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फेल-स्टेट पाकिस्तान ने छिपाया मुंह, आतंकी हमलों के आंकड़ों में की भारी फेरबदल

हाल ही में जब संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत ने पाकिस्तान को ‘असफल-देश’ कहकर पुकारा तो पूरी दुनिया हैरान रह गई. इसके तुरंत बाद ही ‘ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स’ (जीटीआई) ने पाकिस्तान को आतंकवाद से ग्रस्त दूसरा सबसे बड़ा देश घोषित कर दिया. टीएफए ने हालांकि, जब पाकिस्तान में होने वाली आतंकी घटनाओं और इनमें मारे गए पाकिस्तानी सैनिक और आम लोगों की पड़ताल की तो, पता चला कि आंकड़े दोगुने से भी ज्यादा है.

‘जीटीआई-2025’ ने अपना टेरर इंडेक्स, पाकिस्तान की सेना, सरकार और मीडिया में आई घटनाओं के आधार पर जारी किया है. ऐसे में अफ्रीकी देश बुर्किना फासो ही आतंकवाद में पाकिस्तान से आगे है. पिछले साल पाकिस्तान में इतनी आतंकी घटनाएं सामने आई कि सीरिया भी पीछे रह गया. हमेशा कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान को आज उसके बैकयार्ड में पल रहे आतंकी संगठन ही डसने में लगे हैं.

टीएफए की इन्वेस्टिगेशन में पाया गया कि पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में मारे गए लोगों की संख्या बुर्किना फासो से ज्यादा है. यहां तक की पाकिस्तानी सेना तक ने अपने सैनिकों के मारे जाने के आंकड़ों को कम कर दुनिया को बताया है. ओसइंट यानी ओपन सोर्स इंटेलिजेंस के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, आईएसपीआर ने जो मारे गए सैनिकों का आंकड़ा जारी किया है, वो असल में कहीं ज्यादा है. पाकिस्तान ने लेकिन, दुनिया से मुंह छुपाने के लिए आतंकी हमलों के आंकड़ों को कम कर बताया है.

ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में पाकिस्तान, आतंकवाद से ग्रस्त दूसरा सबसे बड़ा देश

ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (जीटीआई) ने वर्ष 2024 की जो अपनी रिपोर्ट तैयार की है, उसके मुताबिक, पाकिस्तान में 1091 आतंकी घटनाएं सामने आई. इन आतंकी घटनाओं में 1081 लोगों की मौत हुई और 1548 घायल हुए.

जीटीआई इंडेक्स के मुताबिक, पिछले पांच सालों से पाकिस्तान में आतंकी घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. 2023 के मुकाबले ही पाकिस्तान में 100 प्रतिशत से ज्यादा आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई. 2023 में पाकिस्तान में कुल 517 आतंकी घटनाएं सामने आई थी.

जीटीआई के मुताबिक, पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सबसे ज्यादा आतंकी घटनाएं सामने आई. बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) इन घटनाओं के पीछे था तो केपी में तहरीक ए तालिबान (पाकिस्तान). दोनों की आतंकी घटनाओं में हिस्सेदारी लगभग 50-50 प्रतिशत के करीब रही.

पाकिस्तान में पिछले साल आतंकी हमलों में गई 2546 लोगों की जान

टीएफए ने ओपन-सोर्स यानी से जो जानकारी इकठ्ठा की, उसके मुताबिक, पिछले साल (2024) में पाकिस्तान में कुल 1166 आतंकी घटनाएं सामने आई. इन घटनाओं में 2546 लोगों की जान गई और 2267 घायल हुए. ऐसे में कुल हताहत होने वाले पाकिस्तानी नागरिकों का आंकड़ा 4813 था.

पाकिस्तान में आतंकी हमलों में मारे गए लोगों का आंकड़ा अफ्रीकी देश बुर्किना फासो से ज्यादा

जीटीआई के इंडेक्स की ही मानें तो आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित वाले देश बुर्किना फासो तक में आतंकी घटनाएं पाकिस्तान से कम हुई हैं. बुर्किना फासो में महज 111 आतंकी घटनाएं पूरे साल में दर्ज की गई. जबकि पाकिस्तान में ये आंकड़ा 1099 था (टीएफए के मुताबिक, 1166).

जीटीआई ने बुर्किना फासो को इसलिए नंबर वन देश घोषित किया है क्योंकि मरने वालों का आंकड़ा पाकिस्तान से ज्यादा था. पाकिस्तान में अगर 1081 लोगों की मौत हुई तो बुर्किना फासो में ये आंकड़ा था 1532 था (टीएफए का आंकड़ा, 2546).

दरअसल, बुर्किना फासो में जो आतंकी हमले हुए उनमें हरेक में मारे गए लोगों की संख्या ज्यादा थी. बुर्किना फासो में एक हमले में तो करीब 200 लोगों  जान गई थी. एक में 170 और एक में करीब 100 लोग मारे गए थे.

पाकिस्तान में जो सबसे बड़ा आतंकी हमला क्वेटा रेलवे स्टेशन (9 नवम्बर, 2024) पर हुआ था, उसमें कुल 25 लोगों की जान गई थी, जिसमें सैनिक भी शामिल थे.

पाकिस्तानी सेना भी आतंकवाद से जुड़े आंकड़ों को छिपाने में जुटी

पाकिस्तानी सेना भी मारे गए अपने सैनिकों के आंकड़े को छिपाने में पीछे नहीं है. हाल ही में पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि वर्ष 2024 में कुल 383 सैन्य अफसर और सैनिकों की आतंकियों से लड़ते हुए जान गई है. आईएसपीआर वेबसाइट पर तो मारे गए सैनिकों का आंकड़ा महज 45 दिया गया है.

टीएफए की इन्वेस्टीगेशन में पता चला है कि पिछले साल आतंकी हमलों में मारे गए सैनिकों का वास्तविक आंकड़ा 685 है. आतंकियों ने पाकिस्तानी सेना पर कुल 909 हमले किए. इन हमलों में पाकिस्तानी सेना की चौकियों से लेकर काफिलों से लेकर सैन्य छावनी और महत्वपूर्ण स्थल शामिल थे.

टीएफए का ये आंकड़ा पाकिस्तान के फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया अकाउंट्स पर आधारित है. क्योंकि मारे जाने वाले सैनिकों के परिवार, रिश्तेदार, दोस्त और पास-पड़ोसी फेसबुक पर जानकारी लगातार साझा कर रहे हैं. गौरतलब है कि पाकिस्तान ने अपने देश में ट्विटर पर पाबंदी लगा रखी है.

पाकिस्तानी सेना के आंतकी ऑपरेशन में गिरावट का ये है कारण

इन 909 आतंकी हमलों के मुकाबले, पाकिस्तानी सेना और दूसरे सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ महज 257 ऑपरेशन किए. ऐसा इसलिए, क्योंकि आज पाकिस्तानी सेना अपने देश की चरमराती अर्थव्यवस्था का शिकार हो रही है. पाकिस्तानी सेना ने तेल और दूसरे संसाधनों की कमी के चलते ट्रेनिंग तक करनी बंद कर दी है. ऐसे में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई भी कम हो गई है. (https://youtu.be/9xKKvwRKML0?si=ExtGYFTzQmRDd0tx)