भारत की कूटनीति घेराबंदी से घबराए पाकिस्तान ने रूस के सामने भारत से मध्यस्थता की गुहार लगाई है. आपको टीएफए ने पहले ही बताया था पाकिस्तान की खुद की कोई सोच नहीं, सिवाए भारत को कॉपी-पेस्ट करने के. भारत जो कुछ करता है, वही कदम पाकिस्तान भी उठाने लगता है.
पाकिस्तान में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हुए, तो अरब सागर में इंडियन नेवी की हुंकार से कांपते पाकिस्तान ने रूस से मदद की गुहार लगाई है.
पाकिस्तान के राजदूत ने रूस से अपील की है कि वो भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में मदद करें. वहीं रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पाकिस्तान से बात करके आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करते संयम बरतने की नसीहत दी है.
रूस-भारत में गहरी दोस्ती, तनाव कम करने में मदद करे रूस: पाकिस्तानी राजदूत
मॉस्को में पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने रूस से तनाव को कम करने में मदद मांगी है. पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने कहा कि “रूस की भारत के साथ विशेष रणनीतिक साझेदारी है. रूस के पाकिस्तान के साथ भी अच्छे संबंध हैं.”
जमाली ने ताशकंद समझौते का जिक्र करते हुए रूस से मध्यस्थता कराने का जिक्र किया. जमाली ने कहा कि “रूस अपने अच्छे संबंधों का इस्तेमाल दोनों देशों के बीच तनाव कम कराने में कर सकता है.”
क्या है ताशकंद समझौता, रूस से जिसकी दुहाई दे रहा है पाकिस्तान
भारत और पाकिस्तान के बीच सोवियत संघ ने साल 1966 में ताशकंद समझौैता कराया था. इस समझौते के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को समाप्त कराया गया था. भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 के युद्ध के बाद 10 जनवरी 1966 में एक शांति समझौता कराया गया था, जिसमें दोनों देशों ने युद्ध-पूर्व स्थिति को बहाल करने और भविष्य में विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने पर सहमति व्यक्त की थी.
सोवियत संघ के प्रीमियर अलेक्सी कोसिगिन ने इस समझौते की मध्यस्थता की थी. यह समझौता भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अयूब खान के बीच हुआ था. समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ ही घंटों बाद लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया था. पहलगाम नरसंहार में 26 बेकसूर लोगों के निधन के बाद पाकिस्तान को चाल उल्टी पड़ रही है तो ताशकंद समझौते के नाम पर रूस से गिड़गिड़ा रहा है.
सर्गेई लावरोव ने दी पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार को नसीहत
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की है. लावरोव ने भारत और पाकिस्तान की सीमा पर बढ़ रहे विवाद पर चिंता जाहिर की. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि “पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने रूस के विदेश मंत्री ने टेलीफोन पर बात की. इस दौरान डार ने लावरोव को स्थिति के बारे में जानकारी दी.”
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘लावरोव ने स्थिति पर चिंता व्यक्त की और मुद्दों को हल करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों की अहमियत पर जोर दिया. दोनों पक्षों को संयम बरतना चाहिए और तनाव कम करने की सलाह दी.”
सर्गेई और जयशंकर में हुई लंबी बात
भारत और रूस की गहरी दोस्ती है. रूस भारत के साथ उस वक्त भी मजबूती से खड़ा रहा है, जब अमेरिका ने भारत को झटका दिया था. रूस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि “सर्गेई लावरोव और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई है.
लावरोव ने 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणा पत्र के अनुसार द्विपक्षीय आधार पर राजनीतिक और कूटनीतिक माध्यमों से नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच मतभेदों को सुलझाने का आह्वान किया. मंत्रियों ने उच्चतम और उच्च स्तरों पर आगामी संपर्कों के कार्यक्रम पर भी चर्चा की.”
एस जयशंकर ने भी लावरोव से हुई बात को साझा करते हुए बताया कि “रूसी विदेश मंत्री लावरोव के साथ पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा की. इसके अपराधियों, समर्थकों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. इसके अतिरिक्त, द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा हुई.”