पाकिस्तान के पक्के दोस्त और ऑपरेशन सिंदूर का विरोध करने वाले अजरबैजान ने भारत पर बड़ा आरोप लगाया है. बाकू की ओर से कहा गया है कि भारत ने उसके शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के पूर्ण सदस्यता के प्रयास को रोक दिया है. अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, और कहा है कि भारत के वीटो के कारण एससीओ में अजरबैजान की एंट्री नहीं हो पाई.
हालांकि, भारत ने अजरबैजानी मीडिया की इन रिपोर्टों पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.आपको बता दें कि अजरबैजान, चीन में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन में डायलॉग पार्टनर के तौर पर शामिल हुआ था.
अजरबैजान की मीडिया ने उछाला मुद्दा, क्या कहा
अजरबैजान की ओर से कहा जा रहा है कि “चीन ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का पूर्ण सदस्य बनने के अजरबैजान के आवेदन के लिए अपने समर्थन की फिर से पुष्टि की है. लेकिन इसके विपरीत, इस प्रक्रिया में बाधा डालने का भारत का निर्णय बहुपक्षीय कूटनीति और शंघाई भावना के सिद्धांतों के विपरीत है, जो यह निर्धारित करता है कि द्विपक्षीय विवादों को बहुपक्षीय मंचों पर प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए.”
पाकिस्तान के साथ करीबी के कारण भारत का वीटो: अजरबैजान
सोमवार को ही चीन के तियानजिंग में एससीओ शिखर सम्मेलन का समापन हुआ है. अब अजरबैजान ने कंट्रोवर्सी शुरु कर दी है. अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहाम अलीयेव खुद शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे. अलीयेव की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आई थीं
ये दावा किया गया कि “भारत ने इसलिए बाधा डाली क्योंकि पाकिस्तान और अजरबैजान के बीच भाईचारे वाला संबंध है.”
दरअसल अजरबैजान को पाकिस्तान का करीबी समझा जाता है. हमेशा पाकिस्तान के साथ कश्मीर राग में हां में हां मिलाता है. भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था. अजरबैजान इस्लाम के नाम पर मुद्दे पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा रहता है.
रूस ने पिछले साल गलती से अजरबैजान का यात्री प्लेन गिराया, जिसके बाद तल्खी बढ़ी
रूस हमेशा से अजरबैजान का साथी रहा है, लेकिन पिछले साल दोनों के रिश्तों में उस वक्त तल्खी आ गई, जब यूक्रेन के ड्रोन अटैक से बचने के लिए रूस ने अजरबैजान के यात्री विमान को गिरा दिया था. कई लोग मारे गए थे. हालांकि पुतिन ने इसके लिए अजरबैजान से माफी भी मांग ली थी. लेकिन बाद में बदले में अजरबैजान ने कई रूसी पत्रकारों को गिरफ्तार करके रूस का गुस्सा बढ़ा दिया था.
अजरबैजान के दुश्मन आर्मेनिया को भारत ने दी है पिनाका मिसाइल, अब दोनों में है सीजफायर
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आर्मेनिया और अजरबैजान के राष्ट्रपतियों का हाथ मिलवा कर सीजफायर का ऐलान किया था. भारत हमेशा से आर्मेनिया के पक्ष में रहता है. आर्मेनिया को पिनाका मिसाइल भी दे चुका है.
अब पाकिस्तान भी आर्मेनिया से दोस्ती गांठने में लगा हुआ है. पाकिस्तान और आर्मेनिया में संबंध अच्छे नहीं हैं, लेकिन अजरबैजान के साथ सीजफायर होने के बाद पाकिस्तान की ओर से द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की पहल की गई है. कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार ने अपने अर्मेनियाई के विदेश मंत्री के साथ टेलीफोन पर बातचीत की, जिसके दौरान दोनों पक्षों ने राजनयिक संबंध स्थापित करने पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की थी.