पेंटागन का नाम बदलकर डिपार्टमेंट ऑफ वॉर करने की घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डिफेंस जर्नलिस्ट के लिए एक और नया फरमान सुनाया है. जो भी पत्रकार अमेरिका रक्षा विभाग कवर करना चाहते हैं, उन्हें पहले रक्षा विभाग (रक्षा मंत्रालय) की अनुमति लेनी होगी.
पत्रकारों को प्रेस पास लेना होगा, और ये प्रेस पास लेने के लिए 10 पन्नों का फॉर्म भरना होगा. साथ ही इस फॉर्म में लिखा गया है कि जर्नलिस्ट को कोई भी सूचना सार्वजनिक करने से पहले मंत्रालय की परमिशन लेनी होगी.
दरअसल इन दिनों अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की नीतियों को लेकर कई बड़े अखबार और न्यूज़ चैनल अलोचना कर रहे हैं. पत्रकारों ने कुछ महीने पहले हूती पर किए गए अमेरिकी एयरस्ट्राइक के बारे में भी खुलासा कर दिया था कि खुद रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने ग्रुप में संवेदनशील और सीक्रेट जानकारी साझा कर दी थी, जिसके बारे में पत्रकारों को जानकारी हासिल हो गई थी. इस सूचना लीक होने के कारण ट्रंप प्रशासन में बनाए गए एनएसए को हटा दिया गया था. जिसके बाद अब डिपार्टमेंट विदेश मंत्री मार्को रुबियो संभाल रहे हैं.
अमेरिका में डिफेंस जर्नलिस्ट पर ट्रंप प्रशासन ने लगाई
अमेरिकी रक्षा विभाग ने पत्रकारों के लिए एक नया नियम बनाया है. इसके तहत जो पत्रकार डिपार्टमेंट ऑफ वॉर (पेंटागन) को कवर करना चाहते हैं, उन्हें पहले रक्षा विभाग की अनुमति लेना होगी. नया नियम अपडेटेड प्रेस क्रेडेंशियल प्रोसेस का हिस्सा है. इस नियम के तहत जर्नलिस्ट को मिलिट्री से जुड़ी सिर्फ वही जानकारी इस्तेमाल करनी होगी, जो पेंटागन कहेगा देने के लिए. अगर कोई पत्रकार बिना अनुमति के कोई जानकारी इस्तेमाल करता है, तो उसे ब्लैकलिस्टेड किया जा सकता है.
मेमो जारी, हर एक सूचना के लिए लेनी होगी मंजूरी
पेंटागन के प्रवक्ता सीन पार्नेल ने इससे जुड़ा एक मेमो जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि पत्रकारों को रक्षा विभाग पर रिपोर्ट करने के लिए प्रेस पास लेना होगा. इसे लेने के लिए 10 पन्ने का फॉर्म भरना होगा और उस पर दस्तखत करने होंगे.
फॉर्म में यह लिखा होगा कि पत्रकार सिर्फ वही सूचना इस्तेमाल कर सकते हैं, जो पेंटागन के किसी अधिकारी ने सार्वजनिक करने के लिए मंजूर की हो, चाहे वह सूचना सीक्रेट हो या न हो.
पेंटागन का दावा राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकता, कई सासंदों ने कहा मूर्खतापूर्ण फैसला
पेंटागन ने इस नियम के पीछे ये तर्क दिया है कि नया नियम इसलिए लाया गया है ताकि देश की सुरक्षा बनी रहे. राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी सुरक्षित रहे.
लेकिन इस नियम के खिलाफ न सिर्फ मीडिया हाउस, पत्रकारों बल्कि विपक्षी पार्टी के सांसदों में भी रोष है.
नेब्रास्का के रिपब्लिकन सांसद डॉन बेकन ने भी इस नियम की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह नियम मूर्खतापूर्ण है और इसे समझ पाना मुश्किल है. बेकन ने सोवियत संघ का उदाहरण देते हुए कहा, सिर्फ सरकार की बातें होती हैं, लेकिन अमेरिका में प्रेस स्वतंत्र है और यही उसे बेहतर बनाता है.
दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप-मीडिया में कई बार हुआ टकराव
20 जनवरी को जब ट्रंप ने सत्ता संभाली तो मीडिया के साथ कई विवाद हुए, चाहे वो टैरिफ हो, डॉज विभाग का कार्य करने का तरीका हो या फिर सेना से जुड़े कई विवादित फैसले हो. अमेरिकी मीडिया ने ट्रंप की आलोचना की.
कुछ दिनों पहले जब ट्रंप ने मैक्सिको की खाड़ी का नया नाम अमेरिका की खाड़ी रख दिया तो मीडिया हाउस ने अपनी स्टोरी में मैक्सिको की खाड़ी की जगह ट्रंप का दिया नाम यानी अमेरिका की खाड़ी रखने से मना कर दिया था.
पिछले सप्ताह ही अमेरिकी के सबसे बड़े नेटवर्क के लोकप्रिय लेट-नाइट शो जिमी किमेल लाइव को अनिश्चितकाल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. जिमी किमेल की एक टिप्पणी से ट्रंप और उनका प्रशासन नाराज था.
इसके अलावा कई बार ट्रंप कवरेज करने आए पत्रकारों को भी ऊलजलूल बोल चुके हैं, जिसको लेकर मीडिया नेटवर्क ने जमकर भड़ास निकाली थी.