पहलगाम नरसंहार पर आतंकिस्तान कर रहा है सबूतों की मांग, फंसा तो कर रहा है अंतर्राष्ट्रीय जांच की मांग, रूस,चीन समेत कई देशों से गिड़गिड़ा रहा है, क्योंकि दुनिया के सामने आ गया है पाकिस्तान के खिलाफ सबसे बड़ा सबूत. वो सबूत जिसे शहबाज नकार नहीं पाएंगे, मुल्ला आर्मी चीफ असीम मुनीर नहीं नकार पाएंगे और ना ही नकार पाएगी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई.
क्योंकि जिस आतंकी हाशिम मूसा उर्फ आसिफ फौजी ने पहलगाम में मासूम पर्यटकों पर गोलियां चलाईं, जिस आतंकी हाशिम मूसा ने पूरे ऑपरेशन को लीड किया, जिस हाशिम मूसा ने हिंदुओं को चुन-चुन कर गोली मारी, वो आतंकी हाशिम मूसा निकला है पाकिस्तानी सेना का कमांडो. संदिग्धों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हाशिम मूसा पाकिस्तानी सेना का पैरा कमांडो है.
पाकिस्तान सेना से जुड़े पहलगाम नरसंहार के तार
पाकिस्तानी सेना के चीफ असीम मुनीर को यूं ही आतंकी घोषित करने की मांग नहीं की जा रही है. दरअसल आर्मी चीफ वही शख्स है, जो सेना के नाम पर देता है आतंकियों को ट्रेनिंग. ये हम ऐसे ही नहीं कह रहे हैं, दरअसल सामने आया है पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बड़ा सबूत. खुलासा हुआ है कि पहलगाम में निहत्थे लोगों को बेरहमी से मारने वाला आतंकी हाशिम मूसा पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) का पैरा कमांडो रह चुका है. मूसा पाकिस्तानी सेना के स्पेशल फोर्सेज का पूर्व पैरा कमांडो है. मूसा अब लश्कर के साथ काम कर रहा है और उसे जम्मू और कश्मीर में गैर स्थानीय और सुरक्षाबलों के बीच दहशत फैलाने के इरादे से भेजा गया था.
लश्कर का खूंखार आतंकी निकला पूर्व पाकिस्तानी फौजी
हाशिम मूसा, अब लश्कर-ए-तैयबा के साथ काम कर रहा है, उसे जम्मू और कश्मीर भेजे जाने से पहले पाकिस्तान के स्पेश सर्विस ग्रुप ने ट्रेनिंग दी थी. बताया जा रहा है कि मूसा को भारतीय और विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों सहित गैर-स्थानीय नागरिकों को निशाना बनाने का काम सौंपा गया था. कट्टर होने के कारण हाशिम को भारत में हमला करने की जिम्मेदारी सौंपी थी.
20 लाख का इनामी मूसा, गांदरबल अटैक में भी था शामिल
हाशिम मूसा के पाकिस्तानी सेना में होने का खुलासा हिरासत में लिए गए ग्राउंडवर्कर्स से पूछताछ के बाद हुआ है. जांच में पता चला है कि ग्राउंड वर्कर्स ने ही आतंकियों की मदद की थी, उनके खाने और रुकने की व्यवस्था की थी. जांच एजेंसियों के मुताबिक पहलगाम ही नहीं, पिछले साल अक्टूबर में गांदरबल और बारामूला हमले में भी हाशिम मूसा का हाथ था, उस अटैक में 11 लोगों की मौत हुई थी. हाशिम मूसा पर 20 लाख का इनाम रखा गया है. माना जा रहा है सेना के दांव-पेंच जानने के कारण ही वो सुरक्षा एजेंसियों के चकमा देने में कामयाब रहा है. लेकिन वो दिन अब दूर नहीं कि हाशिम मूसा जैसे दरिंदों समेत उनके आकाओं को दी जाएगी ऐसी सजा, जो उनकी कल्पना से परे होगी.