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रुसी सेना यूक्रेन में दस किलोमीटर अंदर दाखिल, पुतिन ने कहा नहीं करेंगे खारकीव पर कब्जा

रुसी सेना ने एक बार फिर यूक्रेन में जमीनी हमले कर 10 किलोमीटर अंदर तक बढ़त बनी ली है. इस बार रूसी सेना ने उत्तर में यूक्रेन के खारकीव प्रांत के कम से कम एक दर्जन गांवों को कब्जा कर लिया है. हालांकि, रुस का कहना है कि खारकीव (शहर) पर कब्जा करना मकसद नहीं है लेकिन घबराए यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की आनन-फानन में जायजा लेने के लिए जंग के मैदान में पहुंच गए हैं और एक बार फिर अमेरिका से हथियारों की मांग की है. 

दो दिवसीय चीन की यात्रा (16-17 मई) पर गए पुतिन ने कहा है कि रूसी सेना खारकीव शहर पर फिलहाल कब्जा करने की कोई तैयारी नहीं कर रही है. खारकीव (प्रांत) के कुछ इलाकों पर इसलिए कब्जा किया गया है ताकि सीमावर्ती रुसी इलाकों के बीच एक सेनेटरी-जोन (बफर जोन) बना दिया जाए. पुतिन ने खारकीव में रूसी सेना के हमलों के लिए जेलेंस्की को ही जिम्मेदार ठहराया है. पुतिन के मुताबिक, खारकीव से सटे रुसी बेलगोरोड शहर के रिहायशी इलाकों में आए दिन यूक्रेन की तरह से मिसाइल या फिर ड्रोन अटैक हो रहे हैं. ऐसे में सिक्योरिटी-जोन बनाया जाना बेहद जरुरी है. यूक्रेन की राजधानी कीव से खारकीव (या खारकोव) की दूरी करीब 500 किलोमीटर की है. रुस के बेलगोरोड शहर से खारकीव की दूरी महज 70-80 किलोमीटर है (https://x.com/neeraj_rajput/status/1507573256789839872).

आपको बता दें कि पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियां पहले ही आगाह कर चुकी थी कि डोनबास के एक बड़े हिस्से को रुस में मिलाने के बाद मई के महीने में रूसी सेना ग्राउंड अटैक कर सकती हैं. यही वजह है कि शुक्रवार को खुद जेलेंस्की ने खारकीव का दौरा किया. खुद जेलेंस्की ने माना है कि रूसी सेना बॉर्डर से दस किलोमीटर अंदर तक दाखिल हो गई है और 10-12 गांवों पर कब्जा कर लिया है. ऐसे में जेलेंस्की ने एक बार फिर एयर डिफेंस मिसाइल पैट्रियाट की मांग की है. हालांकि, अमेरिका पहले ही यूक्रेन के लिए 61 बिलियन डॉलर की मदद की घोषणा कर चुका है. हफ्ते के शुरुआत में खुद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कीव का दौरा किया था. 

चीन के हार्बिन शहर में मीडिया से बातचीत में पुतिन ने कहा कि यूक्रेन से विवाद सुलझाने के लिए वार्ता से कभी मना नहीं किया है. लेकिन पुतिन ने साफ कर दिया कि यूक्रेन के उन इलाकों पर कोई बातचीत नहीं की जाएगी जो अब रुस के अधिकार-क्षेत्र में है. साथ ही पुतिन ने अगले महीने स्विट्जरलैंड में होने जा रही शांति वार्ता को लेकर भी संशय जाहिर किया. उन्होंने कहा कि अगर रुस इस शांति सम्मेलन में नहीं दिखाई देता है तो हमें ये मंजूर नहीं है. रुस किसी अल्टीमेटम के दबाव में नहीं आने वाला है. पुतिन ने यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए चीन के प्रयासों की भी सराहना की. पुतिन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हाल के फ्रांस और दूसरे यूरोपीय देशों की यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर समाधान निकालने के लिए तारीफ की (https://thefinalassault.com/china-russia-lmabast-military-alliance-in-indo-pacific/).

रुस-यूक्रेन युद्ध को दो साल से ज्यादा बीत चुके हैं. रुस ने यूक्रेन के एक चौथाई हिस्से पर कब्जा कर लिया है. रूसी सेना के खिलाफ यूक्रेन का काउंटर-ऑफेंसिव फेल हो चुका है. यूक्रेन के डोनबास (दोनेत्स्क, लुहांस्क, मारियुपोल, जपोरिजिया इत्यादि) इलाकों पर कब्जा कर रुस ने जनमत संग्रह के जरिए इन इलाकों को रशियन फेडरेशन में शामिल कर लिए हैं. हाल ही में रुस के राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में इन इलाकों ने भी वोटिंग की थी. लेकिन यूक्रेन के सामने अब खारकीव प्रांत में भी जमीन खिसकती नजर आ रही है. 

(नीरज राजपूत ने यूक्रेन युद्ध के शुरुआती हफ्तों में बेलगोरोड-खारकीव सीमा से रिपोर्टिंग की थी और ‘ऑपरेशन Z लाइव’ से पुस्तक भी लिखी है.)

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