ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में अगले महीने होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए रखी गई डिनर पार्ट से चीनी राष्ट्रपति के नाराजगी की खबर है. शी जिनपिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला द सिल्वा से इस कदर नाराज हुए हैं कि वो अब ब्रिक्स सम्मेलन में नहीं आने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि शी जिनपिंग खुद न आकर अपने प्रतिनिधि के तौर पर प्रधानमंत्री ली कियांग को भेजेंगे. हालांकि चीन ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
शी ने ब्रिक्स के शेड्यूल को न आने की वजह बताया है, लेकिन जानकार बता रहे हैं कि ब्रिक्स पहले से शेड्यूल होता है, ऐसे में शेड्यूल सिर्फ शी जिनपिंग का बहाना है. दरअसल पीएम मोदी के स्पेशल डिनर को लेकर चीनी राष्ट्रपति खफा हैं.
ब्राजील ने किया पीएम मोदी के लिए विशेष डिनर पर आयोजन
अमेरिका के सामने बेहद ही मजबूत माने जाने वाला ब्रिक्स सम्मेलन अगले महीने के 6-7 जुलाई को ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में होने वाला है. ब्राजील के राष्ट्रपति लूला द सिल्वा ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मेलन के बाद विशेष स्टेट डिनर के लिए आमंत्रित किया है. जो बीजिंग को पसंद नहीं आ रहा है. बीजिंग को ऐसा लग रहा है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी होने के बावजूद ब्राजील में आयोजित पीएम मोदी का डिनर कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहेगा. पीएम मोदी सशक्त नजर आएंगे, जबकि शी जिनपिंग साइड लाइन हो सकते हैं.
अगर शी जिनपिंग ने बनाई ब्रिक्स सम्मेलन से दूरी तो ब्रिक्स की छवि पर पड़ेगा असर!
चीनी मीडिया ने दावा किया है कि इस साल ब्रिक्स सम्मेलन में अपने शेड्यूल के कारण शी जिनपिंग नहीं शामिल होंगे. अगर ऐसा होता है तो 12 साल पहले राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से यह समिट में उनकी पहली गैरमौजूदगी होगी. ब्रिक्स में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और साउथ कोरिया शामिल हैं. इस ग्रुप में पांच अतिरिक्त सदस्य मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को भी शामिल किया गया हैं.
पिछले साल रूस के कजान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ही पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी. इस मीटिंग से पहले गलवान घाटी के तनाव को कम किया गया था. भारत-चीन के बीच संबंध सुधारने पर जोर देते हुए पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पेट्रोलिंग पर सहमति बनी थी.
चीन ने नहीं बताया अपना प्लान, जिनपिंग के न आने की बात ब्राजील से बताई गई
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने जिनपिंग के फैसले के बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीन की गैरमौजूदगी के बारे में सही समय पर जानकारी मुहैया कराई जाएगी.
जिनपिंग के शामिल न होने की बात ब्राजील से आई, जहां अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि बीजिंग ने ब्राजील सरकार को सूचित किया है कि शी जिनपिंग के शेड्यूल मैच नहीं कर रहा है.
ब्रिक्स में नहीं तो एससीओ में मिल सकते हैं मोदी-जिनपिंग
अगर जिनपिंग रियो डी जेनेरियो में होने वाले शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होते हैं, तो जिनपिंग-मोदी बैठक का अगला मौका चीन में आयोजित होने वाला एससीओ शिखर सम्मेलन हो सकता है. अगर प्रधानमंत्री मोदी एससीओ सम्मेलन में जाते हैं तो. एससीओ की इस साल चीन अध्यक्षता कर रहा है. एससीओ की एनएसए और रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारतीय एनएसए अजीत डोवल और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन पहुंचे हैं.