TheFinalAssault Blog Alert Breaking News  मॉस्को विक्ट्री डे परेड में अमेरिकी वॉर ट्रॉफी
Alert Breaking News Russia-Ukraine War

 मॉस्को विक्ट्री डे परेड में अमेरिकी वॉर ट्रॉफी

Seized German Leopard tank at Moscow War Memorial.

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की जहां युद्ध खत्म करने के लिए स्विट्जरलैंड में शांति वार्ता की तैयार कर रहे हैं वहीं रशिया ने जंग के मैदान में अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों के कब्जा किए टैंक को वॉर-ट्रॉफी की तरह प्रदर्शित करने की तैयारी कर ली है. 9 मई को राजधानी मॉस्को में होने वाली रुस की विक्ट्री डे परेड के दौरान नाटो देशों के हथियारों और मिलिट्री प्लेटफॉर्म की प्रदर्शनी कर बेइज्जत करने की कोशिश की जाएगी. 

रुस के खिलाफ युद्ध में अमेरिका और जर्मनी जैसे नाटो देश सैन्य तौर से यूक्रेन की मदद कर रहे हैं. ऐसे में अमेरिका के अब्राहम और जर्मनी के लेपर्ड टैंक रूसी सेना के हत्थे चढ़ गए हैं. इसके अलावा यूक्रेन के भी टैंक और आर्मर्ड व्हीकल्स को भी जब्त किया गया है. कब्जा किए गए इन टैंकों को 1 मई से मॉस्को के वार-मेमोरियल में प्रदर्शन के तौर पर रखा जाएगा. उसके बाद 9 मई की विक्ट्री डे परेड में भी इन्हें प्रदर्शित किया जाएगा. 

हर साल 9 मई को मॉस्को में विक्ट्री डे परेड का आयोजन किया जाता है. द्वितीय विश्वयुद्ध में मिली जीत की याद में रुस में विक्ट्री डे यानी विजय दिवस मनाया जाता है. इस दौरान  मॉस्को के विश्व-प्रसिद्ध रेड स्क्वायर पर भव्य मिलिट्री परेड का आयोजन किया जाता है. खुद रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परेड की सलामी लेते हैं और देशवासियों को रेड स्क्वायर से ही संबोधित करते हैं (https://x.com/neeraj_rajput/status/1784573985956507965).

हालांकि, ये पहली बार नहीं है कि यूक्रेन और दूसरे सहयोगी देशों के हथियारों और सैन्य साजो सामान को प्रदर्शित किया जा रहा है. पिछले साल मॉस्को में आयोजित डिफेंस एक्सपो में भी जंग के मैदान में जीते गई युद्ध-ट्रॉफी को प्रदर्शित किया गया था. रुस के ऐसा करने के बाद यूक्रेन ने भी जंग के मैदान में रुस के कब्जा किए सैन्य साजो सामान को राजधानी कीव में प्रदर्शित किया था. 

रुस-यूक्रेन युद्ध को दो साल से ज्यादा हो चुका है. हालांकि, जंग के मैदान में रुस का पलड़ा भारी है बावजूद इसके युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. स्विट्जरलैंड की पहल पर 15-16 जून को युद्ध समाप्त करने के लिए एक बड़े सम्मेलन का आयोजन किया गया है. भारत सहित ग्लोबल साउथ के कई दर्जन देश इस शांति वार्ता में शिरकत कर सकते हैं. लेकिन रुस ने शांति वार्ता में हिस्सा लेने से मना कर दिया है. क्योंकि रुस युद्ध खत्म करने के लिए जेलेंस्की की शर्तें मंजूर नहीं हैं. 

इस बीच अमेरिका ने यूक्रेन को 61 बिलियन डॉलर की सैन्य मदद देने की घोषणा कर दी है. ऐसे में अमेरिकी मदद ने युद्ध में घी डालने का काम किया है. साफ है कि युद्ध जल्द खत्म होता नहीं दिखाई पड़ रहा है (यूक्रेन युद्ध को हवा, अरबों डॉलर की अमेरिकी मदद).

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