पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की अमेरिका पहुंचकर भारत को दी गई गीदड़भभकी के बीच पूर्वी भारत की सीमा पर किया गया है युद्धाभ्यास. भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर ने अपना शौर्य दिखाया है और दुश्मनों को संदेश दिया है कि हर स्थिति से निपटने के लिए हिंद की सेना तैयार है.
असीम मुनीर ने भारत के पूर्वी छोर पर अटैक की धमकी दी है. वहीं पिछले साल शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश की अस्थिरता का फायदा उठाते हुआ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की गतिविधियां बढ़ गई हैं. जिसके बाद भारत ने चौकसी बढ़ा दी है.
फरक्का बैराज पर भारतीय सेना का युद्धाभ्यास, एमआई 17 से होलोकास्टिंग तकनीक
भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद स्थित फरक्का बैराज पर किया बड़ा युद्धाभ्यास. इस युद्धाभ्यास में थलसेना के साथ-साथ वायुसेना, नौसेना और पैरा-एसएफ (स्पेशल फोर्सेज) को भी शामिल किया गया था.
त्रिशक्ति कोर ने संयुक्त प्रशिक्षण का अभ्यास किया. इस अभ्यास में वायुसेना के एमआई 17 वी 5 हेलीकॉप्टर ने हिस्सा लिया. बेहद नीची ऊंचाई से हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी तो फरक्का बैराज में गंगा की लहरों पर सेना, वायुसेना और आपदा प्रबंधन बल के जवान अपनी ताकत और फुर्ती का प्रदर्शन किया.
रक्षा मंत्रालय ने युद्धाभ्यास को लेकर क्या बताया?
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक होलोकास्टिंग चरण में, सेना और नौसेना के विशेष बलों ने हेलोकास्टिंग तकनीक और भारतीय वायु सेना के एमआई 17 हेलीकॉप्टर से निम्न-स्तरीय जल प्रवेश का उपयोग किया. हेलोकास्टिंग एक ऐसी विधि है जिसमें सैनिक पानी के ऊपर कम ऊँचाई पर उड़ रहे हेलीकॉप्टर से उतरते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए तैरते हैं या नावों का उपयोग करते हैं, जिससे चुपके से और तेजी से प्रवेश संभव होता है. अभ्यास के दौरान प्रदर्शित संयुक्त कौशल, सटीकता और टीम वर्क ने तीनों सेनाओं के बीच उच्च स्तर की परिचालन तत्परता को प्रदर्शित किया.
आईएसपीआर ने दी थी बांग्लादेश से हमला करने की धमकी
कुछ दिनों पहले पाकिस्तान की ओर से कहा गया था कि बांग्लादेश के जरिए भारत पर अटैक किया जाएगा. ऐसे में इस अभ्यास की अहमियत बढ़ जाती है.
सेना के त्रिशक्ति कोर के अधिकारी के मुताबिक “यह अभ्यास हमारे सशस्त्र बलों की तालमेल, गति और सटीकता का प्रमाण है। यह इस बात की पुष्टि करता है कि हम हर क्षेत्र – चाहे वह जमीन हो, समुद्र हो या हवा – में, सभी विरोधियों के खिलाफ हर स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हैं”
फरक्का ब्रिज के बारे में जानिए, जहां तीनों सेनाओं ने किया अभ्यास
240 मीटर लंबे फरक्का बैराज का निर्माण 1975 में पूरा हुआ था और इसके 109 गेट्स के जरिए गंगा का जल प्रवाह भारत और बांग्लादेश की ओर नियंत्रित किया जाता है. पश्चिम बंगाल को भी इसी बैराज के फीडर नहर से सालभर गंगा का पानी मिलता है.
बैराज की रणनीतिक और सुरक्षा महत्व के चलते सेना ने यहां युद्धाभ्यास किया ताकि तैयारियों का परीक्षण किया जा सके. पहलगाम नरसंहार के बाद भारत की ओर से सिंधु जल रोके जाने के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है, और आशंका है कि नापाक इरादा ये है कि भारत की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा सके. ऐसे में भारतीय सेना ने भी कमर कस ली है कि छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं.