भारतीय सेना की शुरुआती जांच में पता चला है कि सुंजवां आर्मी कैंप (जम्मू) में हुई फायरिंग कोई आतंकी हमला नहीं था. फायरिंग में सोमवार सुबह कैंप के गेट पर तैनात एक संतरी की जान चली गई थी. फायरिंग के बाद इस बात का अंदेशा था कि आतंकी फायरिंग कर भाग खड़े हुए हैं.
सामने आई सुंजवां कैंप में हुई फायरिंग की वजह
सोमवार सुबह तकरीबन 11 बजे सुंजवां कैंप में फायरिंग की आवाज से हड़कंप मच गया. फौरन कैंप की घेराबंदी कर दी गई थी. आसपास के इलाके में भी अलर्ट जारी कर दिया गया. शुरुआती जांच में कहा जाने लगा कि 2-3 आतंकियों ने सेना के कैंप पर फायरिंग की थी. गोली गेट पर तैनात एक संतरी को लगी थी. इलाज के दौरान संतरी की मौत हो गई.
कई घंटों की जांच के बाद अब खुलासा हुआ है कि सेना के कैंप पर कोई आतंकी हमला नहीं हुआ है. हालांकि गोली किसने चलाई और संतरी की मौत की असली वजह क्या है, इसपर सेना ने कोई बयान जारी नहीं किया है. पर सेना ने सुंजवां कैंप में हुई फायरिंग को आतंकी हमला मानने से इनकार कर दिया है.
संतरी की मौत हत्या, सुसाइड या हादसा?
अब सवाल ये उठता है कि अगर संतरी को गोली किसी आतंकी ने नहीं मारी तो फिर फायरिंग किसने और क्यों की. क्या गलती से बंदूक चलने से संतरी की मौत हुई या ये आत्महत्या का मामला है या फिर किसी रंजिश की वजह से संतरी को गोली मारी गई. संतरी की मौत के पीछे की वजह को लेकर सेना ने कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है. हालांकि मौत की वजह जानने के लिए जांच शुरु कर दी गई है.
फरवरी 2018 में सुजवां कैंप पर पहले भी हुआ था हमला
फरवरी 2018 में सेना के कैंप की दीवार फांदकर आतंकवादियों ने सुंजवां सैन्य शिविर पर हमला किया था. जैश-ए-मोहम्मद का फिदायीन दस्ता तड़के सैन्य शिविर में घुस आया था. 40 घंटे चले ऑपरेशन के बाद चार आतंकियों को मार गिराया गया था. जबकि आतंकियों से लोहा लेते हुए छह सैनिक भी वीरगति को प्राप्त हुए थे. एनकाउंटर के दौरान एक नागरिक की भी मौत हो गई थी. मारे गए आतंकियों के पास से जैश ए मोहम्मद का झंडा बरामद किया गया था.
सुजवां कैंप के मास्टरमाइंड को पाकिस्तान में ‘जेम्स बॉन्ड’ ने मारा
इसी साल जून के महीने में पाकिस्तान में आईएसआई एजेंट और रिटायर्ड ब्रिगेडियर आमिर हमजा की सीक्रेट शूटर्स ने हत्या कर दी थी. पाकिस्तान के रिटायर्ड ब्रिगेडियर आमिर हमजा को ही साल 2018 में जम्मू और कश्मीर में हुए सुंजवां आर्मी कैंप हुए हमला का मास्टरमाइंड माना जाता था. आमिर हमजा के अलावा पिछले साल नवंबर में लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर ख्वाजा शाहिद उर्फ मियां मुजाहिद की हत्या कर दी गई थी. शाहिद का शव पीओके में मिला था. शाहिद भी सुंजवा आर्मी कैंप हमले में शामिल था.
18 सितंबर को पहले चरण का चुनाव
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरु हो चुका है. 18 सितंबर को दक्षिण कश्मीर में जिलों में वोटिंग होनी है. दो दिन पहले शनिवार को सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने चिनाब घाटी के डोडा और किश्तवाड़ जिलों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी, क्योंकि ये वही इलाके हैं, जहां पर वोटिंग होनी है. आशंका इस बात की है कि जिस तरह से जम्मू कश्मीर के लोग बढ़चढ़ कर चुनावों में हिस्सा ले रहे हैं. ऐसे में जब सोमवार को सुंजवां कैंप में फायरिंग की घटना हुई तो पहले यही अंदेशा था कि ये आतंकियों की करतूत हो सकती है. लेकिन अब साफ हो गया है कि ये आतंकी हमला नहीं है.