थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बॉर्डर पर फायरिंग के साथ टकराव जारी है. फायरिंग के साथ-साथ, दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे पर ड्रोन अटैक कर रहे हैं. गोलीबारी के चलते, सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लाखों की तादाद में लोग पलायन करने को मजबूर हैं.
इस बीच एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें थाईलैंड के सैनिकों ने कंबोडिया की तरफ से आए एक ड्रोन को अपनी पारंपरिक गन से मार गिराया. ये ड्रोन एक बम या फिर ग्रेनेड से लैस था और थाईलैंड की सीमा में दाखिल होकर सैनिकों पर दागा जाना था.
खबर ये भी है कि थाईलैंड ने कंबोडिया के एक विवादित गांव पर कब्जा कर लिया है.इस खाली पड़े गांव में थाई आर्मी के सैनिक और बख्तरबंद गाड़ियां नजर आ रही हैं. कंबोडिया का आरोप है कि थाईलैंड ने बॉर्डर पर बने कस्टम ऑफिस पर भी गोलीबारी कर नुकसान पहुंचाया है.
दोनों देशों की सेना ने एक-दूसरे पर लगाया युद्धविराम उल्लंघन का आरोप
दोनों देशों की सेनाएं, एक दूसरे पर उत्तेजक कार्रवाई का आरोप लगा रही हैं. थाईलैंड की सेना का आरोप है कि ताजा विवाद, कंबोडिया की सेना द्वारा फायरिंग के बाद शुरु हुआ है. कंबोडिया की फायरिंग में थाईलैंड के 02 सैनिक घायल हुए थे. खबरों के मुताबिक, अब तक दोनों तरफ के आधा दर्जन से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जिसमें सैनिक भी शामिल हैं.
दोनों देशों ने अक्टूबर के महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से हुए सीजफायर करार को तोड़ने का इल्जाम लगा रहे हैं. सोमवार को थाईलैंड ने कंबोडिया के कैसिनो पर एफ-16 लड़ाकू विमान से हवाई हमला किया था. इस कैसिनो को कंबोडिया के सैनिक, अपने ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे.
पिछले 3-4 दिनों से चल रहे टकराव के चलते लाखों की तादाद में दोनों देशों के सीमावर्ती इलाकों से लोगों का पलायन हो रहा है.
जुलाई से चल रहा है सैन्य टकराव
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जुलाई के महीने से तनाव चल रहा है. उस दौरान भी दोनों देशों ने एक दूसरे पर हवाई हमले किए थे, जिसमें करीब 50 लोगों की जान चली गई थी और लाखों की संख्या में लोगों को बॉर्डर इलाका खाली करना पड़ा था.
विवाद की जड़ में एक हिंदू मंदिर
थाईलैंड और कंबोडिया के सीमा विवाद की जड़ में एक प्राचीन हिंदू मंदिर है, जिसके चलते आसियान संगठन से जुड़े ये दोनों देश एक दूसरे के खून के प्यासे रहते हैं. दरअसल, थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर एक बड़ा मंदिर है, जिसे प्रिहा-विहार के नाम से जाना जाता है और यूनेस्को की धरोहर लिस्ट में शामिल है. भगवान शिव के इस मंदिर का निर्माण 9-12 शताब्दी के बीच कंबोडिया के खमेर साम्राज्य के राजाओं ने कराया था.
बॉर्डर पर विवादित मंदिर होने के चलते, थाईलैंड और कंबोडिया के सैनिक, पेट्रोलिंग के वक्त यहां भिड़ जाते हैं, जिसके चलते समय-समय पर सैन्य टकराव की स्थिति बन जाती है. दोनों देशों के बीच पिछले 100 वर्षों से इस मंदिर को लेकर तकरार रही है.

