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पुतिन ने ट्रंप को भेजी बधाई, Ukraine युद्ध पर बात करने के लिए तैयार

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आखिरकार डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुने जाने की बधाई दे दी है. ट्रंप के चुनाव जीतने के तकरीबन 48 घंटे बाद ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप को बहादुर इंसान बताते हुए बधाई दी. 

हालांकि पुतिन ने ये बधाई अप्रत्यक्ष तौर पर सोची शहर में एक सार्वजनिक टिप्पणी करते हुए दी है. रूस-यूक्रेन के भारी तनाव के बीच पुतिन ने अपने शत्रु देश के राष्ट्रपति को बधाई देकर हैरान कर दिया है. पुतिन ने ये भी कहा कि “वाशिंगटन में राजनीतिक ताकतों ने ट्रंप को उनके पिछले कार्यकाल के दौरान मास्को के साथ संबंधों को सुधारने से रोका था.”  

अमेरिका से रूस बातचीत के लिए तैयार: पुतिन

सोची शहर के एक लंबे भाषण के अंत में सवालों के जवाब देते हुए पुतिन ने कहा कि “मैं ट्रंप को संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में उनके चुनाव पर बधाई देना चाहता हूं.”
एक सवाल के जवाब में पुतिन से पूछा गया कि क्या पुतिन, ट्रंप के साथ चर्चा के लिए तैयार हैं, तो पुतिन ने कहा “हां ‘हम तैयार हैं.”

पुतिन ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा मुझे नहीं पता कि यूक्रेन में युद्ध को जल्दी खत्म करने के लिए बातचीत करने के ट्रंप के प्रस्ताव का क्या नतीजा निकलेगा पर  अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के प्रस्ताव अध्ययन के लायक हैं.”

हालांकि एक दिन पहले ही क्रेमलिन की ओर से कहा गया था कि रूसी राष्ट्रपति अमित्र देश अमेरिका के नए राष्ट्रपति को बधाई देने में उत्सुकता नहीं दिखा रहे हैं. लेकिन रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रंप को बधाई देकर यूक्रेन के साथ-साथ कुछ यूरोपीय देशों की नींद उड़ा दी है.

‘अमित्र देश’ से बात करने को तैयार पुतिन, क्या करेंगे जेलेंस्की?

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पेंसिलवेनिया में ट्रंप पर हुए अटैक का भी जिक्र किया. पुतिन ने कहा, “जुलाई में पेंसिल्वेनिया में एक रैली में हत्या के प्रयास के दौरान ट्रंप ने जिस तरह से खुद को संभाला, उससे मैं बेहद प्रभावित हूं.” 

पुतिन ने कहा, लोग असाधारण परिस्थितियों में ही दिखाते हैं कि वे कौन हैं. यहीं पर एक व्यक्ति खुद को प्रकट करता है. डोनाल्ड ट्रंप एक साहसी व्यक्ति निकले. मैंने उस वक्त ट्रंप के व्यवहार को देखा है, उन्होंने काफी साहस दिखाया.”
पुतिन ने कहा, “हमें अमेरिका के साथ संबंधों को सुधारने में कोई आपत्ति नहीं हैं. हम ट्रंप से बातचीत के लिए तैयार हैं. लेकिन यह पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है कि वह इस दिशा में कदम उठाएगा या नहीं.”

युद्ध रोकने के लिए ट्रंप का प्लान तैयार!
हाल के सालों में अमेरिका और रूस के बीच कुछ खास रिश्ते नहीं रहे हैं. यूक्रेन युद्ध के चलते रिश्ते और बिगड़ गए हैं. यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका ने रूस के खिलाफ कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं और यूक्रेनी राष्ट्रपति को हथियार देकर पुतिन के खिलाफ मदद पहुंचाई है. ऐसे में पुतिन और अमेरिका के (पूर्व) राष्ट्रपति जो बाइडेन तल्ख बयानबाजी करते नजर आए थे.

पुतिन और ट्रंप के बीच हालांकि, रिश्ता थोड़ा दोस्ताना रहा है. दावा ये भी किया जाता है कि कोविड के दौरान ट्रंप ने पुतिन के लिए टेस्ट किट भेजकर उनकी मदद की थी.

बहरहाल ट्रंप के सत्ता में आने से तेजी से घटनाक्रम बदल गए हैं. जेलेंस्की भी दुविधा में हैं, क्योंकि जो बाइडेन सरकार ने बढ़चढ़कर रूस के खिलाफ उनकी मदद की थी. और ये बात भी सच है कि अमेरिका के बल पर ही रूस से यूक्रेन भिड़ भी रहा था.

वहीं ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता की आलोचना की है, जो 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से 100 बिलियन डॉलर से अधिक है. अब जब ट्रंप सत्ता में हैं तो कीव और यूरोपीय संघ में यह डर है कि ट्रंप कहीं मास्को की शर्तों पर शांति स्थापित ना कर लें. (क्या ट्रंप रुकवा पाएंगे यूक्रेन युद्ध, White House पहुंचने तक रूस करेगा इंतजार)

ट्रंप के जीत से नाटो देश फ्रांस क्यों खुश नहीं?
डोनाल्ड ट्रंप की जीत को लेकर फ्रांस की ओर से जो बयान सामने आया उसे रणनीतिक तौर पर अहम माना जा रहा है. फ्रांस सरकार की प्रवक्ता मौड ब्रेगियन ने कहा कि “यूरोप को अब अपने भाग्य की बागडोर खुद संभालनी चाहिए. अब ये नहीं सोचना चाहिए कि अमेरिका क्या करेगा? बल्कि ये सोचना चाहिए कि यूरोप क्या करने में सक्षम है. रक्षा, औद्योगिक सुधार और डी-कार्बोनाइजेशन के क्षेत्र में यूरोप को अपना भाग्य खुद तय करना चाहिए.”

वहीं राष्ट्रपति मैक्रों ने एक्स पर ट्रंप को बधाई देते हुए लिखा था, “बधाई हो, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. चार सालों तक जैसे हमने साथ काम किया, अब फिर से काम करने के लिए तैयार हूं.”

साथ ही मैक्रों ने ये भी लिखा, “मैंने चांसलर ओलाफ स्कूल्ज़ से बात की है. हम इस नए संदर्भ में एक अधिक एकजुट, मजबूत, अधिक संप्रभु यूरोप की दिशा में काम करेंगे. संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सहयोग करके और अपने हितों और अपने मूल्यों की रक्षा करके.”

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