चीन के तियानजिन में जहां विश्व के सशक्त नेता जुटे हुए हैं, वहीं उनके बीच आए आतंकिस्तान यानि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की एक हरकत का मजाक उड़ाया जा रहा है. दुनिया का कोई मंच हो, कोई जगह हो, शहबाज शरीफ अपने देश की खिल्ली ना उड़वाएं ऐसा हो नहीं सकता.
एससीओ में ग्रुप फोटो सेशन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से हाथ मिलाने के लिए शहबाज शरीफ किसी बच्चे की तरह कूद पड़े. शहबाज शरीफ ऐसी जल्दबाजी में थे कि भीड़ के बीच में ही घुस गए और इसी हरकत के कारण पाकिस्तान की एक बार फिर बेइज्जती हुई है.
ये वही शहबाज शरीफ हैं, जिन्होंने एक मंच पर पुतिन को छोड़कर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से पहले हाथ मिलाया था, जिसको लेकर पाकिस्तान की बहुत फजीहत हुई थी.
एससीओ के मंच पर शहबाज की उलछ कूद, हुए ट्रोल
एससीओ समिट में शहबाज शरीफ ने ग्रुप फोटो सेशन के दौरान ऐसी हरकत की कि पाकिस्तान की बेइज्जती हो गई. पुतिन से हाथ मिलाने की इतनी जल्दबाजी थी कि अपनी बारी का इंतजार तक नहीं किया. फोटो खींचे जाने के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पुतिन साथ-साथ आगे बढ़ रहे थे. इस दौरान खड़े कई नेताओं ने जिनपिंग और पुतिन का अभिवादन किया. लेकिन शहबाज शरीफ ने तो हद ही कर दी.
शहबाज, भीड़ को चीरते हुए लगभग कूदते हुए पुतिन से हाथ मिलाने के लिए पहुंच गए. हाव भाव किसी बच्चे जैसा था. जबकि ऐसे बड़े मंच पर बाकी राष्ट्राध्यक्ष बेहद संयमित दिख रहे थे, लेकिन शहबाज शरीफ की इसी उत्सुकता से उनका मजाक उड़ाया जा रहा है.
शहबाज की इस हरकर पर जिनपिंग ने चेहरा फेरा
शहबाज शरीफ की हरकत के कारण पुतिन के साथ चल रहे शी जिनपिंग भी नहीं समझ पाए, कि हुआ क्या. शहबाज की जल्दबाजी देखते हुए जिनपिंग दूसरी ओर देखने लगे.
शहबाज की इस उछल कूद का वीडियो वायरल हो गया है, और लोग तरह तरह का कमेंट कर रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि शहबाज शरीफ चलते फिरते शर्मिंदा करने वाले शख्स हैं.
जब पुतिन को देखकर कन्फ्यूज हुए शहबाज, राष्ट्रपति की जगह लावरोव से मिलाया हाथ
बात बहुत पुरानी नहीं, पिछले साल कजाकिस्तान में शहबाज शरीफ और पुतिन के बीच मुलाकात हुई. इस दौरान तो शहबाज शरीफ यही भूल गए की रूसी राष्ट्रपति कौन हैं. पुतिन के साथ विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव थे. पुतिन खड़े रहे और शहबाज शरीफ आगे बढ़ते हुए लावरोव से हाथ मिलाने लगे. बाद में शहबाज की तरफ इशारा किया गया तो वो पुतिन के आगे आकर हाथ मिलाने लगे.
वहीं उज्बेकिस्तान में तो एक और मजेदार घटना हुई, जब पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान ट्रांसलेट करने वाला हेडफोन ही नहीं लगा पाए. पुतिन सामने बैठे हुए थे और शहबाज को समझ ही नहीं आ रहा था कि हेडफोन लगेगा कैसे. शहबाज ये कहने लगे कि कोई मदद कर दे. इसे देखकर पुतिन की हंसी छूट गई, जो कैमरे में कैद हो गई.