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पाकिस्तान की जमीन पर कब्जा जरुरी, तब तक नहीं मानेगा हार

मां गंगा के आर्शीवाद और एक्सरसाइज ‘राम-प्रहार’ के जरिए भारतीय सेना, चिनाब और रावी जैसी नदियों को पार कर पाकिस्तान में घुसकर हमला करने की तैयारी में जुट गई है. हरिद्वार में भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने ऑपरेशन सिंदूर से भी ज्यादा नुकसान पहुंचाने के लिए एक खास एक्सरसाइज को आयोजन किया है जिसका उद्देश्य नदियों को पार कर दुश्मन की जमीन पर कब्जा करना है.

सेना की पश्चिमी कमान ने राम-प्रहार एक्सरसाइज के दौरान टैंक, आईसीवी (इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल) और दूसरे मिलिट्री व्हीकल्स के जरिए पार करने की ड्रिल की है. इस एक्सरसाइज में पश्चिमी कमान के करीब 20 हजार सैनिकों ने हिस्सा लिया. एक लंबे समय बाद सेना ने बॉर्डर से दूर डेप्थ में किसी युद्धाभ्यास को आयोजित किया है.

युद्धाभ्यास के समापन के दौरान मीडिया से बात करते हुए पश्चिमी कमान के कमांडिंग इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कटियार ने साफगोई से कहा कि “हम कोई भी एक्सरसाइज अपने ऑपरेशन्ल टास्क को ध्यान में रखकर आयोजित करते हैं.”

पाकिस्तानी सीमा पर है चिनाब, रावी और सतलुज नदियां

जनरल के मुताबिक, “पाकिस्तान से सटी हमारी सीमा, चिनाब, रावी और सतलुज जैसी नदियों से घिरी है. ऐसे में अगर पाकिस्तान के खिलाफ कोई हमला बोलना है और दुश्मन की जमीन पर कब्जा करना पड़ा, तब नदियों को पार करना बेहद जरूरी होगा.”

लें.जनरल कटियार ने यहां तक कह दिया कि “जंग में जीत के लिए दुश्मन की जमीन पर कब्जा करना बेहद जरूरी है. क्योंकि पाकिस्तान तब तक नहीं मानेगा कि हम (भारत) जीत गया है, जब तक उसकी जमीन पर कब्जा ना किया जाए.”

अगली बार ऑपरेशन सिंदूर से भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा पाकिस्तान को

भारतीय सेना की पश्चिमी कमान की जिम्मेदारी, पंजाब से सटे पाकिस्तानी बॉर्डर की है. कमांडर ने साफ कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया था. लेकिन निकट भविष्य में दुश्मन फिर कोई दुस्साहस कर सकता है. ऐसे में इस बार पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.”

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