रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन साल पूरे होने पर जहां अमेरिका की कोशिश है कि जंग को जल्द से जल्द समाप्त किया जाए, तो पूरा यूरोप आग में घी डालने का काम कर रहा है. सोमवार को यूक्रेन की राजधानी कीव में एक अंतरराष्ट्रीय समिट का आयोजन किया गया जिसमें, आधा दर्जन से ज्यादा यूरोपीय देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने हिस्सा लिया और रूस के खिलाफ एक बड़े फंड और हथियार देने की घोषणा की गई.
यूरोपीय संघ (ईयू) की अध्यक्ष, उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने ‘पार्टनरशिप फंड फॉर ए स्ट्रांग यूक्रेन’ में योगदान देते हुए घोषणा की है कि ये मदद यूक्रेन के लिए नहीं बल्कि भविष्य युद्धों को रोकने में निवेश किया जा रहा है. ये फंड 2025-27 तक के लिए बनाया गया है यानी यूरोपीय देश चाहते हैं कि अगले दो साल रूस-यूक्रेन जंग को खींचा जाए.
यूरोप के अस्तित्व की लड़ाई
समिट के आयोजन पर उर्सुला ने कहा कि रूस के क्रूर आक्रमण की तीसरी वर्षगांठ पर आज पूरा यूरोप कीव में मौजूद है, क्योंकि यूक्रेन ही यूरोप है. ईयू की अध्यक्ष के मुताबिक, इस अस्तित्व की लड़ाई में, केवल यूक्रेन का भाग्य ही दांव पर नहीं है. यह यूरोप का भाग्य भी है.
कीव पहुंची उर्सला ने कहा कि एक स्वतंत्र और संप्रभु यूक्रेन केवल यूरोपीय हित में नहीं है. यह पूरी दुनिया के हित में भी है. (https://x.com/vonderleyen/status/1893975669954027604)
किस देश के राष्ट्राध्यक्ष पहुंचे कीव
1. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो
2. यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन
3. यूरोपीय संघ की सुरक्षा समिति की अध्यक्ष, काजा कैलिस
4. एस्टोनिया
5. स्पेन
6. फिनलैंड
7. डेनमार्क
8. नॉर्वे
9. इंग्लैंड (वर्चुअल)
आग में घी डालने का काम किया इन देशों ने
1. इंग्लैंड (यूके) ने सबसे ज्यादा 5.6 बिलियन डॉलर देने का ऐलान किया.
2. कनाडा ने 05 बिलियन डॉलर (जिसमें 25 इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, तोप के गोले शामिल)
3. ईयू—3.6 बिलियन डॉलर
4. स्वीडन—1.2 बिलियन डॉलर
5. स्पेन—01 बिलियन डॉलर (एंटी-एयरक्राफ्ट गन और 70 रोबोट भी शामिल)
6. फिनलैंड—4.5 मिलियन डॉलर
यूक्रेन फंड इकठ्ठा करने की दी ये वजह
कीव समिट में कहा गया कि इस पार्टनरशिप फंड का उद्देश्य यूक्रेन के सामाजिक और सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के पुनर्निर्माण, सरकारी मशीनरी की मदद करने और यूक्रेन के यूरोप में शामिल होने के लिए दिया जा रहा है.
अमेरिका के मदद रोकने के चलते तैयार किया फंड
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ दी जाने वाली वित्तीय और सैन्य मदद पर पूरी तरह रोक लगा दी है. साथ ही अमेरिका ने पिछले तीन साल में यूक्रेन को दी गई 183 बिलियन डॉलर की मदद का हिसाब भी मांग लिया है और वापस भी देने की बात कही है. वापस ना देने की एवज में ट्रंप ने यूक्रेन के साथ खनिज और प्राकृतिक संसाधन संधि करने की पेशकश की है.
रूस का जवाब दिया लावरोव ने
तुर्की की यात्रा पर गए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने आरोप लगाया कि वॉर-मॉन्गर (युद्ध-लोलुप) इंग्लैंड के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने तीन साल पहले युद्धविराम संधि नहीं होने दी थी.
लावरोव के मुताबिक, संधि ना होने के चलते पिछले तीन साल में दस लाख लोगों की जान चली गई है.
दरअसल, 24 फरवरी 2022 को रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के कुछ हफ्ते बाद ही तुर्की की पहल पर इस्तांबुल में शांति वार्ता का आयोजन किया गया था. रूस और यूक्रेन इस संधि पर हस्ताक्षर करने ही वाले थे कि तभी तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कीव का दौरा किया. जॉनसन की कीव पहुंचने के तुरंत बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस के साथ संधि करने से इंकार कर दिया था. ऐसे में पिछले तीन साल से युद्ध जारी है.
ट्रंप ने जल्द युद्ध रोकने पर दिया जोर
अमेरिका राष्ट्रपति ने रूस के समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात कर निरर्थक युद्ध रोकने पर जोर दिया है. इसके लिए हाल ही में सऊदी अरब की राजधानी रियाद में रूस और अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने वार्ता भी की थी. लेकिन यूक्रेन को इस वार्ता में शामिल न करने से जेलेंस्की को मिर्ची लग गई है और यूरोपीय देशों से मदद की गुहार लगाई है.
जेलेंस्की ने की राष्ट्रपति पद छोड़ने की पेशकश
रूस के साथ जंग की तीसरी वर्षगांठ से ठीक एक दिन पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अपना पद छोड़ने की पेशकश की है. जेलेंस्की ने कहा है कि अगर राष्ट्रपति पद छोड़ने से यूक्रेन में शांति आती है तो इसके लिए तैयार है. यूक्रेनी राष्ट्रपति ने नाटो की सदस्यता के बदले भी पद छोड़ने की पेशकश की है. (https://x.com/ZelenskyyUa/status/1893903871040463251)
राजधानी कीव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जेलेंस्की ने देश की कमान छोड़ने की बात कही है. जेलेंस्की ने कहा कि अगर राष्ट्रपति पद छोड़ने से शांति नहीं मिलती है तो नाटो की सदस्यता मिलनी चाहिए.