यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को दुनियाभर में घूम-घूमकर रूस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए मदद के लिए गिड़गिड़ाते हुए दुनिया देख रही है, लेकिन अब कीव (यूक्रेन की राजधानी) से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिससे जंग की तस्वीर ही पलट जाती है. ये वीडियो कीव के एक स्पोर्ट्स स्टेडियम का है जिसमें हजारों की तादाद में लोग कॉन्सर्ट का आनंद ले रहे हैं और म्यूजिक पर झूम रहे हैं.
इस वीडियो को देखकर ऐसा नहीं लगता कि यूक्रेन युद्ध की विभीषिका झेल रहा है. खचाखच भरे इंडोर स्टेडियम में युवक-युवतियों कॉन्सर्ट में बज रहे म्यूजिक पर थिरक रहे हैं. चारों तरफ लेजर-लाइट चमक रही है. बड़ी संख्या में लोग मोबाइल से वीडियो बना रहे हैं.
कॉन्सर्ट का वीडियो वायरल
ये वीडियो, यूक्रेन की राजधानी कीव के पैलेस ऑफ स्पोर्ट्स का है. कॉन्सर्ट में शामिल आर्टिस्ट यूक्रेन का राष्ट्रीय ध्वज (पीले और नीले रंग) को लेकर परफॉर्मेंस दे रहे हैं. ये कॉन्सर्ट 1 मार्च का बताया जा रहा है यानी ओवल ऑफिस में जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बहस के अगले दिन का. (https://x.com/RadioGenoa/status/1897244024119153042)
पिछले कई महीनों से रूस ने नहीं किया है कीव पर हमला
हाल ही में अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि पिछले तीन साल में रशिया ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमला नहीं किया है. रशिया चाहे तो कभी भी कीव को जमींदोज कर सकता है.
दरअसल, युद्ध के शुरूआती हफ्तों में (वर्ष 2022) में रूसी सेना ने कीव की घेराबंदी जरूर की थी लेकिन राजधानी में दाखिल नहीं हुए थे. कीव के करीब बूचा शहर से रूसी सेना वापस लौट गई थी. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुताबिक, इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता (अप्रैल 2013) में यूक्रेन और यूरोपीय देशों ने शर्त रखी थी कि रूसी सेना पीछे हट जाएगी तो युद्धविराम हो सकता है. ऐसे में रूसी सेना पीछे हट गई थी.
पुतिन का आरोप है कि तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इशारे पर जेलेंस्की ने शांति समझौते को डस्टबिन में फेंक दिया था. ऐसे में जंग पिछले तीन साल से जारी है. उसके बाद से कम ही ऐसी घटना सामने आई जब कीव में कोई बड़ा हमला हुआ हो.
पिछले साल (2024) में जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की राजधानी मॉस्को की आधिकारिक यात्रा पर गए थे तो कीव में बच्चों के कैंसर अस्पताल पर जरूर एक मिसाइल अटैक हुआ था. मोदी ने इस हमले का जिक्र पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता में भी किया था. हालांकि, रूस ने इस हमले से इंकार किया था.
इससे पहले एक बार रूस ने कीव स्थित यूक्रेन के नेशनल ब्रॉडकास्टिंग टीवी टॉवर को ये कहकर ध्वस्त किया था कि वहां से मॉस्को के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा था. (https://x.com/Alex_Oloyede2/status/1897330518724894788)
जंग का मैदान कीव से 700 किलोमीटर दूर
दरअसल, पिछले तीन साल से जंग का मैदान डोनबास का वो एरिया है जिसे रूस ने यूक्रेन से छीन कर अपने फेडरेशन में शामिल कर लिया है. साथ ही रूसी बॉर्डर से सटा खारकीव का इलाका है. कीव से डोनबास के दोनेत्स्क और लुहांस्क (लुगांस्क) शहरों की दूरी 700-800 किलोमीटर है जबकि खारकीव 500 किलोमीटर दूर है.
डोनबास का करीब 25-30 प्रतिशत इलाका अभी भी यूक्रेन के कब्जे में है. ऐसे में रूसी सेना एक-एक गांव और रिहायशी इलाके से यूक्रेन की सेना को खदेड़ रही है. वहीं डोनबास से सटी यूक्रेनी सीमा पर जेलेंस्की की सेना डटी हुई है ताकि रूसी सेना पश्चिम की तरफ न बढ़ पाए.
इसके अलावा अगस्त 2024 से रूस के कुर्स्क प्रांत भी है जिसके एक बड़े हिस्सा पर यूक्रेन की सेना ने कब्जा कर रखा है. ऐसे में कीव और दूसरे इलाके काफी हद तक सुरक्षित माने जा सकते हैं.
कुर्स्क प्रांत के बदले में रूसी सेना ने खारकीव इलाके में आगे बढ़कर बॉर्डर को कम से कम 10 किलोमीटर भीतर तक यूक्रेनी सीमा की तरफ कर दिया है. इस 10 किलोमीटर के दायरे में रूसी सेना ने कई यूक्रेनी रिहायशी इलाकों पर कब्जा कर लिया है.
28 फरवरी को जब ओवल ऑफिस में जेलेंस्की की ट्रंप के साथ भिड़ंत हुई थी, तब वहां मौजूद अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी यूक्रेनी राष्ट्रपति पर विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को अपने देश बुलाकर प्रोपेगेंडा विजिट कराने का सनसनीखेज आरोप लगाया था.