बांग्लादेश में आने वाले कुछ महीनों में होने वाले चुनाव की सुगबुगाहट के बीच शेख हसीना के लिए गुडन्यूज आई है. बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री की पार्टी ‘अवामी लीग’ चुनाव में भाग ले सकती है
बांग्लादेश के चुनाव आयुक्त ने साफ कर दिया है कि जब तक कि सरकार या न्यायपालिका पार्टी पर प्रतिबंध नहीं लगाती, तब तक चुनाव लडने पर रोक नहीं है.
चुनाव आयोग ने तो शेख हसीना का पार्टी को चुनाव में लड़ने के लिए हरी झंडी दिखा दी है, लेकिन अगर अंतरिम सरकार या कोर्ट ने अवामी लीग को लेकर कोई रोक लगाई तो फिर चुनाव लड़ना मुश्किल में पड़ सकता है.
“अवामी लीग लड़ सकती है चुनाव, अगर….”
बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नासिरउद्दीन ने कहा है कि “चुनाव आयोग पूरी तरह स्वतंत्र है और उस पर कोई बाहरी दबाव नहीं है. हम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.” चुनाव आयुक्त ने ये भी कहा कि अगले 6 महीने में मतदाता सूची तैयार कर ली जाएगी.
अवामी लीग से शेख हसीना बनेंगी दावेदार या कोई और…फंसे हैं कई पेंच
पिछले 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं शेख हसीना. शेख हसीना और उनके मंत्रियों के खिलाफ बांग्लादेश में कई हत्या और अपहरण के केस दर्ज किए गए हैं. खुद अंतरिम सरकार ने मांग की है कि भारत, शेख हसीना को प्रत्यर्पित करे. ऐसे में अगर अवामी लीग चुनावी मैदान में उतरती है तो क्यो पीएम चेहरा शेख हसीना ही होंगी और अगर शेख हसीना सीएम चेहरा होंगे तो उन्हें बांग्लादेश वापस लौटना पड़ेगा.
बांग्लादेश में शेख हसीना के गिरफ्तारी की तलवार लटकी है. पर सच ये भी है कि शेख हसीना ने अब तक पीएम पद से इस्तीफा नहीं देने का दावा किया है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या शेख हसीना बांग्लादेश आकर बीएनपी को चुनौती देंगी, या उनके उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरेंगे.
क्या बांग्लादेश में नाबालिग भी डालेंगे वोट?
वोटर्स की उम्र को लेकर खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी और अंतरिम सरकार में मतभेद देखने को मिले हैं. अंतरिम सरकार ने सुझाव दिया है कि वोटर्स की उम्र 18 से घटाकर 17 की जाए. पर बीएनपी यूनुस सरकार के इस फैसले के विरोध में है. अगर अंतरिम सरकार के सुझाव को मान लिया जाता है तो बांग्लादेश में 17 साल के उम्र के लोग भी वोट डाल सकेंगे.
बीएनपी ने लगाए अंतरिम सरकार पर आरोप
खालिदा जिया की पार्टी के महासचिव आलमगीर ने अंतरिम सरकार के सुझाव को बेतुका बताते कहा है कि “मतदाताओं की उम्र घटाने से चुनाव आयोग पर दबाव पड़ेगा. ऐसा लग रहा है कि अंतरिम सरकार जानबूझकर चुनाव को टालना चाहती है मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को “इस मुद्दे को उठाने से पहले सभी पक्षों से बात करनी चाहिए.”
2026 की शुरुआत में हो सकते हैं बांग्लादेश के चुनाव
हाल ही में अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने इस बात के संकेत दिए थे कि बांग्लादेश में इस साल के अंत तक या फिर अगले साल की शुरुआत में चुनाव कराए जा सकते हैं. विजय दिवस के मौके पर मोहम्मद यूनुस ने कहा था कि मतदाता सूची अपडेट के बाद चुनाव कराए जाएंगे.