मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में जल उठा है. फ्री मूवमेंट अभियान के पहले ही दिन राज्य में हालात बेकाबू हो गए है. इतनी हिंसा हुई कि एक की मौत हो गई, जबकि 25 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं.
हालात ऐसे बिगड़े कि इंफाल और दीमापुर हाईवे के इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. कुकी समुदाय के लोग फ्री मूवमेंट का विरोध कर रहे थे और ऐसे में सड़क को ब्लॉक कर दिया, जिसे सुरक्षाबलों ने खुलवाने की कोशिश की तो कुकी समुदाय ने हिंसा शुरू कर दी. जिसके बाद भीड़ को तितर बितर करने के दौरान सुरक्षाबलों ने बल प्रयोग किया.
मणिपुर में शनिवार को हुआ क्या, जिससे बिगड़ गए हालात?
मणिपुर में पिछले कई महीनों की शांति के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सभी वाहनों की आवाजाही शुरु करने के निर्देश दिए थे और शनिवार को ही सड़कों को फ्री करने का पहला दिन था, जब हालात फिर बिगड़ गए. फ्री ट्रैफिक मूवमेंट के पहले दिन ही अमित शाह के फैसले का कुकी समुदाय के लोगों ने विरोध किया.
कुकी समुदाय के लोगों ने नेशनल हाईवे 2 को ब्लॉक कर दिया. टायर जलाकर सरकारी वाहनों की आवाजाही रोकने की कोशिश की. सुरक्षाबलों ने जब लोगों को हटाने की कोशिश की तो कुकी लोग पत्थरबाजी करने लगे.
हालात तब और बिगड़ गए जब प्रदर्शनकारियों ने प्राइवेट वाहनों में आग लगा दी और कांगपोकपी से सेनापति जा रही एक सार्वजनिक बस पर भीड़ द्वारा हमला किया गया. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागने पड़े. इस झड़प में 1 व्यक्ति की मौत हुई है जबकि 27 सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं. (https://x.com/NortheastToday/status/1898299718440009899)
‘फ्री मूवमेंट’ का विरोध क्यों कर रहा है कुकी समुदाय?
कुकी समुदाय के लोग तब तक कोई स्वतंत्र आवागमन नहीं चाहते हैं, जब तक कि मणिपुर के पहाड़ी जिलों के लिए अलग प्रशासनिक व्यवस्था की उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती. 1 मार्च को अमित शाह ने सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद 8 मार्च से ट्रैफिक का आवाजाही का निर्देश दिया. कुकी समुदाय अमित शाह के ‘फ्री मूवमेंट’ निर्देश और मैतेई संगठन फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी (एफओसीएस) द्वारा निकाले गए मार्च का विरोध कर रहे है. इसी के चलते प्रदर्शनकारी सुरक्षाबलों से भिड़ गए.
कई इलाकों में लगा तनाव, एनएच 2 प्रभावित
अधिकारियों के मुताबिक, फ्री ट्रैफिक मूवमेंट के तहत सुबह करीब 10 बजे पहाड़ी जिलों चुराचांदपुर और सेनापति के लिए जाने वाली बसें बिना यात्रियों के इंफाल हवाई अड्डे से रवाना हुईं. सेना के जवानों सहित केंद्रीय एक बड़े काफिले के साथ बस को रवाना किया गया. चुराचांदपुर जाने वाली बस बिना किसी घटना के बिष्णुपुर जिले से होते हुए सुरक्षित तरीके से कांगवई पहुंच गई. लेकिन कुछ घंटों बाद कानपोकपी इलाके में नेशनल हाईवे 2 पर बवाल शुरु हो गया.
हिंसा के बाद कानपोकपी और एनएच 2 के आसपास के इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. एनएच 2, इम्फाल और दीमापुर को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण राजमार्ग है, जहां पर सख्ती से जनजीवन प्रभावित हुआ है.