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रूसी डिप्टी नेवी चीफ की मौत, बूचा नरसंहार के बाद चर्चा में आए थे

कुर्स्क क्षेत्र पर पूरी तरह से कब्जा करने का दावा करने वाले रूस को लगा है तगड़ा झटका. रूस की नौसेना के डिप्टी चीफ मेजर जनरल मिखाइल गुडकोव की मौत हो गई है. रूसी अधिकारियों के मुताबिक, गुडकोव की मौत कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन द्वारा किए गए एक हमले में हुई. 

रूसी रक्षा मंत्रालय ने मेजर जनरल मिखाइल गुडकोव की मौत की पुष्टि की है. मिखाइल गुडकोव को मार्च 2025 में रूसी नौसेना का डिप्टी हेड नियुक्त किया गया था. इससे पहले गुडकोव रूस की इनफेमस 155वीं नेवल इंफेंट्री ब्रिगेड के कमांडर थे. इसी ब्रिगेड पर बूचा नरसंहार का आरोप लगा था.

रूस के डिप्टी नेवी चीफ की मौत कैसे हुई

यूक्रेन की सीमा से सटे कुर्स्क क्षेत्र के कोरेनेवो में स्थित एक कमांड पोस्ट को यूक्रेन की सेना ने निशाना बनाया. रूसी और यूक्रेनी सैन्य टेलीग्राम पर इस हमले को लेकर जानकारियां साझा की जा रही थीं. यूक्रेन की ओर से दावा किया गया था कि एक उच्चस्तरीय रूसी सैन्य अधिकारी समेत कई जवान मारे गए हैं. 

बाद में गवर्नर कोझेम्याको ने इन खबरों की पुष्टि की, कि मृतक अधिकारी मिखाइल गुडकोव ही थे, जो रूसी नौसेना के डिप्टी हेड होने के साथ-साथ यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में सक्रिय एक ब्रिगेड की कमान भी संभाल रहे थे.

जनरल गुडकोव की मौत से रूसी सैन्य कमान को बड़ा झटका

रूस के डिप्टी नेवी चीफ की मौत को साल 2022 से चल रहे युद्ध में बड़ी क्षति मानी जा रही है. जनरल गुडकोव, यूक्रेनी हमले में मारे गए सबसे वरिष्ठ रूसी सैन्य अधिकारियों में से एक हैं. सिर्फ समंदर ही नहीं, यूक्रेन के खिलाफ रूसी जमीनी ऑपरेशनों में भी जनरल गुडकोव की सक्रिय भूमिका थी. मेजर जनरल मिखाइल गुडकोव, रूसी नौसेना की इन्फेंट्री ब्रिगेड से थे. उनकी रणनीतिक क्षमताएं और कमान शैली रूसी सेना के भीतर प्रभावशाली मानी जाती थीं. 

मिखाइल गुडकोव पर लगा था बूचा नरसंहार का आरोप

गुडकोव का नाम पहले भी चर्चा में रहा है क्योंकि वो उस सैन्य ब्रिगेड के प्रमुख थे, जिस पर यूक्रेन में नरसंहार जैसे गंभीर आरोप लगे थे. गुडकोव की कमान वाली 155वीं ब्रिगेड पर यूक्रेन युद्ध के दौरान बूचा नरसंहार का आरोप था. साल 2022 में जब यूक्रेनी सेना ने कीव के पास बूचा इलाके को रूसी कब्जे से छुड़ाया, तो वहां सामूहिक कब्रें और आम नागरिकों के शव मिले थे. इसके बाद रूसी सेना के खिलाफ पूरी दुनिया में प्रदर्शन किए गए थे और सैन्य कार्रवाई का विरोध किया गया था. बुचा नरसंहार के वीडियो और तस्वीरें भी वायरल हुई थीं.

रूस ने दी श्रद्धांजलि, बताया असली योद्धा

गुडकोव के शौर्य को देखते हुए उनकी मौत को ‘वीरता का सम्मान’ मिला. गवर्नर ओलेग कोझेम्याको ने गुडकोव को ‘मजबूत जज्बे वाला योद्धा’ बताया. गवर्नर ने कहा कि जनरल ने आखिरी सांस तक अपने सैनिकों के बीच जाकर ड्यूटी निभाई.

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