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ऑपरेशन सिंदूर से सबक ले वायुसेना, राजनाथ ने एयर हेडक्वार्टर में किया आह्वान

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और मनमोहन सिंह सरकार में पीएमओ के राज्य मंत्री (2004-10) रहे पृथ्वीराज चव्हाण के विवादित बयान के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना के टॉप कमांडर्स से ऑपरेशन सिंदूर (6-10 मई) से ‘सबक’ लेने तथा भविष्य की प्रत्येक ‘चुनौती’ से निपटने के लिए सतर्क और सदैव तैयार रहने का आह्वान किया है.

रक्षा मंत्री ने निर्णायक बढ़त बनाए रखने के लिए शत्रु की आक्रामक एवं रक्षात्मक क्षमताओं की गहन समझ के महत्व पर बल देते हुए कमांडरों से कहा है कि “ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सशस्त्र बलों ने भारत की उच्च-प्रभावशाली और अल्प समय में निर्णायक कार्रवाई करने की क्षमता का सशक्त प्रदर्शन किया.”

गुरुवार को राजनाथ सिंह, राजधानी दिल्ली में भारतीय वायुसेना के अर्धवार्षिक कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. रक्षा मंत्री ने भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को “तकनीकी रूप से उन्नत, परिचालन में चुस्त, रणनीतिक दृष्टि से आत्मविश्वासी और भविष्योन्मुखी सैन्य बल बताया.”

पाकिस्तान की गैर-जिम्मेदाराना प्रतिक्रिया का वायुसेना ने दिया प्रभावी जवाब

रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन के दौरान आतंकी शिविरों को नष्ट करने में भारतीय वायु सेना द्वारा प्रदर्शित साहस, गति एवं सटीकता की सराहना की और हमलों के उपरांत पाकिस्तान की ‘गैर-जिम्मेदाराना प्रतिक्रिया’ का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए भी वायु सेना की प्रशंसा की. उन्होंने सशस्त्र बलों, विशेष रूप से वायु रक्षा क्षमताओं पर जनता के गहरे विश्वास को रेखांकित किया.

पूर्व मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने ऑपरेशन सिंदूर पर दिया विवादित बयान

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने ऑपरेशन सिंदूर की रात (6-7 मई), भारतीय वायुसेना को हुए नुकसान को लेकर बयान दिया था, जिसे लेकर घमासान मचा है.

गुरुवार को केंद्रीय राज्यमंत्री (ऊर्जा) श्रीपद नाइक ने भी चव्हाण के बयान पर आपत्ति दर्ज कराई थी. नाइक ने कहा था कि विपक्ष के किसी वरिष्ठ नेता को सार्वजनिक तौर से ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए, जो सैनिकों और देशवासियों के लिए हानिकारक हो.

हाल के वर्षों में वायुसेना ऊभरी है निर्णायक शक्ति के रूप में

राजनाथ सिंह ने युद्ध के बदलते स्वरूप पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि रूस–यूक्रेन संघर्ष, इजराइल–हमास युद्ध, बालाकोट हवाई हमले और ऑपरेशन सिंदूर इस तथ्य के सशक्त प्रमाण हैं कि समकालीन परिदृश्य में वायु सेना एक निर्णायक शक्ति के रूप में उभरी है.

रक्षा मंत्री ने कहा, “वायु सेना किसी भी नेतृत्व को शत्रु के समक्ष यह स्पष्ट रणनीतिक संदेश देने की क्षमता प्रदान करती है कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाया जाएगा।. उन्होंने कहा कि गति, पहुंच और सटीकता के बल पर वायु शक्ति सैन्य साधनों के माध्यम से राष्ट्रीय उद्देश्यों की प्राप्ति का एक अत्यंत प्रभावी माध्यम बन गई है.”

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