By Nalini Tewari
सोमवार को एससीओ की बैठक से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होनी है द्विपक्षीय वार्ता. इस वार्ता पर पूरे यूरोप की नजर है. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने पीएम मोदी से बात की है, तो वहीं फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि अगर रूसी राष्ट्रपति सोमवार तक जेलेंस्की के साथ मीटिंग नहीं तय कर पाते हैं तो माना जाएगा कि उन्होंने एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ खेल कर दिया है.
15 अगस्त को अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन के बीच बैठक हुई थी, जिसके बाद यूरोप के बड़े नेताओं ने व्हाइट हाउस जाकर ट्रंप से मीटिंग की थी. इस दौरान ट्रंप ने बड़े-बड़े वादे किए थे और दावा किया था कि जल्द ही पुतिन और जेलेंस्की की मुलाकात करवाएंगे, लेकिन दो सप्ताह बाद भी मुलाकात की उम्मीदें खटाई में पड़ती दिख रही हैं.
सोमवार तक का समय, फ्रांसीसी राष्ट्रपति पुतिन पर भड़के
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और जर्मन चांसलर ने ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. फ्रेडरिक मर्ज के साथ हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैक्रों ने कहा, “अगर सोमवार तक ऐसा नहीं होता है, तो इसका मतलब है कि एक बार फिर पुतिन ने ट्रंप के साथ खेल खेला है.”
ट्रंप ने 18 अगस्त को रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता के लिए 2 हफ्ते का समय दिया था. यह समय सोमवार यानी 1 सितंबर को पूरा हो रहा है. ट्रंप ने कहा था, ‘2 हफ्ते के भीतर हमें इसकी जानकारी मिल जाएगी, ऐसा नहीं हुआ तो हमें शायद कोई अलग रास्ता अपनाना होगा.’
लगता नहीं की बैठक होगी, संभावना बेहद कम: फ्रेडरिक मर्ज
जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने भी कहा है कि इस हफ्ते मुलाकात होने की संभावना बहुत कम है. इससे पहले रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने जेलेंस्की के साथ मीटिंग की बात खारिज कर दी थी.
चूंकि सोमवार का दिन इसलिए भी अहम है, क्योंकि चीन में पीएम नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता होनी है. इस बातचीत से यूरोप को बहुत उम्मीदें हैं. यूरोपीय देशों का मानना है कि भारत, रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने में अहम भूमिका निभा सकता है. पीएम मोदी और पुतिन के बीच गहरी मित्रता है. पुतिन तो यहां तक कह चुके हैं कि उनकी बातें समझने के लिए पीएम मोदी को ट्रांसलेटर की जरूरत नहीं पड़ती.
हाल ही में जब अलास्का में ट्रंप के साथ पुतिन की मुलाकात होनी थी, तो पुतिन ने पीएम मोदी को कॉल किया और मीटिंग के बाद भी पीएम मोदी को अपडेट दिया था. इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों नेता एक दूसरे के कितने करीबी हैं.
जेलेंस्की ने किया पीएम मोदी को कॉल, युद्ध समाप्ति पर भारत की भूमिका पर दिया जोर
जेलेंस्की ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जंग के मुद्दे पर बात की. ये बातचीत इसलिए की गई, क्योंकि पीएम मोदी, पुतिन से मिलने वाले हैं. जेलेंस्की ने बातचीत के बारे में एक्स पर लिखते हुए कहा, “मैंने, पीएम मोदी को वाशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ यूरोपीय नेताओं की भागीदारी वाली बातचीत के बारे में जानकारी दी. यह एक उपयोगी और महत्वपूर्ण बातचीत थी, जिसमें वास्तविक शांति कैसे प्राप्त की जाए, इस पर साझेदारों के बीच एक साझा दृष्टिकोण सामने आया. यूक्रेन ने रूस के प्रमुख के साथ बैठक के लिए अपनी तत्परता की पुष्टि की.”
“लगभग दो हफ्ते बीत चुके हैं, और इस दौरान, जब रूस को कूटनीति की तैयारी करनी चाहिए थी, मास्को ने कोई सकारात्मक संकेत नहीं दिया है. केवल नागरिक ठिकानों पर निंदनीय हमले किए हैं और हमारे दर्जनों लोगों को मार डाला है. इस युद्ध का अंत तत्काल युद्धविराम और आवश्यक शांति से होना चाहिए, इस स्थिति को सभी समझते हैं और इसका समर्थन करते हैं. जब हमारे शहर और समुदाय लगातार गोलाबारी के अधीन हैं, तो शांति के बारे में सार्थक बात करना असंभव है. भारत आवश्यक प्रयास करने और शिखर सम्मेलन से इतर बैठकों के दौरान रूस और अन्य नेताओं को उचित संकेत देने के लिए तैयार है.”