जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में आतंकियों के घातक हमले में भारतीय सेना के तीन जवान वीरगति को प्राप्त हो गए और तीन अन्य घायल हो गए. गुरूवार की दोपहर हुए इस हमले के दौरान ये सभी सैनिक दो गाड़ियों से एक ऑपरेशन में शामिल होने के लिए जा रहे थे. उसी दौरान आतंकियों ने घात लगाकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी.
जानकारी के मुताबिक, गुरूवार दोपहर 3.45 बजे राजौरी के डेरा की गली (डीकेजी) एरिया में बफलियाज के करीब ये हमला हुआ. दरअसल, बुधवार की रात को इस इलाके में आतंकियों की मूवमेंट के बारे में जानकारी मिली थी. इसी सूचना के आधार पर डीकेजी एरिया की घेराबंदी की जा रही थी. उसी दौरान रि-एनफोर्समेंट के लिए सेना की दो गाड़ियों (जिसमें एक जिप्सी थी) में सैनिक पहुंच रहे थे. जैसे ही ये दोनों गाड़ियां ऑपरेशन्ल-साइट के करीब पहुंची, पहले से घात लगाए आतंकियों ने उनपर फायरिंग कर दी.
भारतीय सेना के अधिकारियों के मुताबिक, आतंकियों की सघन तलाशी जारी है और ऑपरेशन से जुड़ी बाकी जानकारी भी जल्द साझा की जाएगी. क्योंकि ऑपरेशन अभी जानकारी है इसलिए भारतीय सेना ने अभी तक वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों के बारे में ज्यादा जानकारी साझा नहीं की है.
पिछले एक-डेढ़ साल में जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ इलाकों में आधा-दर्जन से ज्यादा बड़ी आतंकी घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इन हमलों में दो दर्जन से ज्यादा सैनिक सर्वोच्च बलिदान दे चुके हैं. वीरगति को प्राप्त होने वालों में भारतीय सेना की एलीट पैरा-एसएफ रेजीमेंट के कमांडो भी शामिल हैं. भारतीय सेना के मुताबिक, कश्मीर घाटी में शांति बहाली के बाद से पाकिस्तान और उसके समर्थित आतंकी संगठन (जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा) पीर पंजाल रेंज के दक्षिणी इलाकों में आतंकवाद को एक बार फिर से फैलाने की फिराक में हैं.
वर्ष 2003 में भारतीय सेना द्वारा छेड़े गए ऑपरेशन सर्प-विनाश के बाद से इस क्षेत्र (जम्मू-रेंज) में बेहद कम आतंकी घटनाएं सामने आई थी. लेकिन पिछले एक साल से जम्मू, अखनूर, राजौरी और पुंछ इलाकों में कई बड़ी आतंकी घटनाएं सामने आ चुकी हैं. कई बार तो आतंकियों ने सीमावर्ती गांवों तक में अंधाधुंध फायरिंग कर दहशत फैलाने की कोशिश की है.
जानकारों के मुताबिक, राजौरी-पुंछ इलाके से सटी मुगल रोड के जरिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी पाकिस्तान (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके) से एलओसी पार कर कश्मीर घाटी जाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. राजौरी-पुंछ को दक्षिण कश्मीर से जोड़ने वाली मुगल रोड के जंगलों को ये आतंकी कॉरिडोर की तरह इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि गुरूवार को जिन आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई हैं वे दक्षिण कश्मीर जाने की फिराक में हो. लेकिन सुरक्षाबलों को इसकी भनक लग गई और उनकी घेराबंदी शुरु की गई थी.
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