अयोध्या में राम मंदिर पर केसरिया धर्म ध्वज लहराने से बिलबिला रहा है पाकिस्तान. अपने देश में हिन्दुओं और ईसाइयों की रक्षा करने में फेल पाकिस्तान ने राम मंदिर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धर्म ध्वजा फहराने की चकाचौंध देखी तो रोना लेकर बैठ गया.
25 नवंबर 2025 को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज जारी की है, जिसमें भारत के लिए ऊटपटांग बातें कही गई है. इस्लामोफोबिया, हेट स्पीच के नाम लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने झूठ का पुलिंदा गढ़ने की कोशिश की है.
आतंकियों को पनाह देने वाला ये वही पाकिस्तान है, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद तालिबान से पिट रहा है, बीएलए और टीटीपी ने हालत पतली कर डाली है, अमेरिका के आगे-पीछे घूम रहा है, महंगाई चरम पर है, पीओके में विद्रोह के हालात हैं बावजूद इसके हिंदुओं के नाम पर पाकिस्तान, आतंकियों को भड़काना नहीं छोड़ रहा.
अयोध्या में लहराया धार्मिक ध्वज, पाकिस्तान के पेट में हुआ दर्द
मंगलवार को पीएम मोदी ने अयोध्या में धर्म ध्वज की स्थापना की. साथ में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें भी शेयर की थीं. मंगलवार को हुए इस भव्य कार्यक्रम के बाद आतंकिस्तान के पेट में मरोड़ उठ गई है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज जारी की है. जिसमें लिखा है कि “भारत का ये नया कदम भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव के एक बड़े पैटर्न और ज्यादातर हिंदुत्व सोच के असर में मुस्लिम सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को जानबूझकर खत्म करने की कोशिश को दिखाता है.”
पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा, धर्म के नाम पर की भड़काने की कोशिश
पाकिस्तान ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के बारे में भी बातें कहकर भारतीय मुसलमानों को भड़काने की कोशिश की है. पाकिस्तान ने कहा, “कई दूसरी ऐतिहासिक मस्जिदें अब बेअदबी या गिराए जाने के ऐसे ही खतरों का सामना कर रही हैं, जबकि भारतीय मुसलमान लगातार बढ़ते सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक हाशिए पर धकेले जाने का सामना कर रहे हैं. बाबरी मस्जिद सदियों पुरानी एक ऐतिहासिक इबादतगाह थी. पाकिस्तान ने 6 दिसंबर 1992 की घटना की जिक्र किया है.”
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय से गुहार लगाते हुए कहा है कि वह ‘भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया, हेट स्पीच और नफरत से प्रेरित हमलों पर ध्यान दे.
दुनिया को उल्लू बनाना बंद करे पाकिस्तान, झूठ की आड़ में मुंह नहीं छिपा सकता
जो पाकिस्तान, भारत की मस्जिदों की बात कह रहा है, वो पाकिस्तान शारदा पीठ मंदिर, कराची के मरी माता मंदिर, 150 साल पुराने रत्नेश्वर महादेव मंदिर, रावलपिंडी स्थित 1930 में बना मोहन मंदिर जैसे हिन्दुओं की विरासत पर चुप्पी साधे हुए है, जिन्हें या तो गिरा दिया गया है या वो जर्जर हालात में हैं.
पाकिस्तान ने अपने बयान में भारत में ‘अल्पसंख्यकों के अधिकारों’ की बात कर रहा है. पहला सवाल है कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों पर बोलने का अधिकार किसने दिया. मान न मान मैं तेरा मेहमान की तरह पाकिस्तान ढीठपन क्यों दिखा रहा है.
दूसरा, जिस अल्पसंख्यकों के अधिकार की बात पाकिस्तान कर रहा है, वो अपने देश में हिंदुओं की दशा क्यों नहीं देख रहा है. कितनी ही हिंदू बहन-बेटियों के अपहरण और जबरन निकाह करवाए जाने की खबरें सामने आती हैं, लेकिन पाकिस्तान को वो नहीं देखना है. दूसरे देश में क्या चल रहा है, उसपर जरूर झूठा प्रोपेगेंडा फैलाना है.
भारत के मुसलमान, भारत के विकास के पार्टनर्स हैं, इसलिए पाकिस्तान भड़काना बंद करे. बेहतर होगा कि कराची, लाहौर और इस्लामाबाद को झांके.

