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Nuclear Code से बाइडेन ने फैलाई सनसनी, नॉर्थ कोरिया और पुतिन से मिल रही हैं धमकियां

Screenshot of viral video (In inset Nuclear Code briefcase)

नॉर्थ कोरिया से चल रही तनातनी और यूक्रेन युद्ध में रुस से मिल रही धमकियों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सार्वजनिक तौर से न्यूक्लियर कोड के बारे में बात कर पूरी दुनिया में सनसनी फैला दी है. ‘कोड टू ब्लो अप द वर्ल्ड’ यानी दुनिया में तबाही लाने वाला बाइडेन का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हो रहा है.

अपनी न्यूक्लियर फुटबॉल को लेकर चर्चा में रहने वाले जो बाइडेन ने ये कहकर सबको चौंका दिया कि वे अपने साथ न्यूक्लियर कोड लेकर चलते हैं. अमेरिका के कोलोराडो में जो बाइडेन एक साउथ कोरिया की फैक्ट्री के दौरे पर पहुंचे थे. इस दौरान जो बाइडेन ने फैक्ट्री के कर्मचारी को अपना परिचय देते हुए कहा- ‘देखो, मेरे मरीन में एक कोड है, जो दुनिया में तबाही ला सकती है, ये न्यूक्लियर वेपन है, समझे.आपको क्या लग रहा है मैं मजाक कर रहा हूं’  दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के हर दौरे के दौरान चर्चा में रहता है, एक काले रंग का सूटकेस, जिसे न्यूक्लियर फुटबॉल कहा जाता है. इस फुटबॉल की खासियत ये है कि इसे कहीं से भी कमांड दी जाती है.

क्या है न्यूक्लियर फुटबॉल ?

राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ अक्सर नजर आता है एक काले रंग का सूटकेस. न्यूक्लियर फुटबॉल दरअसल एक काले रंग का सूटकेस होता है. ये सूटकेस पलक झपकते ही पूरी दुनिया में प्रलय ला सकता है. इस फुटबॉल (सूटकेस) में ताकत इतनी ज्यादा है कि पूरी दुनिया को खाक में बदला जा सकता है. न्यूक्लियर फुटबॉल के जरिए अमेरिकी राष्ट्रपति कहीं से भी परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं. यह न्यूक्लियर फुटबॉल हमेशा अमेरिकी राष्ट्रपति के आसपास रहता है. जब जो बाइडेन जी-20 की बैठक के दौरान राजधानी दिल्ली आए थे, तब भी न्यूक्लियर फुटबॉल उनके आसपास ही देखी गई थी. एक्सपर्ट बताते हैं कि इस ब्रीफकेस में परमाणु हमले की मंजूरी देने वाले कोड्स और कम्युनिकेशन डिवाइस होते हैं. सीक्रेट बीफ्रकेस में न केवल पेंटागन,  बल्कि परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बियां, विमानों और जमीन के अंदर मौजूद बैलिस्टिक मिसाइल के अड्डों से सीधे संपर्क साधा जा सकता है. ब्रीफकेस के अंदर कम्युनिकेशन डिवाइस की मदद से अमेरिकी राष्‍ट्रपति दुनिया के किसी कोने से फौरन बात कर सकते हैं. परमाणु हमले और टारगेट की पहचान करने के लिए एक बिस्कुट (बिस्किट) जैसा कार्ड भी होता है. बिस्किट जैसे कार्ड पर परमाणु हमले की मंजूरी देने वाले कोड होते हैं.

राष्ट्रपतियों ने खो दिया था सीक्रेट बिस्किट

साल 1950 से काले रंग का सूटकेस अमेरिकी राष्ट्रपति के पास है. पर साल 1962 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी  और साल 1981 में राष्ट्रपति रीगन के समय में ये बिस्किट खो गया था. साल 2000 में तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने भी अपना ‘बिस्किट’ कई महीनों के लिए गुम कर दिया था. कई बार गुम हो जाने की वजह से बिस्किट पर एक अलार्म लगाया गया ताकि अगर बिस्किट गुम हो तो उसे फौरन ढूंढा जा सके.

सूटकेस को फुटबॉल क्यों कहा गया ?

1940 में न्यूक्लियर बम के बनाए जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डेविड आइज़नहावर ने अपने उत्तराधिकारी जॉन एफ कैनेडी को परमाणु बम वाला ब्रीफकेस सौंपा. साल 1950  में एक सैन्य सहयोगी को दस्तावेजों से भरा एक बैग ले जाने पर सहमति बनीं, ताकि जब भी कोई अमेरिकी राष्ट्रपति वाशिंगटन छोड़ें तो देश में किसी आपात स्थिति हो तो सारे मिलिट्री कमांड और हेडक्वार्टर से राष्ट्रपति एक्शन प्लान बना सकें. इस ब्रीफकेस को कैनेडी के समय पर फुटबॉल जैसा लुक दिया जाने लगा था. कहा जाता है कि कैनेडी के परिवार के फुटबॉल प्रेमी होने की वजह से साल 1960 में ब्रीफकेस को न्यूक्लियर फुटबॉल कहा जाने लगा.

कौन लेकर चलता है न्यूक्लियर फुटबॉल?

परमाणु ब्रीफकेस एक सुरक्षित कम्यूनिकेशन टूल है जो राष्ट्रपति को उनके टॉप मिलिट्री अधिकारियों से जोड़ता है. इस भारी ब्रीफकेस को अमेरिका के सैन्य अधिकारी उठाते हैं. न्यूक्लियर फुटबॉल हमेशा अमेरिकी राष्ट्रपति के आसपास रहता है. हालांकि, शांति काल या किसी विदेशी दौरे के वक्त इसे आम नजरों से बचाकर रखा जाता है.

उत्तर कोरिया और पुतिन को संदेश

जो बाइडेन ने भले ही ‘कोड टू ब्लो अप द वर्ल्ड’ वाली बात मजाक में कही हो. पर जगह और समय बहुत कुछ कह रहा है. जगह थी साउथ कोरिया की एक कंपनी और समय था जब नॉर्थ कोरिया और अमेरिका के बीच जासूसी सैटेलाइट को लेकर जुबानी जंग चल रही हो. हाल ही में अमेरिकी ने अंदेशा जताया है कि नॉर्थ कोरिया परमाणु परीक्षण करने वाला है, तो बाइडेन का ये कहना कि ‘मेरा कोड दुनिया को उड़ा देगा’  किम जोंग उन (उत्तरी कोरिया का तानाशाह) और रूस को इनडायरेक्टली धमकी माना जा रहा है. क्योंकि यूक्रेन युद्ध के चलते रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी कई बार परमाणु हमले की धमकी दे चुका है. 

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