पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच अहम कड़ी, जिसने मोहम्मद यूनुस और आईएसआई-सेना के बीच रिश्तों को मजबूत किया, वो पाकिस्तानी राजदूत अचानक से ढाका छोड़कर इस्लामाबाद पहुंच गए हैं. पाकिस्तान के उच्चायुक्त सैयद अहमद मारूफ अचानक देश छोड़ देना किसी रहस्य से कम नहीं हैं. बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी उच्चायुक्त हनीट्रैप के जाल में फंसे हुए हैं. बांग्लादेश की एक अधिकारी के साथ तस्वीरें वायरल होने के बाद अचानक से छुट्टी का बहाना बनाकर पाकिस्तानी उच्चायुक्त ढाका से रवाना हो गए.
कॉक्स बाजार में कट्टरपंथियों संग कर रहे थे उच्चायुक्त मीटिंग, हनीट्रैप की हवा उड़ी
पाकिस्तानी उच्चायुक्त मारूफ की बांग्लादेश में कुछ कट्टरपंथी संगठनों से नजदीकियां रही हैं. बताया जा रहा है कि मारूफ 9-10 मई को जब भारत, पाकिस्तान पर तगड़ा प्रहार कर रहा था, तो वो कॉक्स बाजार में थे, जहां उन्होंने जमात-ए-इस्लामी और रोहिंग्या विद्रोही संगठन एआरएसए के कुछ प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. कॉक्स बाजार का कुछ महीने पहले पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के अधिकारियों ने भी दौरा किया था. पाकिस्तानी उच्चायुक्त का 9-10 मई को ऐसे वक्त में कॉक्स बाजार पहुंचना इत्तिफाक नहीं हो सकता जब भारतीय सेना पाकिस्तान पर ताबड़तोड़ हमले कर रही थी. ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी की कट्टर और उग्रवादी संगठनों से ईस्टर्न फ्रंट पर बांग्लादेश से भारत के खिलाफ कोई बड़ी साजिश रच रहे थे.
पाकिस्तानी उच्चायुक्त की सीक्रेट तस्वीरें लीक, बांग्लादेश से गायब हुए
उच्चायुक्त मारूफ ये सीक्रेट बैठकें कर ही रहे थे कि सोशल मीडिया पर उनकी सीक्रेट तस्वीरें लीक हो गईं. मारूफ का नाम बांग्लादेश बैंक की 23 वर्षीय अधिकारी हाफिजा हक शाह से जोड़ा गया और दोनों की कई निजी तस्वीरें और वीडियो वायरल किए गए. मामला ऐसा बढ़ा कि कॉक्स बाजार से ही राजनयिक प्रोटोकॉल के बिना ही पाकिस्तानी उच्चायुक्त को नौ दो ग्यारह होना पड़ा. पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने अपनी रवानगी के बारे में बांग्लादेश सरकार से भी कोई संवाद नहीं किया. बांग्लादेशी मीडिया का दावा है कि मारूफ इतनी जल्दबाजी में थे कि टी शर्ट और जींस में ही कॉक्स बाजार से इस्लामाबाद के लिए रवाना हो गए. जिसके बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं.
मोहम्मद यूनुस के करीबी बन गए थे सैयद मारूफ रजा
सैयद मारूफ उस वक्त लोगों की नजरों में आए जब शेख हसीना के तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस सरकार में पाकिस्तान के साथ संबंधों पर काम किया. मारूफ ढाका में बांग्लादेश-पाकिस्तान संबंधों को बेहतर करने के लिए काफी सक्रियता से काम कर रहे थे. मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के करीबी बन गए थे. अंतरिम सरकार के सलाहकारों के साथ मारूफ रजा लगातार बैठकें कर रहे थे. पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की बांग्लादेश यात्रा में भी अहम भूमिका निभाई थी.
जांच के घेरे में पाकिस्तानी उच्चायुक्त, यूनुस सरकार ने साधी चुप्पी
शक है कि सैयद मारूफ, हनी ट्रैप में फंस गए थे. इसके अलावा उच्चायुक्त लगातार बांग्लादेश में कट्टरपंथी नेटवर्क के संपर्क में थे और संवेदनशील इलाकों और संस्थानों में पहुंच बढ़ा रहे थे. ऐसे में बांग्लादेश की अधिकारी हाफिजा हक शाह के साथ संपर्क में आए. लेकिन अब वो जांच के दायरे में हैं और कूटनीतिक तौर पर पूरा मामला बहुत उलझ गया है कि आखिर क्या डर था, जिससे वो बिना किसी को बताए बांग्लादेश से भागने को मजबूर हो गए.
बांग्लादेश की ब्यूटी क्वीन के जाल में फंसे थे सऊदी अरब के राजदूत
शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से राजनयिक हलचल बढ़ गई है साथ ही जासूसी, हनीट्रैप जैसे घटनाओं में भी इजाफा हुआ है. पाकिस्तानी उच्चायुक्त से पहले सऊदी अरब के राजदूत भी अपनी बेइज्जती करा चुके हैं. ब्यूटी क्वीन के साथ संबंधों के चलते राजदूत को ढाका से निकलना पड़ा. बाद में बांग्लादेश पुलिस ने कहा, कि पूर्व ब्यूटी क्वीन मेघना आलम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. मेघना पर राजदूत को अपने जाल में फंसाकर 50 लाख अमेरिकी डॉलर ठगने की कोशिश के आरोप लगा था. वहीं मेघना ने सारे आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया था कि राजनयिक उससे शादी करना चाहता था.