ये बात सही है कि भारत के कहने पर ही रुस ने यूक्रेन युद्ध में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया था. इस बात को लेकर भारत के रक्षा मंत्रालय और रुस की डिफेंस मिनिस्ट्री ने आधिकारिक बयान जारी किया था.
26 अक्टूबर 2022 को रुस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह से फोन पर बात की थी. ये फोन कॉल रूसी रक्षा मंत्री की गुजारिश पर की गई थी. भारत के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, राजनाथ सिंह से बातचीत में शोइगु ने यूक्रेन में लगातार बदतर हो रही परिस्थितियों को लेकर चर्चा की थी. इसी दौरान शोइगु ने राजनाथ सिंह को बताया कि रुस को अंदेशा है कि यूक्रेन युद्ध के दौरान ‘डर्टी बम’ (न्यूक्लियर बम) का इस्तेमाल कर सकता है.
फोन पर राजनाथ सिंह ने शोइगु से भारत के पक्ष को दोहराया और कहा कि “किसी भी विवाद का हल बातचीत और डिप्लोमेसी के जरिए ही निकलना चाहिए.” भारत के रक्षा मंत्री ने साफ तौर से कहा कि “परमाणु विकल्प किसी भी देश को नहीं इस्तेमाल करना चाहिए. क्योंकि न्यूक्लियर और रेडियोलॉजिकल हथियारों का इस्तेमाल मानव समाज के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है.”
इतना ही नहीं खुद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से आमने सामने की बातचीत में कहा था कि “ये युग युद्ध का नहीं है.” इसके अलावा दोनों देशों ने कई बार फोन पर बात की थी. भारत के सख्त रवैया के बावजूद पुतिन भारत के प्रधानमंत्री के ना केवल मित्र हैं बल्कि उनकी नीतियों के मुरीद भी हैं. कई बार सार्वजनिक मंचों पर पुतिन पीएम मोदी की साफगोई, मेक इन इंडिया और भारत की सामरिक स्वायत्तता की तारीफ कर चुके हैं.
इसका बड़ा कारण ये है कि जिस वक्त पूरी दुनिया रुस के खिलाफ थी, भारत ने रुस का साथ नहीं छोड़ा था. हालांकि, भारत ने रुस का यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का समर्थन नहीं किया है लेकिन मास्को से तेल जारी रखा है. साथ ही भारत और रुस के बीच व्यापार भी जारी है और दोनों देश सैन्य संबंध भी जारी रखे हुए हैं.
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