अलास्का दौरे पर गए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से जुड़ा एक छोटे से छोटा सुराग नहीं छोड़ती रूसी इंटेलिजेंस एजेंसी. पल-पल साए की तरह चलने वाले जासूस और बॉडीगार्ड पुतिन के विदेश दौरे के समय उनका मल-मूत्र तक स्पेशल सीलबंद पाउच में इकट्ठा करते हैं.
पुतिन के हर विदेश दौरे को लेकर इतनी एहतियात बरती जाती है कि उनके राष्ट्रपति से जुड़ा कुछ भी दुश्मन देश के हाथ न लगे. दावा किया गया है कि जब पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की तो उस दौरान उनके साथ पू ब्रीफकेस भी था.
सिर्फ पुतिन ही नहीं नॉर्थ कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन भी अपने विदेशी दौरे पर पोर्टेबल टॉयलेट लेकर चलते हैं, ताकि उनके मल-मूत्र से कोई दूसरा देश उनके स्वास्थ्य की कोई जानकारी हासिल न कर ले.
अलास्का में रूसी जासूसों ने नहीं छोड़े सुराग, पुतिन का मल भी ले गए साथ
अलास्का दौरे पर गए रूसी राष्ट्रपति को लेकर जासूसी एजेंसियों ने खास इंतजाम किए थे ताकि अमेरिका पुतिन के स्वास्थ्य को लेकर कोई जानकारी न जुटा पाए. बताया गया है कि पुतिन के बॉडीगार्ड उनका मल एकत्र करने के लिए अपने साथ एक खास सूटकेस लेकर गए थे.
दावा किया गया है कि रूसी राष्ट्रपति की स्पेशल फोर्स फेडरेल प्रोटेक्शन सर्विस (एफपीएस) के लोग उनके अपशिष्ट को एकत्र करते हैं, उसे खास सूटकेस में रखते हैं, जिसे पूप ब्रीफकेस कहा जाता है. हर विदेश दौरे पर पूप ब्रीफकेस साथ ही जाता है. पुतिन के सुरक्षा गार्ड उनके मल को इकट्ठा करते हैं, और फिर रूस वापस लेकर आते हैं.
स्वास्थ्य से जुड़े रहस्य छिपाने के लिए पूप ब्रीफकेस अहम
बड़े-बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष ऐसा इसलिए करते हैं, ताकि उनके मल से दुश्मन या फिर साथी देशों को उनके स्वास्थ्य या किसी बीमारी का पता न लगाया जा सके. अगर किसी राष्ट्राध्यक्ष को कोई बीमारी है तो पूप टेस्ट के जरिए पता किया जा सकता है. ऐसे में उस बीमारी का इस्तेमाल प्रोपेगेंडा के लिए किया जा सकता है, जो नुकसानदेह हो सकता है.
हाल के वर्षों में 72 वर्षीय पुतिन के स्वास्थ्य को लेकर अफवाह उड़ी थी. लोगों ने कहा था कि पुतिन को पार्किंसन की बीमारी है. यानि उनके हाथ और पैर पर कंट्रोल नहीं है. कई लोगों ने दावा किया था कि बेडरूम में अपनी बीमारी के चलते पुतिन गिर भी चुके हैं. हालांकि क्रेमलिन ने सारी अफवाहों को नकार दिया था.
ऐसे में एफपीएस की जिम्मेदारी बढ़ जाती है, कि जब पुतिन किसी भी विदेश दौरे पर जाएं तो उनके स्वास्थ्य से जुड़ा कोई भी सुराग दुश्मनों या प्रतिद्वंदियों के हाथ न लगे.
फ्रांस दौरे पर भी पुतिन साथ ले गए थे पूप ब्रीफकेस
रूस पर दो किताबें लिखने वाले खोजी पत्रकारों ने खुलासा किया है कि “पुतिन का वेस्ट इकट्ठा करने का सिस्टम सालों चला आ रहा है, जैसा कि मई 2017 में पुतिन की फ्रांस यात्रा के दौरान भी हुआ था.ऐसा संदेह है कि यह आश्चर्यजनक सुरक्षा उपाय विदेशी ताकतों को पुतिन के मल के नमूने लेने से रोकने के लिए किया गया है, जिससे रूसी नेता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मिल सकती है.”
पुतिन की वियना यात्रा के दौरान भी उनके पास अपना निजी बाथरूम था जिसमें एक पोर्टेबल शौचालय भी शामिल था. यहां से ही पुतिन का वेस्ट इकट्ठा किया गया था और बाद में वो वेस्ट रूस ले जाया गया था.
राष्ट्रपति पुतिन साल 1999 से ही इस तरह की व्यवस्था करते आ रहे हैं.
तानाशाह किम जोंग उन भी नहीं छोड़ते हैं कोई सुराग
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन भी विदेश यात्राओं में अपना पोर्टेबल टॉयलेट लेकर चलते हैं. जून 2018 में जब किम जोंग उन सिंगापुर में राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने आए थे उस दौरान वे अपना पोर्टेबल टॉयलेट लेकर आए थे. दावा किया गया है कि जब किम एयर चाइना बोइंग 747 से सिंगापुर पहुंचे तो उनके साथ एक आईएल-76 कार्गो विमान भी था जिसमें उनका खाना, उनकी बुलेटप्रूफ लिमोज़ीन और एक पोर्टेबल शौचालय था.
साल 2005 में उत्तर कोरियाई गार्ड कमांड यूनिट में काम करने वाले ली युन-केओल जो अब भागकर दक्षिण कोरिया में रहते हैं, उन्होंने इसे सामान्य बताया है. ली युन केओल के मुताबिक “होटल के शौचालय का इस्तेमाल करने के बजाय उत्तर कोरिया के नेता के पास एक निजी शौचालय है जो यात्रा के दौरान उनके साथ रहता है.”
ली युन केओल का दावा है कि “उत्तर कोरियाई नेता देश भर में सैन्य ठिकानों और सरकारी कारखानों का निरीक्षण करते हैं, तब भी उनके वेस्ट को लेकर सावधानी बरती जाती है.”