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सऊदी अरब भी खरीद सकता है Brahmos मिसाइल

MoS Defence Ajay Bhatt at Brahmos Pavilion in World Defence Show in Riyadh.

सऊदी अरब को तोप के गोले निर्यात करने के साथ ही भारत, ब्रह्मोस मिसाइल भी देने की तैयारी कर रहा है. सऊदी की राजधानी रियाद में इन दिनों चल रहे वर्ल्ड डिफेंस शो (4-8 फरवरी) में ब्रह्मोस कंपनी भी अपनी मिसाइल को प्रदर्शित कर रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि खाड़ी क्षेत्र के मित्र-देशों को भारत अपना प्राइम स्ट्राइक वेपन देने के लिए तैयार है. 

जानकारी के मुताबिक, वर्ल्ड डिफेंस शो के दौरान सऊदी अरब ने ब्रह्मोस खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. सऊदी अरब के दौरे पर गए रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भी डिफेंस शो में ब्रह्मोस पवेलियन का दौरा किया. मंगलवार को रक्षा राज्य मंत्री की उपस्थिति में भारत के सरकारी रक्षा उपक्रम म्युनिशन इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) ने सऊदी अरब को आर्टिलरी एम्युनिशन निर्यात करने का करार किया था. 

रक्षा राज्यमंत्री की रियाद यात्रा को लेकर भारत के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि अजय भट्ट ने सऊदी अरब के अपने समकक्ष से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर खास बातचीत की है. 

अगर सऊदी अरब भारत से ब्रह्मोस लेता है तो वो ऐसा करने वाला दूसरा देश होगा. भारत ने वर्ष 2022 में फिलीपींस से भी ब्रह्मोस मिसाइल निर्यात करने का करार किया था. माना जा रहा है कि अगले कुछ महीनों में फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की सप्लाई शुरु हो जाएगी. करीब 375 मिलियन डॉलर की डील में फिलीपींस को भारत से ब्रह्मोस मिसाइल की तीन बैटरियां मिल रही हैं. इन एंटी-शिप मिसाइलों को फिलीपींस अपनी समुद्री-तटों की सुरक्षा में तैनात करेगा. 

भारत ने रूस की मदद से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का निर्माण किया है. भारत की सेना के तीनों अंग यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल करती हैं. थलसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल को चीन और पाकिस्तान से सटी सीमा पर तैनात कर रखा है तो वायुसेना ने सुखोई फाइटर जेट को ब्रह्मोस से लैस किया है. भारतीय नौसेना के स्वदेशी डेस्ट्रोयर (युद्धपोत) भी ब्रह्मोस मिसाइल से लैस हैं. इसके अलावा समुद्री-तटों की सुरक्षा के लिए भी ब्रह्मोस को तैनात किया गया है. ब्रह्मोस की रेंज करीब 280 किलोमीटर थी जिसे बढ़ाकर अब 600 किलोमीटर कर दिया गया है. 

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