हाय कश्मीर, हाय कश्मीर…पाकिस्तान का ये रोना छूटता क्यों नहीं है. खुद का देश आतंकवाद की आग में झुलस रहा है. तालिबान एक के बाद एक बॉर्डर इलाकों में पाकिस्तान पर हावी हो रहा है लेकिन चीन पहुंचे पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी कश्मीर पर रोना नहीं छोड़े.
पाकिस्तान ने कश्मीर को लेकर चीन के सामने गुहार लगाई है. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की तो उनके सामने कश्मीर मुद्दे को उठाया. जबकि भारत ने बार-बार ये दोहराया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा. भारत ने ये भी कहा है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भी भारत का अभिन्न अंग है.
चीन-पाकिस्तान के संयुक्त बयान में क्या कहा गया
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी चीन के दौरे पर है. इस दौरान जरदारी ने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की है. चीन-पाकिस्तान ने अपने ज्वाइंट बयान में कहा है, “पाकिस्तानी पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू-कश्मीर की स्थिति के नवीनतम घटनाक्रम से अवगत कराया. चीनी पक्ष ने दोहराया कि जम्मू कश्मीर विवाद इतिहास की देन है और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार उचित एवं शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए.”
चीन के साथ सैन्य सहयोग बढ़ा रहा है पाकिस्तान
चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त प्रशिक्षण, अभ्यास और सैन्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की बात कही है. संयुक्त बयान में कहा गया- ‘‘दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि चीन और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक रक्षा और सुरक्षा सहयोग क्षेत्र में शांति, स्थिरता और रणनीतिक संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. दोनों पक्ष संयुक्त प्रशिक्षण, अभ्यास और सैन्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएंगे.’’ (https://x.com/shen_shiwei/status/1887138731070812428)
भारत का मुकुट-मणि है पीओके, हमारा था, है और रहेगा
जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा भारत ने ये भी कहा है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भी भारत का अभिन्न अंग है. हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “जम्मू कश्मीर में धारा 370 को समाप्त कर आतंकवाद के खात्मे की शुरुआत की है और हालात काफी हद तक बदल गए हैं. बिना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के जम्मू-कश्मीर अधूरा है. क्योंकि पीओके भारत का मुकुट-मणि है.”
राजनाथ सिंह के मुताबिक, “पीओके को विदेशी-धरती मानने वाले पाकिस्तान ने स्थानीय अवाम को एक बेहतर जिंदगी से महरूम रखा है. उन्हें धर्म के नाम पर हिंदुस्तान के खिलाफ बरगलाने और उकसाने की कोशिश, पाकिस्तान के हुक्मरानों द्वारा की जा रही है.”