रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से हर त्यौहार पर एक दिन पहले सैनिकों के साथ मनाने का आह्वान किया है. होली से एक दिन पहले राजनाथ सिंह लेह-लद्दाख में सैनिकों के साथ रंगों का पर्व मनाने के लिए पहुंचे थे. उसी दौरान रक्षा मंत्री ने अपने दिल की बात साझा की.
रविवार को रक्षा मंत्री होली मनाने के लिए सियाचिन जाने वाले थे. लेकिन खराब मौसम के चलते उन्हें रंगों का त्यौहार लद्दाख की राजधानी लेह में रुकना पड़ा. ऐसे में उन्होंने लेह में तैनात सैनिकों के साथ होली का जश्न मनाया. उनके साथ थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी मौजूद थे.
लेह में सैनिकों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे देश के सैनिक विपरीत परिस्थितियों में बहादुरी, अपने शौर्य और बलिदान से सुनिश्चित करते हैं कि देशवासी सभी त्योहारों को सुरक्षित माहौल में खुशी के साथ मना सकें. ऐसे में अपने देश के रक्षकों के साथ त्योहार मनाना बेहद जरूरी होता है. क्योंकि वे अपने परिवार और घर से दूर देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं इसलिए सेना के तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुखों को सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ एक दिन पहले त्यौहार मनाना चाहिए.
राजनाथ सिंह ने कहा कि करगिल की बर्फीली चोटियों, रेगिस्तान की तपती भूमि और समंदर के नीचे पनडुब्बी में तैनात सैनिकों (नौसैनिकों) के साथ त्योहार मनाना हमारी परंपरा का हिस्सा बनना चाहिए. रक्षा मंत्री ने कहा उन्होंने एक दिन पहले सैनिकों के साथ होली खेलना का इसलिए फैसला लिया क्योंकि सैनिक हमारे देश के रखवाले हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे देश के सैनिकों का देश के प्रति समर्पण उंची चोटियों के माइनस तापमान से भी ज्यादा मजबूत है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि जिस तरह दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है, मुंबई आर्थिक राजधानी है और बेंगलुरू तकनीकी राजधानी है, ठीक उसी तरह लद्दाख हमारे देश की शूरता और वीरता की राजधानी है. राजनाथ सिंह ने लेह में युद्ध-स्मारक पर वीरगति को प्राप्त सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और बाद में फोन से सियाचिन में तैनात सैनिकों को संबोधित किया.
25 मार्च यानी सोमवार को पूरा देश होली का त्योहार मनाएगा. हर साल दिवाली के मौके पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सैनिकों के साथ त्योहार मनाते हैं.
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