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असम-मेघालय में कट्टरपंथी बांग्लादेशियों के घुसपैठ की आशंका, सिक्योरिटी हाई अलर्ट

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के बाद अब खबर है कि कट्टरपंथी जमात के सदस्य असम-मेघालय में बड़ी संख्या में घुसपैठ करने की तैयारी कर रहे हैं. टीएफए को मिली जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश के सिलहट में पाकिस्तान से जमात-ए-इस्लामी के सदस्य पहुंचे हैं. ऐसे में ये कट्टरपंथी भारत की सीमा में दाखिल होने की साजिश रच सकते है. इसके चलते असम-मेघालय से सटी बांग्लादेशी सीमा पर भारत ने निगरानी कड़ी कर दी है.

बांग्लादेश के सिलहट जिले के अम्बरखाना एरिया में जो जमात ए इस्लामी के सदस्य इकठ्ठा हो रहे हैं उनमें काफी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक हैं. ये पाकिस्तानी नागरिक जमात के ही सदस्य हैं. खुफिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान से जमात के सदस्य हवाई मार्ग से बांग्लादेश पहुंचे हैं.

बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से ही जमात और विपक्षी पार्टी बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) के सदस्यों ने देश में अराजकता फैला रखी है. बांग्लादेश आर्मी के आदेश पर अंतरिम सरकार तो जरूर बनी है लेकिन देश में कट्टरपंथी जमात का कानून चल रहा है.

जमात के सदस्य चुन-चुनकर हिंदू समुदाय के लोगों क निशाना बना रहे हैं, उनकी संपत्तियों को हड़प रहे हैं या फिर तोड़फोड़ मचा रहे हैं. हिंदुओं के मंदिर और पवित्र-स्थलों को तोड़ा जा रहा है. हिंदुओं को अपने घरों में रोकने के लिए उपद्रवियों को पैसा तक देना पड़ रहा है. (हिंदुओं पर बांग्लादेश का सबसे बड़ा छलावा (TFA Exclusive))

जमात के सदस्य, सरकारी दफ्तर और महकमों में तैनात हिंदुओं और अवामी लीग समर्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को जोर-जबरदस्ती कर अपने पदों से इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर रहे है. इन पदों पर जमात का कैडर काबिज हो रहा है. हिंदुओं को जबरदस्ती कुरान की आयतें सुनाई जा रही हैं.

ऐसे में बड़ी संख्या में जमात के कैडर के सिलहट जिले में इकठ्ठा होने से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं और बांग्लादेश सीमा पर तैनात बीएसएफ को चौकसी बढ़ाने का आदेश दिया गया है.

असम से सटी बांग्लादेश सीमा पर पहले भी बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिकों के इकठ्ठा होने और भारत की सीमा में दाखिल होने की खबरें सामने आ चुकी हैं. लेकिन सीमा पर तैनात बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के मुस्तैद जवानों ने घुसपैठ को रोक दिया था. बांग्लादेशी घुसपैठिए कई दिनों तक सीमा के करीब नदी में बैठे रहे थे.

सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि कट्टरपंथी जमात के सदस्य ‘असम और उत्तर-पूर्व के राज्यों में घुसपैठ’ कर कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने का काम कर सकते हैं ताकि मौजूदा भारत सरकार को ‘बदनाम’ किया जा सके.