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यूक्रेन बॉर्डर में घुसी रूसी सेना, सुमी के गांव पर किया कब्जा

कुर्स्क से यूक्रेनी सेना को खदेड़ने के बाद रूस ने यूक्रेन के सीमावर्ती इलाकों में कब्जा करना शुरू कर दिया है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन के सुमी प्रांत के एक गांव पर अधिकार जमाने का ऐलान किया है. अभी तक रूस और यूक्रेन की लड़ाई मुख्य तौर पर डोनबास तक सीमित थी. लेकिन कुर्स्क में यूक्रेनी सेना के हमले के बाद अब रूस ने डोनबास से दूर यूक्रेन के दूसरे इलाकों में भी आगे बढ़ना शुरु कर दिया है.

अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जहां इस महीने ईस्टर (20 अप्रैल) से पहले रूस और यूक्रेन के बीच अस्थाई तौर से युद्धविराम की उम्मीद जताई है. लेकिन, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के यूरोपीय देशों के साथ नई इंटरनेशनल फोर्स खड़ी करने और रूसी सेना के यूक्रेन के सुमी और खारकीव (खारकोव) प्रांत में रूसी सेना के मूवमेंट से जंग जल्द समाप्त होती नहीं नजर आ रही है.

दोनों देशों की सेना एक दूसरे के बिजली और गैंस सहित ऊर्जा संयंत्रों पर हमलों के आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं तो रूसी सेना अब बॉर्डर पार कर यूक्रेनी इलाकों में घुस गई है.

सुमी के गांव पर कब्जे से कुर्स्क में बचे यूक्रेनी सैनिकों तक सप्लाई पहुंचाना होगा कठिन

रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सुमी ओब्लास्ट (प्रांत) के बसिव्का (या बसोवका) गांव को यूक्रेन के अधिकार से मुक्त करा लिया गया है. रूस का दावा है कि इस गांव के कब्जा करने से कुर्स्क में बचे-खुचे यूक्रेनी सैनिकों को जरूरी सप्लाई पहुंचा बेहद मुश्किल हो जाएगा.

यूक्रेन ने हालांकि, रूस के दावों को गलत बताते हुए कहा है कि सुमी के जरिए अभी भी कुर्स्क में तैनात यूक्रेनी सैनिकों को रसद और दूसरी जरूरी सप्लाई पहुंचाई जा सकती है.

कुर्स्क के 80 प्रतिशत इलाकों से यूक्रेनी सैनिकों को खदेड़ने के बाद रूसी सेना दाखिल हुई यूक्रेनी सीमा में

पिछले महीने रूसी सेना ने गैस पाइपलाइन के जरिए बिहाइंड द एनिमी लाइंस जाकर यूक्रेनी सेना को कुर्स्क से खदेड़ दिया था. रूस के 1300 स्क्वायर वर्ग किलोमीटर के इलाके पर यूक्रेनी सेना ने पिछले साल अगस्त में कब्जा कर लिया था. करीब छह महीने बाद यानी मार्च 2025 में रूसी सेना ने दावा किया है कि यूक्रेन से 80 प्रतिशत इलाके को मुक्त करा लिया गया है. कुर्स्क में एक बार फिर जमने के बाद रूसी सेना ने यूक्रेन के सीमावर्ती सुमी इलाके में बढ़ना शुरू कर दिया है. (गैस पाइप-लाइन में 800 सैनिकों का 10 किलोमीटर का मूवमेंट, यूक्रेनी खेमे में मचा हड़कंप)

कुर्स्क में तबाह किए तीन बिलियन डॉलर के नाटो हथियार: रूस

रूस के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि पिछले छह महीने में कुर्स्क ऑपरेशन में यूक्रेन के 70 हजार से ज्यादा सैनिकों को मार गिराया गया है. साथ ही यूक्रेन (और नाटो देशों) के 1500 टैंक, आर्मर्ड व्हीकल्स और दूसरे सैन्य वाहनों को तबाह किया गया है. 

 रूस का दावा है कि इन हथियार, मिलिट्री व्हीकल और दूसरे सैन्य उपकरणों की कुल कीमत 03 बिलियन डॉलर यानी 25 हजार करोड़ रुपये है. (कैमोफ्लाज में पुतिन, कुर्स्क में सेना की चौकी का दौरा कर पूरी दुनिया को चौंकाया)

खारकीव में भी घुसी थी रुसी सेना 

कुछ महीने पहले जब यूक्रेनी सेना ने रूस के बेलगोरोड में हवाई हमले किए थे, तब रूसी सेना ने यूक्रेनी बॉर्डर पार कर खारकीव (खारकोव) में 10 किलोमीटर भीतर घुसकर कई यूक्रेनी गांवों पर कब्जा कर लिया था.

डोनबास को पूरी तरह खो दिया है यूक्रेन ने

डोनबास (दोनेत्स्क और लुहांस्क) के भी बचे हुए गांवों और रिहायशी इलाकों में रूसी सेना लगातार यूक्रेनी सेना को खदेड़ने में जुटी है. यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क में भी 15-20 प्रतिशत इलाकों पर अभी भी यूक्रेन का कब्जा है.

फरवरी 2022 से पहले पूरा डोनबास (दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसोन और जपोरिजिया) इलाका यूक्रेन का हिस्सा था. लेकिन रूस के ‘स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन’ (आक्रमण) के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनबास को पहले स्वतंत्र राष्ट्र (दो अलग-अलग देश) और फिर रशियन फेडरेशन में शामिल करने की घोषणा कर दी थी. तभी से डोनबास का 80 प्रतिशत इलाका रशिया के कब्जे में चला गया है, जो यूक्रेन के कुल क्षेत्रफल का करीब 20 प्रतिशत है.