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आत्मघाती हमला था लाल किला ब्लास्ट, NIA ने कश्मीरी कार मालिक को धरा

आतंकी हमलों की तफ्तीश के लिए खास तौर से बनाई गई देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी, एनआईए ने साफ कर दिया है कि लाल किले के बाहर कार में हुआ बम ब्लास्ट एक आत्मघाती हमला था. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने आत्मघाती हमलावर उमर के एक साथी और कार के असल मालिक आमिर को गिरफ्तार करने का भी दावा किया है.

कार को किया व्हीकल बॉर्न आईईडी के तौर पर इस्तेमाल

एनआईए ने आधिकारिक बयान जारी कर साफ कर दिया है कि 10 नवंबर को राजधानी दिल्ली के बाहर आई-20 कार में हुए बम धमाके के दौरान आतंकी (आत्मघाती हमलावर) उमर ने कार को व्हीकल बॉर्न आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) के तौर पर इस्तेमाल किया था.

पुरानी दिल्ली में लाल किले के ठीक बाहर चांदनी चौक की मुख्य ट्रैफिक लाइट पर कार में हुए धमाके में 13 लोगों की जान चली गई थी और 32 लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे. हमले में आतंकी उमर की जान भी चली गई थी. पोस्टमार्टम के बाद डीएनए जांच में उमर की मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. (दिल्ली दहलाने से पहले दर-दर भटका उमर, कनॉट प्लेस के CCTV से खुला सीक्रेट)

कश्मीर के पाम्पोर का रहने वाला है कार मालिक आमिर

एनआईए के मुताबिक, उमर के साथी आमिर राशिद अली को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है. आमिर के नाम पर ही हमले में इस्तेमाल आई-20 कार रजिस्टर थी. आमिर, कश्मीर के सम्बोरा (पाम्पोर) का रहने वाला है और उसने उमर उन नबी के साथ मिलकर आतंकी हमले की साजिश रची थी. हमले के एक दिन बाद, गृह मंत्रालय ने लाल किला ब्लास्ट की जांच, दिल्ली पुलिस से एनआईए को ट्रांसफर कर दी थी.

अपने बयान में एनआईए ने खुलासा किया है कि आई-20 कार खरीदने में मदद करने के लिए आमिर, दिल्ली आया था ताकि इसे एक वीबीआईईडी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके.

जांच के दौरान, एनआईए ने उमर के नाम पर रजिस्टर एक दूसरी कार भी जब्त की है और उसकी फोरेंसिक जांच चल रही है. एनआईए के मुताबिक, लाल किला धमाके के मामले में अब तक 73 चश्मदीदों के बयान दर्ज किए गए हैं, जिनमें बम धमाके में घायल बेगुनाह लोग भी हैं.

अलग-अलग राज्यों की पुलिस के साथ बड़ी साजिश का पर्दाफाश करने में जुटी एनआईए

एनआईए ने ये भी बताया कि मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस, जम्मू कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस के साथ मिलकर काम किया जा रहा है ताकि बड़ी साजिश का पर्दाफाश कर दूसरे आरोपियों को चिन्हित किया जाए. (दिल्ली ब्लास्ट था आतंकी हमला, सीसीएस बैठक के बाद फैसला)

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