पाकिस्तान में आतंकियों की रक्षा करने वाले, आतंकियों को हिंदुओं के खिलाफ भड़काने वाले, भारत के पराक्रम के आगे अपने सैनिकों को न बचा पाने, भारत के हाथों ऑपरेशन सिंदूर में बुरी तरह से मात खाने वाले पाकिस्तान के आर्मी चीफ मुल्ला मुनीर का शहबाज सरकार ने प्रमोशन कर दिया है. असीम मुनीर को पाकिस्तान फील्ड मार्शल बनाने की घोषणा की गई है.
पाकिस्तान ने असीम मुनीर का प्रमोशन करके ये प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की है कि पाकिस्तान जीता है.
कोई इज्जतदार देश होता, तो हारने के बाद शर्म से डूब जाता
अंदाजा लगाइए की पाकिस्तान कितना बेशर्म है. भारत के हाथों बुरी तरह से शिकस्त के बावजूद जश्न मना रहा है. रूस-इजरायल जैसे इज्जतदार देशों को देखिए तो यूक्रेन से युद्ध और हमास आतंकियों के अटैक के बाद सीनियर सैन्य अधिकारियों और खुफिया अधिकारियों ने खुद की विफलता मानते हुए पद छोड़ दिया.
पाकिस्तान को देखिए, भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाक के 11 एयर बेस को तबाह किया और आतंकी ठिकानों को बर्बाद कर दिया, लेकिन पाकिस्तान ने इसके जवाब में अपने आर्मी चीफ को फील्ड मार्शल बना दिया. पाकिस्तान कैबिनेट ने जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
असीम मुनीर के डर में जीते हैं शहबाज खान
ये बात किसी से छिपी नहीं है कि पाकिस्तान में सरकार के ऊपर हमेशा से आर्मी हावी रही है. इतिहास उठाकर देखा जा सकता है. पाकिस्तानी आर्मी अपनी पसंद का प्रधानमंत्री बनाता है. इमरान खान ने सेना की इतनी दखलअंदाजी का विरोध किया तो वो जेल में सड़ रहे हैं, जेल में क्या-क्या हो रहा है, तौबा-तौबा, उसकी तो बात ही छोड़ दीजिए.
पीएम शहबाज खान के बड़े भाई नवाज शरीफ के साथ क्या हुआ ये भी पूरी दुनिया जानती है. हालात ये है कि पीएम की हर हाईलेवल बैठक में, चाहे वो विदेशी समकक्ष के साथ क्यों न हो, असीम मुनीर बैठे नजर आते हैं.
अपनी सरकार बचाने के लिए शहबाज का डैमेज कंट्रोल
पाकिस्तानी सेना के बिना सरकार में एक पत्ता भी नहीं हिल सकता. हाल ही में असीम मुनीर के जूनियर मोहम्मद असीम मलिक को एनएसए बनाया था. मोहम्मद असीम मलिक, आईएसआई चीफ भी हैं.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद 29 अप्रैल को असीम मलिक को एनएसए बनाया. एनएसए का पद आर्मी चीफ के ऊपर होता है. माना जा रहा है कि पीएम शहबाज ने फील्ड मार्शल का पद देकर डैमेज कंट्रोल और असीम मुनीर को खुश करने की कोशिश की है, ताकि सरकार ठीक से चल सके.
आतंकियों के हमराज असीम मुनीर को जानिए
मुनीर कोई परंपरागत सैनिक नहीं होते भी आर्मी चीफ के पद पर है और अब फील्ड मार्शल बनाए जाने की घोषणा की गई है. पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी के जरिए सेना में नहीं शामिल हुआ था असीम मुनीर. ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल के जरिए मुनीर की सेना में भर्ती हुई थी.
शुरुआती पढ़ाई मदरसे में करने वाले असीम मुनीर के पिता रावलपिंडी की मस्जिद के इमाम थे. अपने रिटायरमेंट से दो दिन पहले ही असीम मुनीर को आर्मी चीफ बनाया गया. साल 2018 में मुनीर आतंकवाद को पनाह देने के लिए दुनिया में जानी जाने वाली आईएसआई का डायरेक्टर जनरल बना. मिलिट्री इंटेलिजेंस के प्रमुख भी रहा.
इमरान और असीम में खींची तलवार, इमरान ने किया था विरोध
साल 2019 में इमरान सरकार में असीम मुनीर को आईएसआई के पद से हटा कर गुंजरावाला कोर की कमान सौंपी गई. 29 नवंबर 2022 को सेना प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई. मुनीर ने जनरल कमर जावेद बाजवा की जगह ली. इमरान खान नहीं चाहते थे कि मुनीर को सेना प्रमुख बनाया जाए लेकिन शहबाज शरीफ ने समर्थन किया. बाद में असीम की मदद से शहबाज सरकार सत्ता में आई और इमरान खान जेल में सड़ रहे हैं. असीम का कार्यकाल नवंबर 2025 में समाप्त होना था लेकिन 2024 में संसद से बिल पास करवाकर कार्यकाल 3 साल से बढ़ाकर 5 साल करवाया.
पहलगाम-पुलवामा हमले के पीछे असीम मुनीर
22 अप्रैल को हुआ पहलगाम नरसंहार हो या साल 2019 में हुआ पुलवामा अटैक, मुनीर का दिमाग ही इसके पीछे माना जाता है. पहलगाम हमले से सिर्फ 3-4 दिन पहले ही असीम मुनीर ने हिंदू-मुसलमान करके आतंकियों को ग्रीन सिग्नल दिया था. पहलगाम में पर्यटकों को मारने वाला एक आतंकी आसिफ फौजी तो पाकिस्तान आर्मी का पूर्व कमांडो भी रह चुका है. पुलवामा अटैक के समय असीम मुनीर आईएसआई चीफ थे. इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.