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उमर अब्दुल्ला का कटाक्ष, कहा अक्साई चिन भी वापस लाओ

विदेश मंत्री एस जयशंकर के पीओके के बयान पर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि अक्साई चिन को भी वापस लेकर आएं. उमर ने ये बयान जम्मू कश्मीर की विधानसभा में दिया है.

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने कहा कि जयशंकर अगर पीओके यानी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लाने की बात कह रहे हैं तो उन्हें “कौन रोक रहा है.” कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उस वक्त किसने वापस लाने से रोका था. कारगिल युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ही सरकार थी.

उमर ने ये भी कहा कि अगर जयशंकर, पीओके को वापस लाने का दम भर रहे हैं तो चीन के कब्जे वाले अक्साई चिन की बात क्यों नहीं करते हैं. (https://x.com/TheYouthPlus/status/1897683906725310762)

अक्साई चिन के लिए जान दे देंगे: अमित शाह

1962 के युद्ध के दौरान चीन ने भारत के अक्साई चिन पर कब्जा कर लिया था. तभी से अक्साई चिन, चीन के कब्जे में है. जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने पीओके औे अक्साई चिन के लिए ‘जान देने’ का बात कही थी. वहीं 1947-48 युद्ध के बाद से पीओके पर पाकिस्तान का गैर-कानूनी कब्जा है.

हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीओके को भारत का ‘मुकुट-मणि’ बताया था, जिसके बगैर जम्मू कश्मीर ‘अधूरा’ है.

कश्मीर से चुराए गए हिस्से से हो जाएगा कश्मीर का समाधान: एस जयशंकर

इंग्लैंड के दौरे पर गए जयशंकर ने लंदन के चैथम हाउस में बोलते हुए बेबाकी से कहा था कि “जम्मू-कश्मीर का केवल वह हिस्सा समस्याओं के पूर्ण समाधान से बचा हुआ है, जो भारत के पड़ोसी पाकिस्तान के कब्जे में है, जिस पर पड़ोसी मुल्क ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है. उसकी वापसी से हर चीज का समाधान हो जाएगा.”

जयशंकर ने कहा, “देखिए, कश्मीर में वास्तव में हमने बहुत अच्छा काम किया है. मुझे लगता है कि हमने इसके अधिकांश मुद्दों को हल करने का काम किया है, जिसमें अनुच्छेद 370 को हटाना पहला कदम था. फिर कश्मीर में विकास और आर्थिक गतिविधि और सामाजिक न्याय को बहाल करना, दूसरा कदम था, चुनाव कराना, जिसमें बहुत अधिक वोटिंग हुई, लोगों ने बड़ी संख्या में चुनाव प्रकिया में हिस्सा लिया और हर वर्ग ने मतदान किया, यह तीसरा कदम था.”

जयशंकर ने साफ कहा कि “मुझे लगता है कि हम जिस हिस्से का इंतजार कर रहे हैं, वह कश्मीर के चुराए गए हिस्से की वापसी है, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है. जब यह हो जाएगा, तो मैं आपको आश्वासन देता हूं कि कश्मीर का समाधान हो जाएगा.” (https://x.com/DrSJaishankar/status/1897384075910132009)

पीओके वापस लाना भारत की प्रतिबद्धता है: जयशंकर

लंदन से पहले भी दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में एस जयशंकर ने पीओके पर प्रतिबद्धता जताई थी. एस जयशंकर ने कहा था कि “इस देश का हर राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीओके, भारत का हिस्सा है, भारत को वापस मिलना चाहिए. पीओके हमारा था, हमारा है और हमारा रहेगा.”

चीन के साथ कैसे संबंध, जयशंकर ने लंदन में बताया

भारत चीन के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है? इस सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “हमारे बीच बहुत ही अनोखे रिश्ते हैं. हम दुनिया के दो ऐसे देश हैं जिनकी आबादी एक अरब से ज्यादा है. हम दोनों का इतिहास बहुत पुराना है, जिसमें समय के साथ उतार-चढ़ाव आए हैं लेकिन आज दोनों देश आगे बढ़ रहे हैं हम सीधे पड़ोसी भी हैं. चुनौती यह है कि जैसे-जैसे कोई देश आगे बढ़ता है, दुनिया और उसके पड़ोसियों के साथ उसका संतुलन बदलता है. जब इस आकार, इतिहास, जटिलता और महत्व वाले दो देश समानांतर रूप से आगे बढ़ते हैं तो अनिवार्य रूप से परस्पर काम करते हैं.”