यूरोप पर लगातार बढ़ रहा है रूसी खतरा. रूस और नाटो आमने सामने हैं. रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान पहली बार पोलैंड में हुए ड्रोन अटैक के बाद नाटो के विमानों ने एक्शन लिया है. जिसके बाद तनाव और बढ़ गया है.
यूक्रेन के साथ युद्ध के बीच हाल ही में यूरोपीय आयोग की चीफ उर्सुला वॉन डेयर के विमान के जीपीएस में हुई छेड़छाड़ के लिए रूस को जिम्मेदार बताया गया था तो अब पोलैंड में रूसी ड्रोन की घुसपैठ से हड़कंप मचा हुआ है.
रूसी ड्रोन के पोलैंड की सीमा में घुसने के बाद प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने सेना के बड़े आधुनिकीकरण कार्यक्रम की घोषणा की है. पीएम टस्क ने कहा है कि देश की आसमानी सुरक्षा को और कड़ा करेंगे.
लेकिन रूस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि पोलैंड पर हमले का इरादा नहीं है. जानबूझकर कोई अटैक नहीं किया गया है. मंगलवार को दर्जनों रूसी पोलैंड की हवाई सीमा में दाखिल हो गए, जिसके बाद नाटो के लड़ाकू विमानों को तुरंत अलर्ट कर दिया गया. एफ-16 और एफ-35 जेट्स ने मोर्चा संभाला और कई ड्रोन को गिरा दिया.
पीएम टस्क ने रूसी ड्रोन गिराने वाले सैनिकों से बात की, कहा, ‘रूस का हमला संयोग नहीं‘
टस्क ने पोलैंड के लास्क एयरबेस पर पोलिश सैनिकों को संबोधित किया है और उनकी तेजी से की गई कार्रवाई की सराहना की. नाटो के सहयोगी नीदरलैंड की सेना का भी आभार जताया, जिन्होंने समय रहते प्रतिक्रिया दी. इस कार्रवाई से साबित हुआ कि नाटो और पोलैंड क्षेत्रीय खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क हैं.
पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा, ‘यह बड़े पैमाने पर उकसावे की कोशिश है. हालात बेहद गंभीर हैं और हमें हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा. दूसरे विश्व युद्ध के बाद हम युद्ध के इतने करीब कभी नहीं थे.’
पीएम टस्क ने पोलैंड को रूसी खतरे से मजबूत बनाने के लिए अगले साल तक अमेरिका से एफ 35 लड़ाकू विमान हासिल करने की बात कही है.
रूस ने रखा पोलैंड से बातचीत का प्रस्ताव
रूस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि पोलैंड पर हमला करने का कोई इरादा नहीं था और बातचीत के लिए तैयार हैं. रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वो ड्रोन यूक्रेन पर हमला करने के लिए लॉन्च किए गए थे. हमारे ड्रोन की अधिकतम रेंज 700 किमी से ज्यादा नहीं है. इसके बावजूद हम इस मामले पर पोलिश रक्षा मंत्रालय से बातचीत करने के लिए तैयार हैं.
पूर्वी पोलैंड में हवाई यातायात पर रोक, पूरी घटना क्या है, वो समझिए
घटना के बाद पोलिश एयर नेविगेशन एजेंसी ने देश के पूर्वी हिस्से में हवाई यातायात पर रोक लगा दी. सेना के कहने के बाद पूर्वी पोलैंड में हवाई यातायात पर रोक लगाई गई है. सुरक्षा कारणों से वारसॉ समेत चार एयरपोर्ट बंद करने पड़े. गुरुवार मध्यरात्रि से पोलैंड ने बेलारूस के साथ अपनी सीमा बंद करने का भी फैसला किया है. दरअसल कुछ ड्रोन बेलारूस की दिशा से आए थे, जहां रूसी और स्थानीय सैनिक सैन्य अभ्यास की तैयारी कर रहे हैं.
दरअसल दर्जनों रूसी ड्रोन पोलैंड की सीमा में दाखिल हुए, कुछ ड्रोन बेलारूस की ओर से भी आए. हालांकि जैसे ही पोलैंड की ओर खतरा बढ़ा तो नाटो की सेना ने कई रूसी ड्रोन को गिरा दिया.
पोलैंड ने कहा कि “उसके एयरस्पेस में 19 रूसी ड्रोन दाखिल हुए, जिनमें से सिर्फ 4 को पोलिश और नाटो सेनाओं ने मार गिराया. पोलैंड के गृह मंत्रालय ने बताया कि 7 ड्रोन और एक अज्ञात ऑब्जेक्ट के अवशेष भी देशभर में मिले हैं.”
सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद पहली बार हम पर इतना बड़ा खतरा: पोलैंड
इस ड्रोन हमले के बाद नाटो ने आपात प्रावधान आर्टिकल 4 को लागू किया, जिसके तहत सदस्य देशों की सुरक्षा और राजनीतिक स्वतंत्रता पर खतरा महसूस होने पर तुरंत सामूहिक परामर्श होता है. आर्टिकल 4 तब लागू होता है जब नाटो का कोई सदस्य देश खुद को किसी दूसरे देश या आतंकवादी संगठन से खतरे में महसूस करता है. तब सभी 30 सदस्य देशों के बीच औपचारिक तौर पर बातचीत की जाती है, कि इस खतरे से निपटा कैसे जाएगा.
पोलैंड नॉर्थ नाटो का सदस्य है, जो दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली सैन्य गठबंधन है. नाटो की डिफेंस पॉलिसी के मुताबिक किसी एक सदस्य पर हमला पूरे नाटो पर हमला माना जाएगा. यह नीति नाटो की आर्टिकल 5 में दर्ज है.
ब्रिटेन, नीदरलैंड समेत नाटो देश हाईअलर्ट, नाटो ने दी रूस को चुनौती
पोलैंड में हुई इस घटना में नीदरलैंड के एफ-35 लड़ाकू विमानों ने भी इंटरसेप्शन मिशन में हिस्सा लिया. ब्रिटेन ने अपने टाइफून जेट भेजने की तैयारी की है. नाटो देशों ने पोलैंड की हवाई सुरक्षा मजबूत करने के ठोस प्रस्ताव रखे हैं. वहीं पोलैंड के विदेश मंत्री रादोस्लॉ सिकॉर्स्की ने साफ शब्दों में कहा, ’19 बार उल्लंघन कोई संयोग नहीं हो सकता. यह सीधा हमला है.’
ब्रिटिश रक्षा मंत्री जॉन हीली ने कहा, “नाटो अब और मजबूती से खड़ा होगा. पुतिन की आक्रामकता ने नाटो को और मजबूत और एकजुट बना दिया है.”
वहीं ईयू अधिकारियों ने इसे जानबूझकर की गई उकसावे की कार्रवाई बताते हुए कहा, “यह घटना तीन साल से जारी युद्ध को और व्यापक संघर्ष में बदलने की आशंका बढ़ा रही है.”
ट्रंप पर बढ़ा दबाव, सीनेटर्स बोेले, अमेरिका को पियानो की तरह बजा रहा रूस
रिपब्लिकन सीनेटर्स ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की मांग की है. साउथ कैरोलिना और नॉर्थ कैरोलिना के सीनेटर्स लगातार ट्रंप पर रूस को लेकर दबाव बना रहे हैं.नॉर्थ कैरोलिनी के सीनेटर थॉम टिलिस ने कहा, ‘रूस हमें पियानो की तरह बजा रहा है. पुतिन को सब कुछ मिल रहा है- अमेरिकी राष्ट्रपति से सीधी पहुंच, चीन से रेड कार्पेट स्वागत और किम जोंग उन के साथ मंच साझा करने का मौका.’
टिलिस ने कहा, ‘पुतिन पश्चिमी लोकतंत्र को कमजोर करना चाहता है और यह शांति की कोशिश नहीं, बल्कि युद्ध को और खतरनाक बनाने की साजिश है.’ इससे पहले साउथ कैरोलिना के सीनेटर लिंडसे ग्राहम भी रूस पर कड़े प्रतिबंध की माँग कर चुके हैं.