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अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान दे रहा मोदी को निमंत्रण

कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के बाद अब इसी साल अक्टूबर में पाकिस्तान भी एससीओ बैठक की मेजबानी करेगा. एससीओ की बैठक की औपचारिक जानकारी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने दी है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आतंक-परस्त पाकिस्तान में होने वाली बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे या नहीं. क्योंकि भारत भी एससीओ संगठन का अहम हिस्सा है.  

पाकिस्तान ने कहा है कि एससीओ में शामिल सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया जाएगा. खास बात ये है कि इसी हफ्ते (3-4 जुलाई को) अस्ताना में एससीओ की बैठक से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूरी बनाई थी. पीएम मोदी की जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर बैठक में शामिल हुए थे और पीएम मोदी का संदेश पढ़ा था.

एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों को निमंत्रण भेजेंगे: पाकिस्तान
पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने अक्टूबर में पाकिस्तान में होने वाली एससीओ बैठक की जानकारी साझा की. जब मुमताज जहरा बलोच से पत्रकारों ने ये सवाल पूछा कि “क्या पाकिस्तान पीएम मोदी को निमंत्रण देगा?”
मुमताज बलोच ने कहा कि “पाकिस्तान इस बैठक की मेजबानी कर रहा है. इसकी अध्यक्षता पाकिस्तान के पास है, इसलिए अध्यक्ष के रूप में हम सभी एससीओ सदस्य देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों को निमंत्रण भेजेंगे.”

अब अच्छे संबंधों की दुहाई दे रहा है पाकिस्तान

पाकिस्तान की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने चीन,रूस,भारत समेत सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों के पाकिस्तान आने की उम्मीद जताई है. बलोच ने कहा, “हम आशा करते हैं कि अक्टूबर 2024 में होने वाली एससीओ की इस बैठक में सभी सदस्यों का प्रतिनिधित्व होगा.” बलोच ने यह भी कहा कि “पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय राजनीति में किसी गुट का हिस्सा नहीं बनेगा क्योंकि वह सभी देशों के साथ अच्छे संबंध रखने में विश्वास रखता है.”

आतंक पर पाकिस्तान को फिर जयशंकर ने दिखाया आईना

अस्ताना में अंतरराष्ट्रीय मंच से भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शहबाज शरीफ के सामने पाकिस्तान का जमकर फटकार लगाई. पाकिस्तान का नाम लिए बगैर एस जयशंकर ने कहा कि “सीमा पार आतंकवाद और उसकी चुनौतियों को लेकर हमारा खुद का अपना अनुभव रहा है. जो देश आतंकवादियों को पनाह देते हैं, उनकी निंदा की जानी चाहिए. आतंकवाद को किसी भी रूप में माफ नहीं किया जा सकता है.” 

सभी राष्ट्राध्यक्षों के सामने एस जयशंकर ने दो टूक कहा “आतंकवादियों को पनाह देने की कड़ी निंदा की जानी चाहिए. सीमा पार आतंकवाद के लिए निर्णायक प्रतिक्रिया की जरूरत है और आतंकी फंडिंग एवं भर्ती से प्रभावी ढंग से निपटने की जरूरत है. एससीओ को अपनी प्रतिबद्धता से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए. हम दोहरे मानदंड नहीं अपना सकते हैं.” 

पाकिस्तान के अलावा चीन पर भी विदेश मंत्री ने बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि “उन देशों को अलग-थलग करना चाहिए और बेनकाब कर देना चाहिए जो आतंकवादियों को पनाह देते हैं, सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करते हैं और आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं.” (https://x.com/DrSJaishankar/status/1808863535344066946)

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