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हमास स्टाइल में आतंकी हमला, टीएफए ने किया था खुलासा

पहलगाम में आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. टीएफए ने पहले फरवरी में और पिछले सप्ताह भी खुलासा किया था कि लश्कर और जैश के आतंकी पीओके में लगातार ले रहे हैं फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास की मदद.

महज तीन महीने के अंदर हमास के टॉप कमांडर्स का लश्कर और जैश के आतंकियों ने न सिर्फ वेलकम किया बल्कि भारत के खिलाफ अपने आतंकियों को ट्रेनिंग भी दिलवाई. पहलगाम में जिस तरह से पर्यटकों को मारा गया है, वो ठीक वैसी ही स्टाइल है, जैसे कि 7 अक्टूबर 2023 में इजरायल में हमास आतंकियों ने अंजाम दिया था. 

हमास आतंकी हमले जैसा है पहलगाम हमला

जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा पर हुए श्रद्धालुओं के बस हमले को छोड़ दिया जाए तो जम्मू-कश्मीर में कभी भी पर्यटकों को टारगेट नहीं किया गया है. आंकड़ों को देखा जाए तो पिछले कुछ वर्षों से आतंकवादियों के टारगेट पर पुलिस और सुरक्षाबलों से जुड़े लोग रहे हैं, लेकिन आतंकियों ने पहली बार पर्यटकों को निशाना बनाया वो भी उस जगह, जहां से राहत और बचाव कार्यों में मुश्किलें आतीं. एक्सपर्ट्स बता रहे हैं कि जिस तरह से हमास के आतंकी हमला करते हैं, ठीक उसी तरह से टारगेट किलिंग की गई है. 

बहावलपुर में हमास आतंकियों संग दिखे पाकिस्तानी आतंकी 

हाल ही में हमास की टॉप लीडरशिप को पाकिस्तान के बहावलपुर में देखा गया. बहावलपुर में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के हेडक्वार्टर में हमास के नेताओं के काफिले को देखा गया था. इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें लिमोजिन गाड़ी में हमास आतंकी हैं, तो जैश और हमास के आतंकी उनका स्वागत किसी राजा महाराजा की तरह करते दिखे. वीडियो में काफिले की अगुवाई, घोड़े पर चढ़े जैश के आतंकी कर रहे थे. काफिले में हमास का झंडा भी दिखाई देता है. 

रावलकोट में पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने की थी युद्ध की घोषणा

भारतीय सीमा के बेहद करीब रावलकोट में पिछले सप्ताह आतंकियों ने न सिर्फ भारत के खिलाफ बयानबाजी की, बल्कि भारत को धमकाने की कोशिश की. भारत के दुश्मन लश्कर के आतंकी अबू मूसा ने कहा कि “जम्मू-कश्मीर में जिहाद चलता रहेगा, बंदूकें गरजेंगी और सिर कलम किए जाते रहेंगे.”अबू मूसा का ये बयान समझने के लिए काफी है कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की मदद से घुसपैठ करने की कोशिश करता रहेगा और कश्मीर में अशांति फैलाने की कोशिश करेगा. 

बालाकोट एयरस्ट्राइक से मिली चोट, जैश को हमास का सहारा

कश्मीर में आतंकी हमलों के बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी. आतंकियों के कैंप पूरी तरह से बर्बाद हो गए. भारत के तगड़े एक्शन के सदमे से जैश ए मोहम्मद आज भी नहीं उबर पाया है. कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद से आतंकी घटनाओं में भी भारी कमी आई है. कश्मीर के लोग भी जो कभी आतंकियों को शेल्टर देते थे, हाथों में बंदूक और पत्थर थामते थे, वो भी विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं. ऐसे में जैश के आतंकी अपने घुसपैठ करने वाले कमांडर्स को एक के बाद एक खो रहे हैं. लेकिन आईएसआई और पाकिस्तानी सेना की मदद से एक बार फिर से खड़े होने के लिए जैश अब हमास की मदद ले रहा है. 

पीओके में हमास आतंकियों संग की गई बड़ी प्लानिंग

5 फरवरी को पीओके में आतंकियों ने हमास के साथ मिलकर ‘अल अक्सा फ्लड’ और ‘कश्मीर सॉलिडैरिटी’ के नाम से एक जलसा आयोजित किया था. इस के लिए टेंट को भी खास तौर से चुना गया था. सम्मेलन में ‘ओसामा टेंट हाउस’ का इस्तेमाल किया गया था. हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर जो बड़ा आतंकी हमला किया था, उसे ‘अल अक्सा फ्लड’ का नाम दिया था. हमले में इजरायल के 1200 लोगों की जान गई थी और हमास के आतंकियों ने इजरायल से 200 लोगों का अपहरण कर लिया था. सम्मेलन में जैश और लश्कर के आतंकियों ने भारत और हिंदुओं के खिलाफ आग उगली. 

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