राजस्थान के थार रेगिस्तान में यूएस आर्मी के साथ शुरू हुई साझा मिलिट्री एक्सरसाइज, ‘युद्ध-अभ्यास’ में भारतीय सेना की राजपूत रेजीमेंट ने इतिहास रच दिया है. क्योंकि 20 साल पहले जब पहली बार भारत और अमेरिका के बीच इस एक्सरसाइज की शुरुआत हुई थी, तब भी राजपूत रेजीमेंट की इसी बटालियन ने हिस्सा लिया था.
सोमवार को भारत और अमेरिका के बीच सालाना मिलिट्री एक्सरसाइज, राजस्थान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुई. वर्ष 2004 में पहली बार शुरू हुई इस एक्सरसाइज को युद्ध अभ्यास के नाम से ही जाना जाता है. इस साल भारतीय सेना की तरफ से राजपूत रेजीमेंट की एक बटालियन हिस्सा ले रही है जिसमें 600 सैनिकों के दल की टुकड़ी है.
यूएस आर्मी की तरफ से अलास्का की 11वीं एयरबॉर्न डिवीजन की 1-24 बटालियन हिस्सा ले रही है. अलास्का की इस डिवीजन को आर्टिक-एंजेल के नाम से भी जाना जाता है. यूएस आर्मी की तरफ से भी 600 सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. ऐसे में पिछले 20 सालों में ये भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच सबसे बड़ी मिलिट्री एक्सरसाइज बन गई है. (https://x.com/FinalAssault23/status/1833176491279917469)
भारतीय सेना के मुताबिक, यूएन चार्टर के तहत सेमी-डेजर्ट इलाके में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन की ड्रिल करना है ताकि दोनों देशों की सेनाओं की साझा मिलिट्री क्षमताओं को परखा जा सके.
इस साल ‘युद्ध अभ्यास’ का 20 वां संस्करण है (9-24 सितंबर). ये युद्धाभ्यास एक साल अमेरिका में होता है और एक साल भारत में. पिछले साल ये मिलिट्री एक्सरसाइज अमेरिका के अलास्का में आयोजित की गई थी. ऐसे में इस साल भारत में इसका आयोजन हो रहा है.
खास बात ये है कि भारतीय सेना इस एक्सरसाइज में रूस की मदद से देश में ही तैयार की गई एके-203 राइफल का इस्तेमाल पहली बार करने जा रही है. इन असॉल्ट राइफल को भारत और रूस ने मिलकर कोरवा (अमेठी) स्थित प्लांट में तैयार किया है. हाल ही में भारतीय सेना को 35 हजार एके-203 की पहली खेप कोरवा प्लांट से हासिल हुई है. (आर्टिलरी और AK-203 के साथ अमेरिका के साथ युद्धाभ्यास जल्द)