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अग्निवीर विवाद के बाद मणिपुर चले राहुल गांधी

11 हजार से ज्यादा एफआईआर, 500 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी, दर्जनों मौत और बड़ी संख्या में घरों में आगजनी और तोड़फोड़ के बावजूद मणिपुर पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है. मणिपुर में मैतेई और कूकी समुदायों में शांति के लिए केन्द्र सरकार एक्शन में हैं. इस बीच नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी मणिपुर में दौरा करने का फैसला किया है. 

राहुल गांधी 8 जुलाई यानी सोमवार को मणिपुर दौरे पर जा रहे हैं. राहुल गांधी मणिपुर में कुकी-मैतेई विवाद के हिंसा पीड़ितों और कांग्रेस पार्टी के नेताओं से मुलाकात करेंगे.

कांग्रेस नेता समेत विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मणिपुर का दौरा नहीं करने के लिए आलोचना करते रहे हैं. 

हिंसा के बाद तीसरी बार मणिपुर दौरे पर राहुल गांधी

मई 2023 से मणिपुर की घाटी में रहने वाले मैतेई और पहाड़ों में रहने कुकी समुदायों में ऐसी जंग छिड़ी है कि आज भी तनाव बरकरार है. अब राहुल गांधी जिरीबाम इलाके के रिलीफ कैंप का दौरा करेंगे, जहां जून के शुरुआती हफ्ते में हिंसा भड़क गई थी. 

राहुल गांधी जिरीबाम के कुछ राहत शिविरों में रह रहे लोगों से बातचीत भी करेंगे, इसके बाद वे  सिलचर हवाई अड्डे से इंफाल आएंगे. इंफाल से राहुल गांधी अति हिंसा प्रभावत चुराचांदपुर जिले का दौरा करेंगे. चुराचांदपुर से राहुल गांधी सड़क मार्ग से बिष्णुपुर जिले के मोइरांग जाएंगे और कुछ राहत शिविरों का दौरा करेंगे. ये तीसरा मौका है जब राहुल गांधी हिंसाग्रस्त मणिपुर पहुंचेंगे. इससे पहले जून 2023 में मणिपुर आए थे और 2024 की शुरुआत में भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत भी राहुल गांधी ने मणिपुर से की थी.

केन्द्र ने मणिपुर को गृहयुद्ध में झोंका: राहुल गांधी
नई सरकार के संसद सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान लोकसभा में राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा को लेकर सरकार पर वार किया था. राहुल गांधी अपने भाषण में कहा था, ” केन्द्र सरकार ऐसा व्यवहार करती है कि जैसे मणिपुर में कुछ हुआ ही नहीं है. प्रधानमंत्री के लिए मणिपुर कोई राज्य नहीं है. केन्द्र ने मणिपुर को गृहयुद्ध में झोंक दिया है. मणिपुर केन्द्र और केन्द्र की नीतियों और राजनीति के कारण जल गया है.”

आग में घी डालने वाली हरकतें बंद करे विपक्ष: पीएम मोदी
3 जुलाई को पीएम मोदी ने संसद में मणिपुर पर खुलकर बात करते हुए विपक्ष को आग में घी डालने वाला बताया था. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि “मणिपुर में अब हिंसा कम हो रही है. साथ ही शांति भी स्थापित हो रही है. कांग्रेस को इस मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए. जो लोग मणिपुर के मुद्दे पर आग में घी डालने का काम कर रहे हैं. मणिपुर एक दिन उन्हें खारिज कर देगा.”  

पीएम ने कहा कि “मणिपुर में हिंसा की घटनाएं लगातार कम हो रही हैं. मणिपुर के अधिकतर स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं. कॉलेज खुले हैं. कार्यालय और औद्योगिक प्रतिष्ठान भी चल रहे है. कांग्रेस के लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि उनके शासन के दौरान हिंसा और उनकी नीति की वजह से मणिपुर में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा था.”

शांति की राह देख रहा मणिपुर: मोहन भागवत

राष्ट्रीय सेवक संघ (आरएसएस)प्रमुख मोहन भागवत ने भी मणिपुर की स्थिति का जिक्र करते हुए शांति बहाली को लेकर सरकार पर सवाल उठाए थे. मोहन भागवत ने कहा था कि “मणिपुर एक साल से शांति की राह देख रहा है. इससे पहले 10 साल शांत रहा और अब अचानक जो कलह वहां उपजी या उपजाई गई, उसकी आग में मणिपुर अभी तक जल रहा है. इस पर कौन ध्‍यान देगा?” मोहन भागवत ने मणिपुर हिंसा को प्राथमिकता के साथ सुलझाने की सलाह दी थी.

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