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सऊदी-पाकिस्तान डील: भारत नहीं, असल वजह यहां जानें!

इजरायल के कतर पर हुए हमले के महज चंद दिनों के भीतर सऊदी अरब ने पाकिस्तान के साथ स्ट्रैटेजिक डिफेंस समझौता किया है. समझौते के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर सऊदी की राजधानी रियाद में मौजूद थे. करार के तहत, दोनों देशों ने एक दूसरे पर हमले के दौरान मदद करने के लिए हाथ मिलाया है.

भारत कर रहा है समझौते के असर की समीक्षा

पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारत ने मई के महीने में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर बड़ा हमला किया था. ऐसे में इस करार को लेकर भारत में भी शंका पैदा हो रही है. क्योंकि भारत के सऊदी से मजबूत संबंध रहे हैं. भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, सऊदी और पाकिस्तान के इस सामरिक रक्षा करार के बारे में पहले से जानकारी थी और इसका भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर क्या असर हो सकता है, समीक्षा की जा रही है.

मिडिल-ईस्ट में जंग और तनाव है सामरिक रक्षा समझौते का असल कारण

जानकारी के मुताबिक, सऊदी और पाकिस्तान के करार का भारत से ज्यादा मिडिल-ईस्ट के देशों में चल रहे युद्ध, तनाव और रस्साकशी से ज्यादा जुड़ा है. पिछले दो वर्षों से इजरायल-हमास का युद्ध चल रहा है और इजरायल ने सीरिया से लेकर ईरान और कतर तक पर हमला किया है. दूसरी तरफ यमन, सीरिया और ईरान के सऊदी से खराब संबंध हैं. ऐसे में सऊदी को सुरक्षा कवच की जरूरत है, जो पाकिस्तान मुहैया कराएगा.

परमाणु हथियार के बदले पाकिस्तान को मिलेगा सऊदी से पैसा

माना जा रहा है कि समझौते के तहत सऊदी पर अगर कोई हमला होता है तो पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों से मदद करेगा. बदले में सऊदी पैसे के जरिए पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने की कोशिश करेगा. पाकिस्तान के आयुद्य में परमाणु हथियारों का एक बड़ा जखीरा है, जिसमें टेक्टिकल से लेकर स्ट्रेटेजिक मिसाइल शामिल हैं.

समझौते के तहत, दोनों देश अपनी-अपनी सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास तो करेंगे है, किसी एक पर हुआ हमला, दूसरे पर माना जाएगा. ऐसा ही एक करार हाल ही में रूस और उत्तर कोरिया ने किया था. 

शहबाज शरीफ के रियाद की एयर स्पेस में पहुंचने पर सऊदी अरब के फाइटर जेट ने पाकिस्तानी विमान को एस्कॉर्ट किया. 

इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने दी है कतर और पाकिस्तान को धमकी

दरअसल, पाकिस्तान ने ये करार इसलिए किया है क्योंकि पिछले हफ्ते ही इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कतर और पाकिस्तान, दोनों को ही धमकी दी थी कि अगर किसी भी देश ने (हमास के) आतंकियों को पनाह दी तो बुरे परिणाम भुगतने होंगे. इसके बाद ही इजरायल ने अमेरिका के मिलिट्री पार्टनर, कतर पर हवाई हमले कर हमास के आतंकियों को मार गिराया था.

हमास के आतंकियों को देखा गया है पाकिस्तान में

हाल के महीनों में हमास के आतंकियों को पाकिस्तान (और पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर यानी पीओके) में भी देखा गया है. भारत की खुफिया एजेंसियों को पूरा यकीन है कि पहलगाम हमले (24 अप्रैल) की साजिश इसी वर्ष फरवरी के महीने में रावलकोट (पीओके) में आयोजित एक जलसे में की गई थी, जिसमें पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के साथ हमास के आतंकी भी मौजूद थे. साथ ही जैश के बहावलपुर स्थित मुख्यालय में भी हमास के आतंकियों की आवभगत की जाती रही है. यही वजह है कि पाकिस्तान को इजरायल के हमला का खौफ सता रहा है.

पाकिस्तान के लिए सऊदी से करार इसलिए भी जरूरी है क्योंकि भारत और इजरायल के मजबूत सामरिक संबंध दुनिया से छिपे नहीं रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी भारत ने इजरायल से लिए ड्रोन और मिसाइल का इस्तेमाल पाकिस्तान पर हमले के लिए किया था. 

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