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पुतिन ने यूरोपीय नेताओं को छोटा सूअर कहा, रूस को तोड़ने का लगाया आरोप

रक्षा मंत्रालय के साथ वार्षिक बैठक के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूरोपीय नेताओं पर बोला है अब तक का बड़ा हमला. पुतिन ने यूरोपीय नेताओं को छोटा सू्अर संबोधित करते हुए कहा है कि यूरोपीय नेता रूस को तोड़ने की कोशिश में थे. 

पुतिन ने अमेरिका की मध्यस्थता में हो रही बातचीत को लेकर भी वॉर्निंग देते हुए कहा है कि अगर बातचीत सफल नहीं हुई तो रूस अपने ऐतिहासिक इलाकों को युद्ध के मैदान में आजाद करेगा.

वॉशिंगटन का पुराना प्रशासन सोचता था कि रूस को नष्ट किया जा सकता है: पुतिन

रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन पर सीधा आरोप लगाया. पुतिन ने कहा, “अमेरिका के पिछले प्रशासन ने जानबूझकर हालात को सशस्त्र संघर्ष की ओर धकेला. वॉशिंगटन को यह भरोसा था कि रूस को कम समय में कमजोर किया जा सकता है या पूरी तरह नष्ट किया जा सकता है.”

रूस के रक्षा मंत्रालय की वार्षिक बैठक में पुतिन ने ये भी साफ कह दिया है कि “अगर बातचीत सफल नहीं हुई तो रूस यूक्रेन में अपने क्षेत्रीय लक्ष्य हर हाल में हासिल करेगा, चाहे वह कूटनीति के जरिए हो या फिर सैन्य ताकत के बल पर हासिल किया गया हो.”

यूरोप के छोटे सूअर, अमेरिका के काम में जुट गए: पुतिन

पुतिन ने कहा, “अमेरिका का पुराना प्रशासन हमें कमजोर करना चाहता था तो यूरोप फौरन अमेरिका के जो बाइडेन के प्रशासन के साथ खड़ा हो गया. यूरोपीय नेताओं पर निशाना साधते हुए पुतिन ने कहा, यूरोप के छोटे सूअर तुरंत अमेरिका के साथ काम में जुट गए और उन्हें लगा कि रूस के टूटने से उन्हें फायदा होगा.”

इस दौरान पुतिन ने एक बार फिर से कहा, “रूस का नाटो देशों पर हमला करने की कोई योजना नहीं है. उल्टा नाटो देश 2030 को ध्यान में रखकर रूस के खिलाफ टकराव की योजना बना रहे हैं और लोगों को बरगला रहे हैं.”

अमेरिका ने किया दावा, शांति समझौते पर 90 प्रतिशत सहमति बनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर लगातार रूस-यूक्रेन के बीच समझौता कराने में जुटे हुए हैं. हाल ही में जर्मनी के बर्लिन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के बाद कहा गया कि जेलेंस्की ने नाटो में शामिल होने की जिद छोड़ दी है. 

अमेरिका की ओर से दावा किया जा रहा है कि शांति समझौत चंद कदम दूर है. 90 प्रतिशत तक सहमति बन चुकी है. लेकिन रूस की कौन से शर्तें मानी गई हैं, इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है. रूस शुरुआत से ही साफ कर चुका है कि यूक्रेन को  डोनबास क्षेत्र के उन हिस्सों को भी छोड़ना होगा जो अभी उसके नियंत्रण में हैं.  

शांति वार्ता के बीच यूरोपीय नेताओं को छोटा सूअर कहे जाने के बाद पश्चिम से सख्त प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा रही है. माना जा रहा है फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों हों या फिर ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर वो पुतिन के इस बयान पर चुप नहीं रहेंगे.

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