ऑपरेशन सिंदूर के चार महीने बाद और पश्चिम बंगाल में ममता सरकार और सेना के बीच चल रही तनातनी के बीच अगले हफ्ते कोलकाता स्थित फोर्ट विलियम (अब फोर्ट विजय) में कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (15-17 सितंबर) होने जा रही है. रक्षा मंत्री, एनएसए, सीडीएस और सेना के तीनों प्रमुखों सहित टॉप मिलिट्री कमांडर्स के इस शीर्ष सम्मेलन का उदघाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
दो वर्ष में एक बार होने वाली संयुक्त कमांडर सम्मेलन (सीसीसी) में सेना के तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के टॉप मिलिट्री कमांडर्स देश की रक्षा-सुरक्षा से जुड़े विषयों की समीक्षा करते हैं और ऑपरेशन्ल रणनीति तैयार करते हैं. सम्मेलन का उद्देश्य, सेना के तीनों अंगों में समन्वय, सहयोग और एकीकरण को बढ़ावा देना है.
कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में पॉलिटिकल और मिलिट्री लीडरशिप करती है रणनीतिक विचार
सीसीसी, सशस्त्र बलों का शीर्ष स्तरीय विचार-मंथन मंच है और देश के शीर्ष नागरिक और सैन्य नेतृत्व को वैचारिक और रणनीतिक स्तरों पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक साथ लाता है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस वर्ष सम्मेलन का विषय है ‘सुधारों का वर्ष – भविष्य के लिए परिवर्तन’. रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रक्षा राज्य मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और रक्षा सचिव भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे. तीनों सेनाओं और एकीकृत रक्षा स्टाफ के अधिकारियों के अलावा अन्य मंत्रालयों के सचिवों के भी इसमें उपस्थित रहने की संभावना है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना के तीनों अंगों का साझा सम्मेलन
ऑपरेशन सिंदूर (6-10 मई) के दौरान भारत ने पाकिस्तान पर निर्णायक सैन्य बढ़त हासिल करते हुए बड़ी संख्या में आतंकी ठिकाने और एयरबेस तबाह किए थे. लेकिन पीएम मोदी ने साफ तौर से कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को रोका गया है और पाकिस्तान ने फिर कोई आतंकी हमला कराया तो उसे भारत के खिलाफ युद्ध के तौर पर माना जाएगा. ऐसे में आतंकवाद के खिलाफ बदली रणनीति में सेनाओं की भूमिका को लेकर भी सीसीसी में चर्चा की जाएगी.
पाकिस्तान ने दी है पूर्वी छोर से हमले की धमकी
फोर्ट विलियम में सशस्त्र बलों का टॉप सम्मेलन ऐसे वक्त में हो रहा है जब हाल ही में पाकिस्तानी सेना ने इस बात की धमकी दी थी कि भारत पर अगला हमला पूर्वी छोर यानी बांग्लादेश (पूर्व में पूर्वी पाकिस्तान) से किया जाएगा. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से अंतरिम सरकार का झुकाव कंट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों और पाकिस्तान की तरफ ज्यादा है.
कोलकाता में ममता दीदी और सेना के बीच तनातनी
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते ही पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और सेना की पूर्वी कमान (फोर्ट विलियम्स स्थित मुख्यालय) में टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी. सेना ने कोलकाता के एक ग्राउंड में चल रही सत्तारूढ़ दल की रैली को रुकवाकर मंच हटा दिया था. ये ग्राउंड, पूर्वी कमान के अधीन है लेकिन इसका इस्तेमाल सिविल कार्यक्रमों के लिए किया जाता रहा है. इसके बाद, कोलकता पुलिस ने सेना के ट्रक को लापारवाही से गाड़ी चलाने के आरोप में जब्त कर लिया था. हालांकि, सीनियर अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मिलिट्री ट्रक को छोड़ दिया गया था.
रक्षा क्षेत्र में सुधार और बदलाव पर रहेगा जोर
रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि सीसीसी-2025 सशस्त्र सेनाओं में सुधार, परिवर्तन और बदलाव तथा परिचालन तैयारियों पर केंद्रित होगा. ये सभी बातें संस्थागत सुधारों, गहन एकीकरण और तकनीकी आधुनिकीकरण के प्रति सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं. इसके साथ ही बहु-क्षेत्रीय परिचालन तत्परता के उच्च स्तर को बनाए रखती हैं.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, विचार-विमर्श का उद्देश्य सशस्त्र बलों को और मजबूत करना होगा, जो लगातार जटिल होते जियो-पॉलिटिकल (भू-रणनीतिक) परिदृश्य में निर्णायक हैं. सम्मेलन में समावेशी जुड़ाव की परंपरा को जारी रखते हुए सशस्त्र बलों के विभिन्न रैंकों के अधिकारियों और कर्मियों के साथ संवादात्मक सत्र होंगे. इससे यह सुनिश्चित होगा कि क्षेत्र-स्तरीय दृष्टिकोण उच्चतम स्तर पर चर्चाओं को समृद्ध करें.