांति के सभी रास्ते बंद ?).
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